नवंबर में लगा दें ये 4 पत्तेदार सब्जियां, नए साल से पहले खेत से बरसेंगे हरे-हरे ‘नोट’! जानें टॉप किस्में

ठंड की हल्की ठिठुरन के साथ बाजार में हरी सब्जियों की चमक बढ़ने लगी है, जब पालक, मेथी, धनिया और पत्ता गोभी जैसी फसलें कम समय में लाखों की कमाई का रास्ता खोल देती हैं। नवंबर का यह दौर पत्तेदार सब्जियों के लिए जादुई है, क्योंकि कम तापमान पौधों को तेजी से बढ़ाता है और कीट-रोगों का डर कम रहता है।

जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक बताते हैं कि ये सब्जियां औषधीय गुणों से भरपूर हैं, हर घर की जरूरत बनती हैं, और सर्दियों में मांग इतनी तेज रहती है कि दाम आसमान छूते हैं। उचित बुवाई और देखभाल से लागत आधी रह जाती है, जबकि उत्पादन दोगुना। उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य भारत के किसान भाई इन्हें अपनाकर नए साल से पहले ही गोदाम भर सकते हैं।

पालक की पूसा भारती

पालक की यह किस्म सर्द मौसम की रानी है, जो 20-25 दिन में ही कटाई के लिए तैयार हो जाती है। हरी, मोटी और चमकदार पत्तियां बाजार में 20-30 रुपये प्रति किलो बिकती हैं। प्रति हेक्टेयर 500 क्विंटल तक पैदावार संभव है, जो एक एकड़ में 2-3 लाख की कमाई दे सकती है। बुवाई के लिए दोमट मिट्टी चुनें, जहां नमी बनी रहे। बीज दर 10-12 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें, कतारों के बीच 20 सेंटीमीटर दूरी पर बोएं।

गोबर खाद 10 टन मिलाकर जुताई करें, और हल्की सिंचाई हर 7-10 दिन में दें। कीटों से बचाव के लिए नीम का पानी छिड़कें। डॉ. पाठक कहते हैं, पालक विटामिन ए और आयरन से भरपूर है, इसलिए सर्दियों में इसकी डिमांड कभी कम नहीं होती।

मेथी की पूसा अर्ली बंचिंग

मेथी की यह किस्म छोटे-छोटे बंच बनाकर बढ़ती है, जो 25 दिन में पहली कटाई दे देती है। पत्तियां हरी और सुगंधित होती हैं, बाजार में 15-25 रुपये प्रति किलो मिलती हैं। प्रति हेक्टेयर 100-120 क्विंटल उपज से छोटे किसान भी 1-1.5 लाख कमा सकते हैं। बुवाई नवंबर के पहले हफ्ते में करें, बीज को 1 सेंटीमीटर गहराई पर डालें। मिट्टी में फॉस्फोरस की डोज बढ़ाएं, ताकि पत्तियां मजबूत बनें। सिंचाई हल्की रखें, ज्यादा पानी से जड़ सड़न हो सकती है। यह फसल पाचन और जोड़ों के दर्द के लिए घरेलू दवा है, इसलिए मांग साल भर बनी रहती है।

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धनिया की CS-2

हरा धनिया की CS-2 किस्म सर्दी में चमकती है, जो 20-25 दिन में तैयार होकर 2-3 कटाई दे देती है। पत्तियां ताजा और तेज सुगंध वाली, बाजार में 50-70 रुपये प्रति किलो बिकती हैं। प्रति हेक्टेयर 1400 किलोग्राम हरा धनिया निकलता है, जो अतिरिक्त 50-60 हजार की कमाई सुनिश्चित करता है। बुवाई के लिए क्यारियां बनाएं, बीज दर 8-10 किलोग्राम रखें। मिट्टी में नाइट्रोजन 50 किलोग्राम डालें, और हल्की छांव दें ताकि पत्तियां न झुलसें। डॉ. पाठक की सलाह है, धनिया विटामिन सी का खजाना है, सर्दियों में सलाद और चटनी के लिए हमेशा डिमांड में रहता है।

पत्ता गोभी की पूसा अगेती

पत्ता गोभी की यह किस्म अगेती है, जो 25-30 दिन में पत्तियां दे देती है। हरी, क्रिस्पी पत्तियां सब्जी और सलाद के लिए परफेक्ट, 15-20 रुपये प्रति किलो मिलती हैं। प्रति हेक्टेयर 380-400 क्विंटल पैदावार से मुनाफा 1.5-2 लाख तक पहुंच सकता है। बुवाई के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी चुनें, रोपाई 30×30 सेंटीमीटर दूरी पर करें। गोबर खाद के साथ पोटाश मिलाएं, ताकि पत्तियां मोटी बनें। कीटों से बचाव के लिए जैविक स्प्रे का इस्तेमाल करें। यह फसल विटामिन के से भरपूर है, इसलिए स्वास्थ्य जागरूक बाजार में पसंद की जाती है।

बुवाई के सामान्य टिप्स

इन सब्जियों की बुवाई के लिए खेत को अच्छी तरह जोतें, पुराने अवशेष हटाएं। समय पर खाद दें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस का संतुलन रखें। सिंचाई हल्की लेकिन नियमित, खासकर सुबह-सुबह। सर्दी में कीट कम लगते हैं, लेकिन अगर सफेद मक्खी दिखे तो नीम तेल छिड़कें। 20-25 दिन में पहली कटाई हो जाती है, जो अतिरिक्त कमाई का स्रोत बनती है। कुल मिलाकर, लागत 10-15 हजार प्रति एकड़ आती है, जबकि मुनाफा 1-2 लाख तक। डॉ. पाठक जोड़ते हैं, उचित नमी और खाद से ये फसलें सर्दियों में किसानों की कमर मजबूत कर देंगी।

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  • Shashikant

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