रामनगरी अयोध्या से एक बड़ी खबर आ रही है। मखाना, जो अब तक बिहार और मणिपुर के खेतों तक सीमित था, अब उत्तर प्रदेश के नक्शे पर भी चमकने को तैयार है। नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, अयोध्या में मखाना खेती की आधिकारिक शुरुआत हो चुकी है। यह कदम न सिर्फ किसानों की जिंदगी बदलने जा रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को मखाना उत्पादन का नया हब बनाने की राह भी खोल रहा है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इसे हरित क्रांति 2.0 का नाम दिया है। आइए जानें इस ऐतिहासिक पहल की खासियत।
मखाना खेती अयोध्या का नया आर्थिक इंजन
मखाना, जिसे सुपरफूड के तौर पर जाना जाता है, अब अयोध्या के खेतों में लहलहाएगा। नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय ने इसकी खेती को वैज्ञानिक तरीके से शुरू किया है। विशेष तालाबों और आधुनिक तकनीकों के जरिए ज्यादा पैदावार और कम लागत पर फोकस किया जा रहा है। बिहार और मणिपुर में मखाना खेती ने किसानों की आय दोगुनी की है, और अब यही मॉडल उत्तर प्रदेश में लागू हो रहा है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि यह शुरुआत किसानों को नई आर्थिक ताकत देगी और अयोध्या को मखाना उत्पादन का केंद्र बनाएगी।
सुपरफूड मखाना
मखाना न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। वैश्विक बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। अयोध्या में इसकी खेती की शुरुआत परंपरा और आधुनिकता का अनूठा मेल है। विश्वविद्यालय ने खेती के लिए वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाया है, जैसे उन्नत बीज और तालाब प्रबंधन। इससे न सिर्फ पैदावार बढ़ेगी, बल्कि लागत भी कम होगी। शाही ने कहा कि यह पहल उत्तर प्रदेश को मखाना उत्पादन में देश के शीर्ष राज्यों में ला खड़ा करेगी।
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किसानों के लिए सुनहरा मौका
अयोध्या और आसपास के जिलों के किसानों को इस नई शुरुआत का सबसे ज्यादा फायदा होगा। नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय किसानों को ट्रेनिंग और तकनीकी मार्गदर्शन देगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि अयोध्या जल्द ही मखाना उत्पादन का बड़ा हब बन सकता है। खास बात यह है कि मखाना की खेती उन इलाकों में भी हो सकती है, जहां पानी जमा रहता है। इससे बंजर और जलमग्न जमीनों का भी उपयोग होगा। किसानों को उन्नत बीज, औजार, और खेती की नई तकनीकों की जानकारी दी जाएगी, ताकि उनकी मेहनत दोगुना मुनाफा दे।
हरित क्रांति 2.0 की राह
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस पहल को हरित क्रांति 2.0 का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि मखाना खेती से न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी नई ताकत मिलेगी। अयोध्या में शुरू हुई यह खेती धार्मिक नगरी को आर्थिक और कृषि क्षेत्र में नई पहचान देगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले कुछ सालों में यह इलाका मखाना उत्पादन में बिहार और मणिपुर को टक्कर दे सकता है।
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