गर्मियों में खूब बिकता है यह फल, बस एक बार लगाइए सालों साल कमाइए

Mulberry Cultivation : गाँव में खेती करने वाले भाइयों के लिए बौना शहतूत एक शानदार फसल है। शहतूत का पेड़ (Morus spp.) आमतौर पर बड़ा होता है, मगर बौनी किस्म छोटी रहती है 3-6 फीट तक और गमले या छोटे खेत में आसानी से उगाई जा सकती है। इसके फल (मलबेरी) मीठे और रसीले होते हैं, जो काले, लाल या सफेद रंग के हो सकते हैं। ये फल खाने, जूस, जैम और सुखाकर बेचने के लिए बढ़िया हैं। पत्तियाँ रेशम के कीड़ों को खिलाने के काम आती हैं। गर्म और ठंडे दोनों मौसम में ये बढ़ता है। आइए जानते हैं कि बौने शहतूत की खेती कैसे करें।

बौने शहतूत को समझें

बौना शहतूत छोटा पेड़ है, जो कम जगह लेता है और 1-2 साल में फल देना शुरू कर देता है। ये 10-15 साल तक चलता है और हर साल 5-10 किलो फल दे सकता है। इसके फल विटामिन C, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। गाँव में इसे खेत के किनारे, आँगन या गमले में उगा सकते हैं। ये रेशम उद्योग के लिए भी फायदेमंद है, क्यूंकि पत्तियाँ सिल्कवर्म को खिलाई जा सकती हैं। बाज़ार में फल 100-200 रुपये किलो तक बिकते हैं।

खेत या गमला तैयार करें

बौने शहतूत के लिए ऐसी जगह चुनें जहाँ 5-6 घंटे धूप आए। दोमट या बलुई मिट्टी इसके लिए बढ़िया है, जिसका pH 6-7 हो। खेत में लगाने के लिए 1 फीट गहरा और 1 फीट चौड़ा गड्ढा खोदें, पेड़ों के बीच 5-6 फीट की दूरी रखें। गमले में उगाना हो तो 12-15 इंच का गमला लें। मिट्टी में 5-7 किलो गोबर की खाद और थोड़ी रेत मिलाएँ। पानी जमा न हो, इसके लिए गड्ढे या गमले में जल निकासी रखें। फरवरी-मार्च या जून-जुलाई में रोपाई करें।

पौधा कैसे लगाएं

बौने शहतूत को बीज, कटिंग या नर्सरी से पौधे से उगाते हैं। बीज से उगाने के लिए ताजे फल से बीज निकालें, धोकर 24 घंटे पानी में भिगो दें और 1 इंच गहरा बोएं। कटिंग से शुरू करना हो तो 6-8 इंच की टहनी काटें, नीचे की पत्तियाँ हटाएँ और मिट्टी में दबाएँ। नर्सरी से 1-2 फीट का पौधा लेना आसान है। गड्ढे या गमले में पौधा लगाएँ, जड़ों को मिट्टी से ढकें और हल्का पानी दें। बारिश का मौसम रोपाई के लिए बढ़िया है।

बीज या पौधा कहाँ से लें

बौने शहतूत के बीज या पौधे गाँव की नर्सरी से मिल सकते हैं। वहाँ ‘ड्वार्फ एवरबेयरिंग’ या ‘चार्लोट रूस’ जैसी किस्में पूछें। सरकारी बागवानी केंद्र या कृषि विभाग से सस्ते में पौधे मिलते हैं। ऑनलाइन नर्सरी लाइव, उगाओ.कॉम या इंडिया मार्ट पर 100-300 रुपये में पौधे उपलब्ध हैं। बीज चाहिए तो ताजे शहतूत फल से निकालें या किसी किसान से माँग लें। पौधा लेते वक्त देखें कि वो स्वस्थ और रोगमुक्त हो।

पानी और देखभाल का तरीका

पहले साल बौने शहतूत को हफ्ते में 2-3 बार पानी दें, मगर मिट्टी गीली न रहे। बड़ा होने पर बारिश काफी है, गर्मी में पानी बढ़ाएँ। हर 2-3 महीने में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालें। नीम की खली कीटों से बचाती है। खरपतवार को हाथ से निकालें। कीट (जैसे एफिड्स) से बचाने के लिए नीम का तेल छिड़कें। पेड़ को 4-5 फीट पर काट-छाँट करें, ताकि फल आसानी से तोड़ सकें।

कटाई कब और कैसे करें

बौना शहतूत 1-2 साल में फल देना शुरू करता है। फल पकने पर काले, लाल या सफेद हो जाते हैं – इन्हें हाथ से तोड़ लें। कटाई मार्च-मई और सितंबर-नवंबर में होती है। एक पेड़ से 5-10 किलो फल मिलते हैं। ताजा खाएं, सुखाएँ या जैम बनाएँ। पत्तियों को रेशम के कीड़ों के लिए सुखाकर रखें। बाज़ार में बेचने से अच्छा दाम मिलता है। प्रति हेक्टेयर 500-700 पेड़ लगाकर 2-3 टन फल मिल सकते हैं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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