बुवाई का झंझट छोड़ें गन्ने की नर्सरी बनाकर रोपाई से कमाएं ₹1 लाख प्रति एकड़, जानें पूरी प्रक्रिया

Sugarcane Farming Tips: किसान भाइयों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अगर गेहूं की कटाई के बाद खेत खाली पड़े हैं और गन्ने की बुवाई का समय निकल गया, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं। अब वैज्ञानिक तरीके से सिंगल बड नर्सरी के जरिए गन्ने की रोपाई करके अच्छा उत्पादन और मुनाफा कमाया जा सकता है। ये नया तरीका न सिर्फ खर्च बचाता है, बल्कि फसल की पैदावार भी बढ़ाता है। जानें कैसे ये तकनीक किसानों के लिए वरदान बन रही है।

सिंगल बड रोपाई का वैज्ञानिक तरीका

मुरादाबाद के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दीपक मेहंदी रत्ता बताते हैं कि गन्ने की बुवाई का समय अब खत्म हो चुका है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मौका चूक गया। सिंगल बड नर्सरी विधि से किसान मई या जून में भी गन्ने की खेती शुरू कर सकते हैं। इस तरीके में पहले एक महीने पहले सिंगल बड नर्सरी तैयार की जाती है। इसके बाद खेत को अच्छे से तैयार करके रोपाई की जाती है। ये विधि पुरानी बुवाई के तरीके से कहीं बेहतर है, क्योंकि इसमें बीज की मात्रा कम लगती है और फसल की पैदावार अच्छी होती है।

खेत तैयार करने के लिए पहले डिस्क हैरो से जुताई करें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। फिर कैल्टीवेटर और रोटावेटर से खेत को और बारीक करें। जब खेत पूरी तरह तैयार हो जाए, तो सिंगल बड नर्सरी से तैयार पौधों की रोपाई करें। इस तरीके से खेत में गन्ने के कल्ले (अंकुर) अच्छी संख्या में निकलते हैं, जिससे पैदावार बढ़ती है।

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पुरानी बुवाई में क्यों होता था नुकसान?

पहले किसान मई या जून में गन्ने की बुवाई करते समय सीधे गन्ने के टुकड़े बो देते थे। इस दौरान वो लाइन से लाइन की दूरी कम कर देते थे और बीज की मात्रा बढ़ा देते थे। इससे खेत में कल्लों की संख्या तो बढ़ जाती थी, लेकिन खर्च भी ज्यादा होता था। ज्यादा बीज और मेहनत के बावजूद मुनाफा कम मिलता था, क्योंकि देर से बुवाई में फसल की ग्रोथ उतनी अच्छी नहीं होती थी। कई बार किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ता था। लेकिन सिंगल बड नर्सरी विधि ने इस समस्या का हल निकाल दिया है।

सिंगल बड रोपाई के फायदे

सिंगल बड नर्सरी विधि से गन्ने की रोपाई करने का सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें बीज की जरूरत कम पड़ती है। कम बीज से ही अच्छी पैदावार मिलती है, जिससे खर्च कम होता है। साथ ही, इस तरीके से रोपाई करने पर गन्ने के पौधे जल्दी और मजबूत बढ़ते हैं। मुरादाबाद के बिलारी इलाके के किसान इस विधि को अपनाकर शानदार नतीजे पा रहे हैं। वो कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।

इस विधि में नर्सरी पहले से तैयार होती है, जिससे खेत में रोपाई के समय पौधे पहले से मजबूत होते हैं। इससे फसल जल्दी तैयार होती है और बाजार में अच्छा दाम मिलता है। साथ ही, सही जुताई और खेत की तैयारी से मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है, जो लंबे समय तक खेती के लिए फायदेमंद है।

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बिलारी के किसान दिखा रहे रास्ता

मुरादाबाद के बिलारी क्षेत्र में कई किसान सिंगल बड नर्सरी विधि से गन्ने की खेती कर रहे हैं। इन किसानों ने इस तकनीक को अपनाकर न सिर्फ अपनी पैदावार बढ़ाई, बल्कि मुनाफा भी कई गुना बढ़ा लिया। बिलारी के किसानों की मेहनत और नई सोच को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ. दीपक मेहंदी रत्ता भी सभी किसानों को इस विधि को अपनाने की सलाह दे रहे हैं। वो कहते हैं कि सही समय पर सही तरीके से रोपाई करने से गन्ने की खेती में नुकसान की कोई गुंजाइश नहीं रहती।

किसानों के लिए सुनहरा मौका

अगर खेत खाली पड़ा है और गन्ने की बुवाई का समय निकल गया, तो निराश होने की जरूरत नहीं। सिंगल बड नर्सरी विधि अपनाकर मई या जून में भी गन्ने की खेती शुरू की जा सकती है। ये तरीका कम खर्चीला है और फसल की पैदावार भी शानदार देता है। गन्ने की खेती से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें। वहां से सिंगल बड नर्सरी तैयार करने और रोपाई के तरीके की पूरी जानकारी लें।

डॉ. दीपक मेहंदी रत्ता की सलाह है कि इस विधि को अपनाने से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करें और मिट्टी की जांच करा लें। सही बीज और सही देखभाल से गन्ने की फसल न सिर्फ समय पर तैयार होगी, बल्कि बाजार में अच्छा दाम भी देगी। तो देर न करें, इस वैज्ञानिक विधि को अपनाएं और गन्ने की खेती से अपनी कमाई को बढ़ाएं।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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