किसान साथियों, भारत के छोटे शहरों से निकलकर वैश्विक मंच पर पहचान बनाने वाले युवा प्रेरणा का स्रोत हैं। बिहार के औरंगाबाद जिले के योगेश गवांडे ने ऐसी ही एक कहानी लिखी है। एक साधारण कॉलेज प्रोजेक्ट को उन्होंने NeoFarmTech नामक स्टार्टअप में बदल दिया, जो सौर ऊर्जा से चलने वाले स्प्रेयर के जरिए 14 राज्यों के 12,000 से अधिक किसानों को सशक्त बना रहा है। इस नवाचार ने न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर ध्यान खींचा है, जब बिल गेट्स जैसे दिग्गज उद्यमी ने इसकी सराहना की। यह लेख योगेश की यात्रा, तकनीक, इसके प्रभाव, और भविष्य की संभावनाओं को विस्तार से बताएगा।
NeoFarmTech की शुरुआत
योगेश गवांडे की कहानी तब शुरू हुई, जब 2014-15 में उनके बड़े भाई को कीटनाशक छिड़काव के दौरान जहरीले रसायनों के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इस घटना ने योगेश को गहरे तक प्रभावित किया। उन्होंने तय किया कि वे ऐसी तकनीक विकसित करेंगे, जो किसानों को सुरक्षित और किफायती तरीके से कीटनाशक छिड़काव करने में मदद करे। औरंगाबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई के दौरान, योगेश ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक पहिए वाला सोलर पावर्ड स्प्रेयर डिज़ाइन किया। यह कॉलेज प्रोजेक्ट, जो शुरुआत में एक छोटा सा विचार था, बाद में NeoFarmTech के रूप में सामने आया।
निओफार्म टेक आज 4.3 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन वाला स्टार्टअप है, जिसने 5000 से अधिक सोलर स्प्रेयर यूनिट्स बेची हैं। यह स्टार्टअप न केवल किसानों की लागत कम कर रहा है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल खेती को भी बढ़ावा दे रहा है। योगेश की यह यात्रा दर्शाती है कि एक व्यक्तिगत अनुभव कैसे सामाजिक बदलाव का आधार बन सकता है।
सोलर स्प्रेयर की तकनीक
निओफार्म टेक का सोलर पावर्ड स्प्रेयर एक क्रांतिकारी कृषि यंत्र है, जो सौर ऊर्जा का उपयोग करके कीटनाशक और उर्वरक छिड़काव करता है। पारंपरिक स्प्रेयर डीजल या बैटरी पर चलते हैं, जो महँगे और रखरखाव में जटिल होते हैं। इसके विपरीत, NeoFarmTech का स्प्रेयर सौर पैनल से संचालित होता है, जो सूर्य की रोशनी से चार्ज होता है। यह मशीन हल्की, पोर्टेबल, और उपयोग में आसान है, जिसे छोटे और सीमांत किसान आसानी से अपना सकते हैं।
इस स्प्रेयर की खासियत है इसका पहिए वाला डिज़ाइन, जो इसे खेतों में आसानी से ले जाने में मदद करता है। यह एक बार चार्ज होने पर 6-8 घंटे तक काम कर सकता है और 1 एकड़ खेत में छिड़काव 2-3 घंटे में पूरा कर देता है। इससे न केवल समय और श्रम की बचत होती है, बल्कि डीजल और बिजली की लागत भी शून्य हो जाती है। यह तकनीक पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले रसायनों के संपर्क को भी कम करती है, जिससे किसानों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।
किसानों पर प्रभाव
NeoFarmTech ने 14 राज्यों में 12,000 से अधिक किसानों को सशक्त बनाया है। ये किसान मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, जहाँ बिजली की उपलब्धता सीमित है। सोलर स्प्रेयर ने उनकी खेती की लागत को 30-40% तक कम किया है। उदाहरण के लिए, एक किसान जो पहले डीजल स्प्रेयर पर प्रति सीजन 3000-4000 रुपये खर्च करता था, अब सोलर स्प्रेयर के साथ यह खर्च लगभग शून्य कर सकता है।
इसके अलावा, यह तकनीक खेती को अधिक कुशल बनाती है। समान छिड़काव से फसलों को कीटों और बीमारियों से बेहतर सुरक्षा मिलती है, जिससे उपज में 10-15% की वृद्धि देखी गई है। निओफार्म टेक ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन भी किया है। स्थानीय स्तर पर डीलर और तकनीशियन नियुक्त किए गए हैं, जो मशीन की बिक्री और रखरखाव का काम करते हैं।
बिल गेट्स ने की प्रशंसा
योगेश गवांडे के नवाचार ने विश्व के सबसे बड़े परोपकारी और उद्यमी बिल गेट्स का ध्यान खींचा। बिल गेट्स ने निओफार्म टेक की सराहना करते हुए इसे भविष्य की कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने खास तौर पर इसकी पर्यावरण के अनुकूल तकनीक और छोटे किसानों को सशक्त बनाने की क्षमता की प्रशंसा की। बिल गेट्स का मानना है कि सौर ऊर्जा और नवाचार का ऐसा संयोजन विकासशील देशों में कृषि को आत्मनिर्भर बना सकता है। यह प्रशंसा योगेश और उनकी टीम के लिए गर्व का क्षण था, जिसने उनके स्टार्टअप को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।
प्रेरणा का स्रोत
योगेश की कहानी व्यक्तिगत त्रासदी को ताकत में बदलने का उदाहरण है। उनके भाई के साथ हुई दुर्घटना ने उन्हें किसानों की सुरक्षा और कल्याण के लिए काम करने की प्रेरणा दी। औरंगाबाद जैसे छोटे शहर से निकलकर, जहाँ संसाधन सीमित हैं, योगेश ने तकनीकी नवाचार और दृढ़ संकल्प के बल पर एक मल्टी-करोड़ स्टार्टअप बनाया। उनकी यह यात्रा युवाओं को दिखाती है कि सही दिशा में मेहनत और जुनून के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
योगेश का मानना है कि तकनीक को ग्रामीण भारत तक पहुँचाना जरूरी है। वे कहते हैं कि अगर किसानों को सही उपकरण और प्रशिक्षण मिले, तो वे न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर सकते हैं।
निओफार्म टेक का भविष्य
निओफार्म टेक का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में 1 लाख से अधिक किसानों को अपने सोलर स्प्रेयर से जोड़ना है। योगेश और उनकी टीम नए उत्पादों पर भी काम कर रही है, जैसे सोलर पावर्ड वीडर और ड्रोन-आधारित छिड़काव सिस्टम। ये तकनीकें खेती को और अधिक स्वचालित और लागत-प्रभावी बनाएँगी। स्टार्टअप का फोकस स्थानीय विनिर्माण पर है, ताकि उत्पाद किफायती रहें और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिले।
NeoFarmTech ने निवेशकों का ध्यान भी खींचा है। 4.3 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन के साथ, यह स्टार्टअप अब और विस्तार के लिए फंडिंग जुटा रहा है। योगेश का सपना है कि उनका स्टार्टअप न केवल भारत, बल्कि अन्य विकासशील देशों में भी किसानों की मदद करे।
चुनौतियाँ और समाधान
निओफार्म टेक की यात्रा आसान नहीं थी। छोटे शहर से होने के कारण योगेश को शुरुआती फंडिंग और तकनीकी संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ा। उन्होंने इसे कॉलेज प्रोजेक्ट के जरिए प्रोटोटाइप बनाकर और स्थानीय निवेशकों से समर्थन लेकर हल किया। एक और चुनौती थी किसानों को नई तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करना। निओफार्म टेक ने गाँवों में डेमो सत्र और मुफ्त ट्रायल शुरू किए, जिससे किसानों का भरोसा बढ़ा।
मशीन की कीमत छोटे किसानों के लिए एक बाधा हो सकती है। इसके लिए निओफार्म टेक ने किराए पर मशीन देने और आसान EMI योजनाएँ शुरू की हैं। रखरखाव के लिए स्थानीय तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया गया है, ताकि मशीन की लंबी उम्र सुनिश्चित हो।