उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। गंगा नदी के किनारे और पठारी इलाकों में रासायनिक खादों का इस्तेमाल कम करने के लिए 500 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती का लक्ष्य रखा गया है। कृषि विभाग इस योजना को 10 क्लस्टरों में लागू कर रहा है, जिसमें गांव के हर किसान को प्रशिक्षण और प्रोत्साहन दिया जाएगा। ये पहल न सिर्फ मिट्टी और पर्यावरण को बचाएगी, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ाएगी।
प्राकृतिक खेती का मकसद
मिर्जापुर में गंगा के तटीय और पठारी इलाकों में खेती बड़े पैमाने पर होती है। रासायनिक खादों और कीटनाशकों का ज्यादा इस्तेमाल मिट्टी की उर्वरता, पर्यावरण, और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है। उप कृषि निदेशक विकेश कुमार पटेल के अनुसार, प्राकृतिक खेती इन समस्याओं का हल है। ये जैविक खाद, वर्मीकम्पोस्ट, और गौमूत्र जैसे प्राकृतिक तरीकों पर आधारित है, जो मिट्टी को ताकत देते हैं और फसलों को सुरक्षित रखते हैं। इस योजना से गंगा को रासायनिक प्रदूषण से बचाने में भी मदद मिलेगी।
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10 क्लस्टर और कृषि सखियों की भूमिका
कृषि विभाग ने मिर्जापुर में 10 क्लस्टर बनाए हैं, जहां प्रत्येक क्लस्टर में 50 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती होगी। इन क्लस्टरों में गांव की कृषि सखियां किसानों को प्रशिक्षण देंगी। ये सखियां किसानों को प्राकृतिक खेती के फायदे, जैसे लागत में कमी और बेहतर स्वास्थ्य, के बारे में बताएंगी। साथ ही, जैविक खाद बनाने, बीज संरक्षण, और कीट नियंत्रण के देसी तरीके सिखाएंगी। कृषि सखियां रासायनिक खेती के नुकसान और प्राकृतिक खेती के दीर्घकालिक लाभों के बारे में भी जागरूक करेंगी।
किसानों के लिए प्रशिक्षण
इस योजना में हर किसान को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में जैविक खाद तैयार करना, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना, और प्राकृतिक कीटनाशक जैसे नीम तेल का इस्तेमाल सिखाया जाएगा। मिर्जापुर के 640 महिला किसानों ने पहले ही ऐसी ट्रेनिंग लेकर सफलता पाई है, और अब वे जैविक सब्जियां और फल उगा रही हैं। प्रशिक्षण के बाद किसानों के जैविक उत्पादों को बेहतर दाम दिलाने के लिए कृषि विभाग बाजार की व्यवस्था करेगा। इससे किसान न सिर्फ अपनी आय बढ़ा सकेंगे, बल्कि दूसरे किसान भी प्राकृतिक खेती की ओर आकर्षित होंगे।
गंगा किनारे प्राकृतिक खेती के फायदे
मिर्जापुर में गंगा के किनारे प्राकृतिक खेती से कई फायदे होंगे। पहला, रासायनिक प्रदूषण कम होने से गंगा स्वच्छ रहेगी, जो नमामि गंगे मिशन का हिस्सा है। दूसरा, जैविक फसलों की मांग बढ़ने से किसानों को ज्यादा मुनाफा होगा। तीसरा, मिट्टी की सेहत सुधरेगी, जिससे लंबे समय तक खेती टिकाऊ रहेगी। योगी सरकार ने 27 जिलों में गंगा किनारे 6500 हेक्टेयर पर प्राकृतिक खेती शुरू की है, और मिर्जापुर इसका अहम हिस्सा है।
किसानों को इस योजना का पूरा लाभ उठाना चाहिए। स्थानीय कृषि केंद्रों से संपर्क करें और कृषि सखियों से प्रशिक्षण लें। प्राकृतिक खेती शुरू करने के लिए छोटे स्तर पर जैविक खाद और बीज का इस्तेमाल करें। सरकार अनुदान और बाजार की सुविधा दे रही है, जिससे लागत कम और मुनाफा ज्यादा होगा। प्राकृतिक खेती न सिर्फ खेत को बचाएगी, बल्कि मिर्जापुर को जैविक खेती का केंद्र बनाएगी।
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