प्राकृतिक खेती: जानिए इसके 5 बड़े फायदे और सरकार की नई पहल

आजकल किसानों के बीच प्राकृतिक खेती की चर्चा जोरों पर है। इसे नेचुरल फार्मिंग भी कहते हैं। इसमें खेती पूरी तरह से प्रकृति के साथ की जाती है, यानी बिना रासायनिक खाद और कीटनाशकों के। हाल ही में केंद्र सरकार ने ‘नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग’ शुरू किया है। इस मिशन के जरिए सरकार 1 करोड़ किसानों को जोड़ने और प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग देने की योजना बना रही है।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि प्राकृतिक खेती क्या है, इसे क्यों अपनाना चाहिए, और इसके 5 बड़े फायदे क्या हैं।

क्या है प्राकृतिक खेती?

प्राकृतिक खेती का मतलब है बिना रसायन और मशीनरी का इस्तेमाल किए खेती करना। इसमें खेत की उर्वरता बनाए रखने के लिए गोबर, गोमूत्र, पत्तियां और फसल के अवशेष जैसे प्राकृतिक साधनों का इस्तेमाल किया जाता है। यह खेती न सिर्फ पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता और किसानों की आय को भी बढ़ाती है।

सरकार का ‘नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग’

सरकार ने 2481 करोड़ रुपये के बजट के साथ इस मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत किसानों को खेती के पुराने, प्राकृतिक तरीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी। ग्राम पंचायतों को इस योजना का केंद्र बनाया जाएगा, और कृषि संस्थान किसानों को ट्रेनिंग देने में मदद करेंगे।

प्राकृतिक खेती के 5 बड़े फायदे

1. स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

प्राकृतिक खेती में किसी भी तरह के रसायन का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे उपज शुद्ध और पोषक होती है। इस तरीके से उगाई गई फसलों को खाने से बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

2. मिट्टी की उर्वरता बचाए

रासायनिक खेती में खेत की मिट्टी धीरे-धीरे खराब हो जाती है। लेकिन प्राकृतिक खेती में मिट्टी के जीवाणु और पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं, जिससे इसकी उर्वरता लंबे समय तक बनी रहती है।

3. लागत कम, मुनाफा ज्यादा

प्राकृतिक खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों की जरूरत नहीं पड़ती। इससे खेती की लागत घट जाती है और किसानों को ज्यादा मुनाफा होता है।

4. पर्यावरण को सुरक्षित रखती है

यह खेती ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करती है और प्राकृतिक संसाधनों को बचाती है। यह पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में मददगार है।

5. रोजगार के नए अवसर

प्राकृतिक खेती के लिए जैविक खाद और उत्पादों की जरूरत होती है। इससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं।

किसानों के लिए शुरुआत में कुछ चुनौतियां

हालांकि प्राकृतिक खेती के कई फायदे हैं, लेकिन इसे अपनाना आसान नहीं। शुरुआत में उत्पादन कम हो सकता है, और किसानों को इसे समझने और अपनाने में समय लग सकता है। साथ ही, जैविक उत्पादों के लिए बाजार की सही व्यवस्था भी जरूरी है।

प्राकृतिक खेती एक ऐसा तरीका है जो पर्यावरण, किसान और उपभोक्ता तीनों के लिए फायदेमंद है। सरकार का ‘नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग’ इस बदलाव को तेजी से लागू करने की कोशिश कर रहा है।

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  • Shashikant

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