नीलगाय से पेड़ पौधे बचाने के देसी निंजा ट्रिक्स – एक बार आजमाएं, हमेशा राहत पाएं

Ninja Technique To Save Plants From Nilgai : किसानों के लिए जंगली और आवारा जानवर बड़ी मुसीबत हैं। महीनों की मेहनत से तैयार फसल या बाग को नीलगाय जैसे जानवर चंद मिनटों में बर्बाद कर देते हैं। इससे बचने के लिए एक सस्ता और कारगर तरीका सामने आया है—पेड़ों के चारों ओर गड्ढा खोदने की देसी तकनीक। इस जुगाड़ से नीलगाय बाग में घुस नहीं पाती, और पौधे पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं। ये तरीका न सिर्फ आसान है, बल्कि इसमें एक पैसा खर्च भी नहीं होता। गाँवों में खेती करने वालों के लिए ये तकनीक राहत की साँस ले आई है। आइए, इस आसान ट्रिक को समझें और अपनी मेहनत को बेकार होने से बचाएँ।

नीलगाय की परेशानी का हल

नीलगाय खेतों और बागों में तबाही मचाती है। नए-नए पौधे लगते हैं, और रातों-रात वो इन्हें खा जाती है। कई बार ट्री गार्ड तक तोड़कर नुकसान पहुँचाती है। इससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। लेकिन इस देसी गड्ढा तकनीक ने नीलगाय को मात दे दी है। इसमें न महँगा सामान चाहिए, न जटिल तरीका। एक फावड़ा और थोड़ी मेहनत ही काफी है। इस ट्रिक को अपनाने से पौधे नीलगाय की पहुँच से बाहर हो जाते हैं। जहाँ हर साल जानवरों से नुकसान होता है, वहाँ ये तरीका किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है।

गड्ढा तकनीक का आसान तरीका

इस तकनीक में पौधा लगाने के बाद उसकी जड़ से चारों ओर एक-एक मीटर की दूरी छोड़ दें। फिर वहाँ 2 फीट चौड़ा और 2 फीट गहरा गड्ढा खोद लें। गड्ढे से निकली मिट्टी को पेड़ के चारों ओर मेड़ की शक्ल में ढेर कर दें। बस, काम हो गया। ये गड्ढा नीलगाय के लिए दीवार की तरह काम करता है, और पौधे सुरक्षित रहते हैं। खास बात ये है कि इसमें कोई खर्च नहीं है। हर किसान अपने फावड़े से गड्ढा तैयार कर सकता है। इस आसान तरीके से बागवानी को नीलगाय से बचाने का पक्का इंतज़ाम हो जाता है।

नीलगाय को कैसे रोकता है गड्ढा?

इस तकनीक का राज़ नीलगाय की शारीरिक बनावट में छुपा है। जब नीलगाय पेड़ को खाने के लिए आगे बढ़ती है, तो उसके अगले पैर 2 फीट गहरे गड्ढे में चले जाते हैं। इससे पेड़ की ऊँचाई उसके शरीर से ज़्यादा हो जाती है। नीलगाय की गर्दन ऊपर की ओर नहीं मुड़ती, इसलिए वो पत्तियाँ या टहनियाँ नहीं खा पाती। गड्ढे की वजह से उसका संतुलन बिगड़ जाता है, और वो हार मानकर वापस चली जाती है। ये जुगाड़ नीलगाय की कमज़ोरी को समझकर बनाया गया है, जो पौधों को उसकी पहुँच से दूर रखता है। प्रकृति के साथ तालमेल का ये शानदार नमूना है।

सस्ता और असरदार, हर किसान के लिए राहत

नीलगाय का आतंक कोई नई बात नहीं। ये जानवर फसलों को चरने से ज़्यादा रौंद देता है, जिससे मेहनत बेकार हो जाती है। ट्री गार्ड बनाने में पैसे और वक्त दोनों लगते हैं, और फिर भी वो टिक नहीं पाते। लेकिन ये गड्ढा तकनीक बिना खर्च के बड़ी राहत देती है। इसे अपनाने के लिए बाज़ार से कुछ खरीदने या खास तैयारी की ज़रूरत नहीं। बस खेत में गड्ढे खोदें, और पौधों को सुरक्षित करें। मेहनती किसानों के लिए ये तरीका एक आसान और सस्ता हल है। इस देसी जुगाड़ को आज़माएँ, और अपनी फसल को नीलगाय से बचाएँ। मेहनत का फल अब बेकार नहीं जाएगा।

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  • Shashikant

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