ना मिट्टी, ना धूप! कम मेहनत में ऐसे करें मशरूम की खेती और कमाएं जबरदस्त मुनाफा

Mushroom Ki Kheti Kaise Karein: मशरूम की खेती आज के जमाने में कम जगह में अच्छी कमाई का शानदार तरीका है। न मिट्टी चाहिए, न धूप की जरूरत, और न ही ज्यादा पानी। बस एक कमरे में सही तापमान के साथ इसे शुरू कर सकते हैं। आम खेती के लिए बड़े खेत चाहिए होते हैं, लेकिन मशरूम की खेती को आप घर के छोटे से कोने में भी कर सकते हैं। कम समय में तैयार होने वाली ये फसल मुनाफा देने में भी पीछे नहीं है। अगर आप इसे शुरू करना चाहते हैं, तो मौसम, मशरूम की प्रजातियाँ और इसके प्रबंधन की सही जानकारी होना जरूरी है। आइए जानते हैं मशरूम की खेती का आसान और फायदेमंद तरीका।

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कमरे का तापमान है सबसे जरूरी

मशरूम की खेती खेतों में नहीं, बल्कि बंद कमरे में होती है। इसमें तापमान का खास ध्यान रखना पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही तापमान हो, तो किसी भी मौसम में मशरूम उगा सकते हैं। अगर आपके पास वातानुकूलित कमरा है, तो हर प्रजाति का उत्पादन आसानी से हो सकता है। बाज़ार में बटन मशरूम की माँग सबसे ज्यादा है। इसमें रेशे कम होते हैं, जिससे ये स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए पसंद किया जाता है। हर प्रजाति से मुनाफा मिलता है, लेकिन अपने इलाके की डिमांड के हिसाब से प्रजाति चुनें।

ऑस्टर मशरूम: मुनाफे का दूसरा रास्ता

ऑस्टर मशरूम भी बड़े पैमाने पर उगाने के लिए फायदेमंद है। इसे लंबे समय तक रखा जा सकता है और इससे कई प्रोडक्ट बनते हैं। मशरूम पाउडर, आचार, बिस्किट जैसी चीज़ें इससे तैयार की जाती हैं, जो बाज़ार में अच्छी कीमत लाती हैं। खास बात ये है कि मशरूम की खेती में फसल का कचरा बेकार नहीं जाता। उत्पादन के बाद बचे अपशिष्ट को पशुओं का चारा या जैविक खाद बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। ये खेती न सिर्फ मुनाफा देती है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।

प्रजाति और उत्पादन का समय

हर मशरूम प्रजाति का बढ़ने का वक्त अलग होता है। ऑस्टर मशरूम की बीज बोने के 20 दिन बाद फसल शुरू हो जाती है और 22-25 दिन तक चलती है। वहीं, मिल्की मशरूम 30-32 दिन में तैयार होता है। बटन मशरूम को थोड़ा ज्यादा ध्यान चाहिए, लेकिन इसकी माँग इसे खास बनाती है। सही समय पर बोआई और देखभाल से आप लगातार उत्पादन ले सकते हैं। मशरूम की खेती में जल्दी पैदावार शुरू हो जाती है, जो इसे और आकर्षक बनाती है।

सही प्रबंधन का राज़

मशरूम की खेती में दवा से ज्यादा प्रबंधन मायने रखता है। तापमान को नियंत्रित रखें, बटन मशरूम के लिए 22-25 डिग्री और ऑस्टर के लिए 25-30 डिग्री ठीक रहता है। कमरे में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें, ताकि कीड़े न लगें। नमी भी जरूरी है, इसलिए हल्का पानी छिड़कते रहें। फसल अपशिष्ट जैसे भूसा या गोबर को अच्छे से तैयार करें और बीज बोने से पहले उसे कीटाणुमुक्त कर लें। सही प्रबंधन से मशरूम की क्वालिटी और मात्रा दोनों बढ़ती है।

खेती शुरू करने का आसान तरीका

मशरूम की खेती शुरू करना आसान है। एक बंद कमरा लें, जिसमें हवा और रोशनी कंट्रोल हो सके। भूसे को उबालकर साफ करें और ठंडा होने पर उसमें मशरूम के बीज (स्पॉन) मिलाएँ। इसे प्लास्टिक की थैलियों में भरकर कमरे में लटकाएँ या रैक पर रखें। 20-30 दिन में मशरूम निकलने शुरू हो जाएँगे। हल्की नमी और सही तापमान बनाए रखें। पहली फसल के बाद भी कई बार उत्पादन लिया जा सकता है। शुरुआत में थोड़ा प्रशिक्षण ले लें, तो और बेहतर होगा।

मुनाफे का रास्ता

मशरूम की खेती कम जगह और कम लागत में शुरू हो जाती है। बाज़ार में इसकी कीमत 150-300 रुपये प्रति किलो तक होती है। बटन और ऑस्टर मशरूम की डिमांड होटल, रेस्तराँ और घरों में रहती है। इसके प्रोडक्ट बनाकर कमाई को दोगुना कर सकते हैं। ये खेती न सिर्फ किसानों, बल्कि घर से बिजनेस शुरू करने वालों के लिए भी फायदेमंद है। तो देर न करें, मशरूम की खेती शुरू करें और मुनाफे की राह पकड़ें!

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  • Shashikant

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