भारत में मशरूम की खेती अब केवल बड़े किसानों या प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रही। थोड़ी समझदारी और शुरुआती निवेश से इसे कोई भी किसान या युवा अपने घर के कमरे या बायोफार्म यूनिट में शुरू कर सकता है। खास बात यह है कि 10×10 फीट के छोटे कमरे में भी 5 से 6 क्विंटल तक मशरूम उगाया जा सकता है, जिससे सालभर में लाखों रुपये की कमाई संभव है। अगर आपकी जेब में ₹50,000 हैं, तो आप भी यह खेती शुरू कर सकते हैं।
सही किस्म का चुनाव
शुरुआती किसानों के लिए दो किस्में सबसे आसान और फायदेमंद हैं बटन मशरूम (सफेद मशरूम) और ऑयस्टर मशरूम (ढींगरी)। ऑयस्टर मशरूम की खेती सस्ती और कम तापमान नियंत्रण वाली होती है, इसलिए 10×10 कमरे में इसके साथ शुरुआत करना बेहतर रहेगा। बटन मशरूम की खेती में थोड़ा ज्यादा तापमान नियंत्रण चाहिए, लेकिन इसकी बाजार में कीमत भी अधिक रहती है। एक बार प्रैक्टिकल अनुभव हो जाने के बाद आप दोनों किस्मों की खेती एक साथ भी कर सकते हैं।
बिना खेत के खेती
मशरूम को धूप नहीं बल्कि नमी और ठंडक चाहिए। 10×10 का कमरा पर्याप्त है, बस उसमें 75-85% आर्द्रता और 22-25°C तापमान बनाए रखना जरूरी है। दीवारें सीमेंट की हों और दरवाजा ऐसा हो जिससे रोशनी और हवा नियंत्रित की जा सके। कमरे की दीवारों को 2% फॉर्मेलिन घोल से धो लें ताकि कोई फफूंद या कीट न रह जाए। यदि कमरे में खिड़कियाँ हैं, तो उन्हें मोटे पर्दे से ढक दें। आप चाहें तो ईंट या बांस से मल्टी-लेयर रैक भी बना सकते हैं ताकि कम जगह में अधिक उत्पादन हो।

गेहूं का भूसा सबसे अच्छा
मशरूम उगाने के लिए भूसे की जरूरत होती है। गेहूं या धान का भूसा सबसे अच्छा रहता है। इसे 8 से 10 घंटे तक पानी में भिगोएँ और फिर छानकर सुखाएँ ताकि उसमें हल्की नमी रहे। इसके बाद इसमें फॉर्मेलिन और कार्बेन्डाजिम का घोल मिलाकर कीटाणु नाशक उपचार करें। 24 घंटे ढककर रखें और फिर हवा लगने दें। जब भूसा साफ और बिना गंध का हो जाए, तब यह बीज बोने के लिए तैयार होता है।
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बीज और स्पॉन की व्यवस्था
मशरूम के बीज को “स्पॉन” कहा जाता है, जो ऑनलाइन या कृषि विश्वविद्यालयों से मिल सकता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में कृषि विज्ञान केंद्र और ICAR-DMR (Directorate of Mushroom Research, Solan) प्रमाणित बीज उपलब्ध कराते हैं। 10×10 कमरे में लगभग 40-50 किलो सूखा भूसा और 2-3 किलो स्पॉन पर्याप्त होता है। बीज बोने से पहले हाथों को साफ करें और सब्सट्रेट में परत-दर-परत स्पॉन मिलाएँ। इस प्रक्रिया को “स्पॉनिंग” कहा जाता है।
यही है सफलता की कुंजी
मशरूम की फसल को बढ़ने के लिए ठंडी और नम जगह चाहिए। कमरे में हमेशा 75-85% नमी बनी रहनी चाहिए। इसके लिए आप फर्श पर पानी छिड़क सकते हैं या गीले बोरे लटका सकते हैं। सर्दियों में हीटर और गर्मियों में छोटे कूलर या ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें। ऑयस्टर मशरूम के लिए आदर्श तापमान 22-25°C है, जबकि बटन मशरूम के लिए 15-18°C। कम तापमान में वृद्धि थोड़ी धीमी होती है लेकिन फसल गुणवत्ता में बेहतर मिलती है।

फसल की देखभाल और कटाई
मशरूम के बीज बोने के 18-20 दिन बाद छोटे-छोटे सफेद कल्ले दिखने लगते हैं। इनको “पिनहेड स्टेज” कहते हैं। अगले 5-7 दिनों में ये पूरी तरह विकसित हो जाते हैं। जब मशरूम की टोपी (कैप) खुलने लगे, तभी कटाई करें। उंगलियों से हल्के से घुमाकर तोड़ें, ताकि अगली कलियों को नुकसान न हो। कटाई के बाद मशरूम को ठंडी जगह पर रखें। आप इसे ताजे रूप में बेच सकते हैं या सुखाकर पैकिंग भी कर सकते हैं।
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लागत और संभावित कमाई
10×10 कमरे में मशरूम की खेती शुरू करने के लिए ₹50,000 का बजट पर्याप्त है। इसमें कमरे की सफाई, रैक बनाने, भूसा, बीज, फॉर्मेलिन, ह्यूमिडिफायर और बिजली का खर्च शामिल है। पहली फसल में 4-5 क्विंटल तक उत्पादन संभव है। यदि बाजार में औसतन भाव ₹100 प्रति किलो है, तो ₹40,000 से ₹50,000 तक की आमदनी एक चक्र में मिल सकती है। सालभर में 4-5 चक्र लेकर किसान एक कमरे से ₹2 लाख तक मुनाफा कमा सकते हैं।
कहाँ और कैसे बेचें
मशरूम की मांग होटलों, रेस्टोरेंटों, मंडियों और किराना दुकानों में लगातार बनी रहती है। आप अपने क्षेत्र की सब्जी मंडी, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या स्थानीय ठेकेदारों के साथ संपर्क कर सकते हैं। अगर आप सूखा या पाउडर फॉर्म में पैकिंग करें तो इसकी कीमत ₹300-₹400 किलो तक मिल सकती है। NSDC और ICAR की ट्रेनिंग लेकर आप मशरूम प्रोसेसिंग यूनिट भी शुरू कर सकते हैं।
छोटे निवेश से बड़ी कमाई
₹50,000 की लागत से 10×10 के कमरे में मशरूम की खेती एक ऐसा व्यवसाय है जो घर बैठे, कम जगह और कम जोखिम में बड़ी आमदनी दिला सकता है। न ज्यादा पानी की जरूरत, न रासायनिक दवाइयों का झंझट बस थोड़ी देखभाल और साफ-सुथरा माहौल। ICAR और कृषि विज्ञान केंद्र अब ऐसे उद्यमियों को ट्रेनिंग और बीज दोनों उपलब्ध करा रहे हैं। अगर आप भी नई दिशा में खेती करना चाहते हैं, तो मशरूम की खेती आपके लिए सुनहरा मौका है।
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