सरसों की फसल तैयार या नहीं? बस एक फली तोड़ें और तुरंत करें ये जांच!

Mustard Harvesting Tips: मार्च का पहला या दूसरा हफ्ता आते-आते सरसों की फसल तैयार हो जाती है। गाँवों में किसान भाइयों की मेहनत अब रंग लाने वाली है, लेकिन इस वक्त थोड़ी सी सावधानी बरतना जरूरी है। सरसों की फसल बड़ी नाजुक होती है, जरा सी चूक हुई तो महीनों की मेहनत पर पानी फिर सकता है। फरवरी का आखिरी हफ्ता या मार्च की शुरुआत इसकी कटाई के लिए सबसे सही समय माना जाता है। अगर सही वक्त पर और सही तरीके से कटाई की जाए, तो अच्छी गुणवत्ता की पैदावार हाथ लगेगी। आइए जानते हैं कि सरसों की कटाई कैसे करनी चाहिए, ताकि नुकसान कम हो और फायदा ज्यादा।

फसल तैयार है या नहीं, ऐसे करें चेक

सरसों की फसल जल्दी तैयार हो जाती है, लेकिन इसे ज्यादा पकने देना ठीक नहीं। ये जानने के लिए कि फसल कटाई के लिए तैयार है या नहीं, एक फली तोड़कर देख लीजिए। अगर दाने का रंग हरे से पीला या लाल हो गया है, तो समझ जाइए कि अब कटाई का वक्त आ गया है। ज्यादा देर करने से फलियाँ टूटकर गिरने लगती हैं और दाने जमीन पर बिखर जाते हैं। गाँव में पुराने लोग कहते हैं कि फसल को वक्त से पहले काट लो, मगर बर्बाद मत होने दो। इस छोटी सी सावधानी से आपकी उपज सुरक्षित रह सकती है।

कटाई का सबसे अच्छा समय

सरसों की कटाई करते वक्त समय का खास ख्याल रखना पड़ता है। सुबह की ठंडी हवा या शाम का ढलता सूरज इस काम के लिए सबसे बढ़िया होता है। दोपहर की तेज धूप में कटाई करने से फलियाँ फटने लगती हैं और दाने इधर-उधर बिखर जाते हैं। ऐसा हुआ तो मेहनत का बड़ा हिस्सा बेकार चला जाएगा। कृषि जानकार डॉ. एनसी त्रिपाठी बताते हैं कि सही समय पर कटाई न हुई तो उत्पादन में कमी आ सकती है। इसलिए दिन का ऐसा वक्त चुनिए जब मौसम हल्का हो और फसल को नुकसान न पहुँचे।

कटाई के दौरान बरतें ये सावधानियाँ

कई किसान सरसों की कटाई के लिए हाथ की दरांती का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ हार्वेस्टर की मदद लेते हैं। तरीका कोई भी हो, कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। दरांती से काट रहे हैं तो हल्के हाथों से काम लीजिए, ज्यादा जोर लगाने से फलियाँ टूट सकती हैं। कटी हुई फसल को इकट्ठा करते वक्त बड़े-बड़े ढेर बनाने से बचें। छोटे-छोटे गट्ठर बनाइए, ताकि हवा चलने पर भी दाने सुरक्षित रहें। इन गट्ठरों के ऊपर कोई भारी चीज रखने की गलती न करें, वरना फलियाँ चटक जाएँगी और नुकसान हो जाएगा। गाँव में ये भी देखा जाता है कि छोटे गट्ठर जल्दी सूखते हैं और मड़ाई में आसानी होती है।

सही तरीके से मिलेगी अच्छी उपज

कृषि जानकारों का कहना है कि कटाई में जल्दबाजी या लापरवाही से बचना चाहिए। अगर हार्वेस्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो मशीन को सही तरीके से सेट कर लें, ताकि दाने कम बिखरें। हाथ से कटाई करने वाले किसान फसल को जमीन से थोड़ा ऊपर से काटें, जिससे फलियाँ पूरी तरह सुरक्षित रहें। कटाई के बाद फसल को कुछ दिन हवा में सूखने दें, लेकिन बारिश से बचाकर रखें।

मार्च का महीना सरसों की कटाई के साथ नई उम्मीद लेकर आता है। इस वक्त मौसम का मिजाज भी बदलता रहता है, इसलिए कटाई के बाद फसल को जल्दी मड़ाई के लिए तैयार कर लें। अगर मंडी में भाव अच्छा चल रहा हो, तो थोड़ी फसल बेचकर देख लें, बाकी को बाद के लिए संभालकर रखें। सरसों की फसल से तेल और खल दोनों निकलते हैं, जो गाँव में काम आते हैं। सावधानी से कटाई करेंगे तो मेहनत का पूरा फल मिलेगा।

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  • Shashikant

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