Mustard Varieties: रबी सीजन की शुरुआत में अक्टूबर सरसों की बुवाई का सबसे अनुकूल समय है, जब ठंडक बढ़ने लगती है और फसल तेजी से बढ़ती है। सरसों न केवल तिलहन की प्रमुख फसल है, बल्कि कम लागत में उच्च मुनाफा देने वाली नकदी फसल भी है। भारत के प्रमुख कृषि अनुसंधान संस्थानों ने ऐसी कई उन्नत किस्में विकसित की हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता, अधिक उपज, और उच्च तेल सामग्री के साथ किसानों के लिए भरोसेमंद साबित हो रही हैं।
अगर आप अक्टूबर में सही किस्म चुनकर बुवाई करें, तो प्रति एकड़ 25-30 क्विंटल तक पैदावार और 40-45% तेल गुणवत्ता के साथ लाखों का लाभ कमा सकते हैं। यह लेख पूसा बोल्ड, पूसा अग्रणी, पूसा अरुणिमा, PL 501, और RLC-1 जैसी 5 उन्नत किस्मों को विस्तार से बताएगा, ताकि आप अपनी जरूरत के अनुसार चयन कर सकें।
पूसा बोल्ड (Pusa Bold)
पूसा बोल्ड सरसों की एक लोकप्रिय उन्नत किस्म है, जिसे ICAR-पूसा द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म अक्टूबर बुवाई के लिए आदर्श है और 120-130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ 20-25 क्विंटल की औसत उपज के साथ यह कम लागत में अधिक उत्पादन देती है, और जलवायु सहनशीलता के कारण उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में शानदार प्रदर्शन करती है। तेल की मात्रा 40-42% होने से दाने की गुणवत्ता उच्च रहती है, और बाजार में 5000-6000 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिलती है। यह किस्म रोगों जैसे अल्टरनेरिया ब्लाइट और व्हाइट रस्ट के प्रति मध्यम प्रतिरोध रखती है, जिससे छिड़काव की जरूरत कम पड़ती है।
पूसा अग्रणी (Pusa Agrani)
पूसा अग्रणी भी ICAR-पूसा की एक शानदार उन्नत किस्म है, जो अक्टूबर में बुवाई के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। यह 120-125 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति एकड़ 22-25 क्विंटल की उपज देती है। तेल की मात्रा 40-42% और रोग प्रतिरोधी होने से यह उत्तर भारत के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। भूरा रतुआ और डाउनी मिल्ड्यू जैसे रोगों के प्रति इसकी सहनशीलता लागत को 20-25% कम करती है। दाने मोटे और तेलयुक्त होते हैं, जो तेल उद्योग में मांग बढ़ाते हैं।
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पूसा अरुणिमा (Pusa Arunima)
पूसा अरुणिमा ICAR-पूसा की एक और विश्वसनीय किस्म है, जो अक्टूबर बुवाई में 120-125 दिनों में पक जाती है। प्रति एकड़ 22-25 क्विंटल की उपज और 40-42% तेल सामग्री के साथ यह जलवायु सहनशील है। पश्चिमी और पूर्वी भारत के मैदानी क्षेत्रों में यह स्थिर प्रदर्शन करती है, और पाउडरी मिल्ड्यू तथा एफिड के प्रति मध्यम प्रतिरोध रखती है। दाने की गुणवत्ता उम्दा होने से बाजार में प्रीमियम कीमत मिलती है।
पीएल 501 (PL 501)
PL 501 पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की विकसित किस्म है, जो अक्टूबर में बुवाई के लिए परफेक्ट है। यह 120-125 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति एकड़ 25-30 क्विंटल की उपज देती है। तेल की मात्रा 42-45% होने से यह तेल गुणवत्ता में श्रेष्ठ है। रोग प्रतिरोधी और जलवायु सहनशील होने से उत्तर भारत के लिए उपयुक्त है।
आरएलसी-1 (RLC-1)
RLC-1 ICAR की एक नई उन्नत किस्म है, जो अक्टूबर बुवाई में 120-125 दिनों में पक जाती है। प्रति एकड़ 25-30 क्विंटल की उपज और 42-45% तेल सामग्री के साथ यह रोग प्रतिरोधी है। उत्तर भारत के लिए उपयुक्त, यह किस्म स्थिर उपज देती है।
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बुवाई की तकनीक
अक्टूबर में सरसों की बुवाई के लिए खेत को ट्रैक्टर, रोटावेटर और कल्टीवेटर से भुरभुरा करें। बीज मात्रा प्रति एकड़ 1 किलोग्राम रखें। छिड़काव या कतार विधि अपनाएँ, कतार दूरी 30 सेमी और पौधे दूरी 10-12 सेमी। बुवाई गहराई 2-3 सेमी रखें। बीज को कार्बेन्डाजिम से उपचारित करें।
उपज बढ़ाने का रहस्य
सरसों की खेती में गोबर की खाद 100 क्विंटल, सिंगल सुपर फॉस्फेट 100 किग्रा, यूरिया 35 किग्रा, और म्यूरेट ऑफ पोटाश 25 किग्रा प्रति एकड़ डालें। जैविक खेती से उत्पाद की कीमत बढ़ती है।
अक्टूबर में बुवाई, बंपर मुनाफा
अक्टूबर में सरसों की ये 5 उन्नत किस्में बंपर उपज और तेल गुणवत्ता से किसानों को लाखों का मुनाफा दिलाएँगी। वैज्ञानिक तरीके अपनाएँ और लाभ उठाएँ।
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