सरकार ने लाया फ्री खाद एवं फ्री गैस योजना, जल्दी करें मौका छुट न जाय

खेती-किसानी और पशुपालन करने वाले लोगों के लिए एक खुशखबरी है। अब रसोई गैस और जैविक खाद के खर्च से राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बायोगैस और जैविक खाद प्रबंधन योजना (National Biogas and Organic Manure Management Programme) के तहत किसानों और पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस योजना के तहत फ्री गैस और फ्री खाद का लाभ उठाया जा सकता है। आइए, जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से।

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राष्ट्रीय बायोगैस और जैविक खाद प्रबंधन योजना क्या है?

राष्ट्रीय बायोगैस और जैविक खाद प्रबंधन योजना (NBMMP) केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो बायोगैस संयंत्रों को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना और किसानों को सस्ते एवं पर्यावरण अनुकूल ईंधन और जैविक खाद प्रदान करना है।

इस योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?

इस योजना का लाभ मुख्य रूप से उन लोगों को मिलेगा जिनके पास पशुधन है। क्योंकि बायोगैस संयंत्र के लिए गोबर और जैविक कचरे की आवश्यकता होती है। जो किसान या पशुपालक डेयरी फार्मिंग या खेती के साथ पशुपालन करते हैं, वे इस योजना के तहत स्वयं का बायोगैस प्लांट स्थापित कर सकते हैं। (फ्री खाद एवं फ्री गैस)

बायोगैस प्लांट से किसानों को कई प्रकार के लाभ होंगे। इससे घरेलू रसोई गैस की जरूरत पूरी होगी, जिससे गैस सिलेंडर पर खर्च कम होगा। इसके अलावा, इस प्लांट से निकलने वाली जैविक खाद को खेतों में उपयोग किया जा सकता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन बेहतर होगा। यदि बड़े स्तर पर गोबर उपलब्ध है, तो अतिरिक्त गैस उत्पादन कर अन्य लोगों को भी सप्लाई की जा सकती है, जिससे अतिरिक्त आय का स्रोत बनेगा।

कैसे मिलेगा योजना का लाभ?

अगर आप राष्ट्रीय बायोगैस और जैविक खाद प्रबंधन योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया:

सबसे पहले केंद्र सरकार की नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। वहां पर पंजीकरण करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी भरें। आवेदन करते समय पहचान प्रमाण पत्र, पशुधन प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण और भूमि दस्तावेज जैसी आवश्यक जानकारी अपलोड करनी होगी। आवेदन जमा करने के बाद एक संदर्भ संख्या प्राप्त होगी, जिससे आवेदन की स्थिति ट्रैक की जा सकती है।

ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया:

गांव के ग्राम विकास कार्यालय या पंचायती राज विभाग में जाकर आवेदन किया जा सकता है। वहां से आवेदन पत्र प्राप्त करें, आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें और जमा कर दें। इसके बाद सरकारी अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाएगा और पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। (फ्री खाद एवं फ्री गैस)

योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी

सरकार बायोगैस प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी भी प्रदान कर रही है। सब्सिडी की राशि प्लांट के आकार और स्थान के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।

प्लांट का आकारग्रामीण क्षेत्रों में सब्सिडीशहरी क्षेत्रों में सब्सिडी
1 घन मीटर₹7,500₹5,500
2 घन मीटर₹12,000₹8,000
3 घन मीटर₹17,000₹12,000
4 घन मीटर₹22,000₹16,000
6 घन मीटर₹30,000₹22,000

बायोगैस प्लांट लगाने में होने वाला खर्च प्लांट के आकार और सामग्री की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। एक 1 घन मीटर का प्लांट लगाने में लगभग ₹15,000 – ₹20,000 का खर्च आ सकता है। लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी से यह खर्च काफी हद तक कम हो जाता है।

योजना के प्रमुख लाभ

फ्री खाद एवं फ्री गैस : इस योजना से किसानों को महंगाई से राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें मुफ्त में रसोई गैस और खाद उपलब्ध होगी। साथ ही, यह पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है क्योंकि इससे जैविक खाद का उपयोग बढ़ेगा और प्रदूषण कम होगा। जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।

राष्ट्रीय बायोगैस और जैविक खाद प्रबंधन योजना किसानों और पशुपालकों के लिए एक बेहतरीन अवसर है। इस योजना के तहत फ्री गैस और फ्री खाद प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और खेती-किसानी में भी सुधार होगा। अगर आपके पास पशुधन उपलब्ध है, तो इस योजना का अधिकतम लाभ उठाइए और आत्मनिर्भर बनिए। आवेदन प्रक्रिया आसान है, तो देर न करें और जल्द से जल्द इस योजना का लाभ लें!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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