Sarso Ki Kheti: रबी मौसम की शुरुआत होते ही किसान भाई सरसों की खेती की तैयारी में जुट जाते हैं, क्योंकि ये फसल कम मेहनत में अच्छी कमाई का जरिया साबित हो सकती है। खासकर उन इलाकों में जहां सिंचाई की सुविधा कम है, वहां असिंचित सरसों की खेती किसी वरदान से कम नहीं।
मध्य प्रदेश के छतरपुर नौगांव कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. कमलेश अहिरवार बताते हैं कि सही वैरायटी चुनकर और समय पर बुवाई करने से खेत सोने जैसे चमक उठेंगे। बाजार में सरसों की डिमांड हमेशा बनी रहती है, और अच्छी पैदावार से किसान अपनी जेब भर सकते हैं। अगर आप भी इस सीजन में सरसों लगाने की सोच रहे हैं, तो ये टिप्स आपकी मदद करेंगे।
सरसों की बुवाई का सही समय और खेत की तैयारी
सरसों की बुवाई का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से नवंबर तक माना जाता है, खासकर 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच। ऐसे में फसल ठंड के मौसम में अच्छे से बढ़ती है और रोगों से भी बची रहती है। बुवाई से पहले खेत को फसल कटाई के बाद 2-3 बार कल्टीवेटर से जोत लें, फिर पाटा चलाकर मिट्टी को समतल और नम रखें। इससे खरपतवार कम होंगे और बीज अच्छे से अंकुरित होंगे। एक हेक्टेयर के लिए 5-6 किलोग्राम बीज काफी होते हैं, लेकिन गुणवत्ता वाले ही लें ताकि उपज पर असर न पड़े।
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मिट्टी का चयन और बुवाई का आसान तरीका
सरसों के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है, जहां जल निकासी अच्छी हो। ज्यादा अम्लीय या क्षारीय मिट्टी में फसल कमजोर पड़ सकती है, इसलिए पहले मिट्टी की जांच करा लें। बुवाई देसी हल, सरिता या सीड ड्रिल से कतारों में करें कतारों के बीच 40 सेंटीमीटर दूरी रखें और पौधों के बीच 10-12 सेंटीमीटर। बीज को 2-3 सेंटीमीटर गहराई पर डालें, ताकि अंकुरण तेज हो। ये तरीका अपनाने से पौधे मजबूत बढ़ते हैं और जगह का सदुपयोग होता है।
हाई यील्ड वैरायटी जो देंगी बंपर पैदावार
अगर आप असिंचित खेती करना चाहते हैं, तो जवाहर सरसों-3 जैसी वैरायटी चुनें, जो कम पानी में भी अच्छी उपज देती है। इसी तरह राज विजय सरसों-2 मजबूत पौधे देती है और रोगों से लड़ने में सक्षम रहती है। पूसा जय किसान वैरायटी मीठे स्वाद वाली सरसों के लिए मशहूर है, जो बाजार में ऊंचे दाम दिलाती है। गिरिराज, आरएच-725 और आरएच-749 जैसी किस्में भी कम समय में तैयार हो जाती हैं, जिससे किसान जल्दी कटाई कर बेच सकें। डॉ. कमलेश अहिरवार की सलाह है कि लोकल कृषि केंद्र से बीज लें, ताकि वैरायटी मौसम के अनुकूल हो।
सरसों खेती से बदलें अपनी कमाई की तस्वीर
सही वैरायटी और टिप्स अपनाने से सरसों की फसल न सिर्फ हरी-भरी रहेगी बल्कि मुनाफा भी दोगुना हो जाएगा। छोटे किसान भाई भी इसे आसानी से अपना सकते हैं, क्योंकि खर्चा कम और रिटर्न ज्यादा। अगर कोई समस्या हो तो कमेंट में बताएं।
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