हमारे घरों में पूजा का महत्व तो हम सब जानते हैं। त्योहारों और दैनिक पूजा के लिए ताजा फूलों की जरूरत हमेशा पड़ती है, लेकिन बाजार से खरीदने का खर्च और फूलों की ताजगी की चिंता अलग समस्या है। अब कल्पना कीजिए कि आपका बालकनी ही फूलों का बगीचा बन जाए, जहाँ गेंदे, चमेली, गुलाब और तुलसी जैसे पूजा के लिए जरूरी फूल खुद उगें। ये न सिर्फ पूजा को और पवित्र बनाएगा, बल्कि घर को सुंदर और हरा-भरा भी रखेगा। आइए, जानते हैं कि बालकनी में पूजा के फूल कैसे उगाएँ।
पूजा के फूलों का महत्व और बालकनी गार्डनिंग का आसान तरीका
पूजा में फूलों का स्थान विशेष है। गेंदे की पीली पंखुड़ियाँ माता दुर्गा को, चमेली की सफेद मालाएँ भगवान विष्णु को और तुलसी की पत्तियाँ भगवान कृष्ण को चढ़ाने का रिवाज है। लेकिन शहरों के अपार्टमेंट में जगह की कमी से गार्डनिंग मुश्किल लगती है। बालकनी गार्डनिंग इसका सरल समाधान है। छोटे गमलों या हैंगिंग पॉट्स में फूल उगाना आसान है, और ये पूजा के लिए ताजा फूल उपलब्ध कराते हैं। पूजा फ्लावर सीड कॉम्बो में गेंदा, चमेली, गुलाब, तुलसी और अन्य पूजा फूलों के बीज शामिल हैं, जो भारतीय जलवायु के लिए बने हैं।
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बीज बोने का सही समय और तरीका
पूजा के फूलों के बीज बोने का सबसे अच्छा समय मानसून के बाद, यानी सितंबर-अक्टूबर है। इससे फूल नवंबर-दिसंबर में खिलने लगते हैं, जो त्योहारों के लिए परफेक्ट है। NSC के मिक्स कॉम्बो के बीजों को पहले 24 घंटे पानी में भिगोएँ, ताकि अंकुरण तेज हो। छोटे गमलों या ट्रे में अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी भरें – 50% मिट्टी, 30% कोकोपीट और 20% कम्पोस्ट का मिश्रण आदर्श है। बीजों को 0.5 सेंटीमीटर गहराई पर बोएँ और हल्का पानी छिड़कें। बालकनी में 4-6 घंटे धूप वाली जगह रखें। 7-10 दिनों में अंकुर फूटेंगे। पौधे 2-3 इंच ऊँचे होने पर बड़े गमलों में ट्रांसप्लांट करें। गेंदे के बीज 10 दिनों में अंकुरित होते हैं, जबकि चमेली के 15-20 दिनों में। नियमित पानी दें, लेकिन ज्यादा नम न रखें।
मिट्टी, खाद और सिंचाई का प्रबंधन
बालकनी गार्डनिंग में मिट्टी का चयन सही होना चाहिए। पूजा फूलों के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी लें, जिसमें कोकोपीट और वर्मीकम्पोस्ट मिला हो। pH 6.0-7.0 वाली मिट्टी इन फूलों के लिए बेस्ट है। जैविक खाद का इस्तेमाल करें – हर 15 दिन में कम्पोस्ट या गोबर की खाद डालें। ज्यादा रासायनिक खाद न डालें, क्योंकि ये फूलों की सुगंध कम कर देती है। सिंचाई के लिए सुबह या शाम को पानी दें – मिट्टी सूखने पर ही। बालकनी में हवा ज्यादा चलती है, इसलिए गमलों में मल्चिंग (सूखी पत्तियाँ) डालें, ताकि नमी बनी रहे। गेंदे को हफ्ते में 2-3 बार पानी दें, जबकि चमेली को नम रखें। तुलसी को रोज थोड़ा पानी दें, लेकिन जड़ें गीली न रहें।
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फूलों की देखभाल और रोग से बचाव
बालकनी में फूलों की देखभाल आसान है, लेकिन धूप और हवा का ध्यान रखें। पूजा फूलों को 4-6 घंटे धूप दें, लेकिन दोपहर की तेज धूप से बचाएँ। खरपतवार हटाने के लिए मैन्युअल रूप से साफ करें। कीटों से बचाव के लिए नीम का तेल छिड़कें – ये जैविक है और फूलों को नुकसान नहीं पहुँचाता। गेंदे में एफिड्स लग सकते हैं, तो नीम तेल से साप्ताहिक छिड़काव करें। चमेली में फंगल समस्या हो तो फंगीसाइड का हल्का इस्तेमाल करें। तुलसी को ज्यादा पानी न दें, वरना जड़ सड़ सकती है। फूल आने पर मुरझाए फूल तोड़ दें, ताकि नए फूल जल्दी आएँ। बालकनी में हैंगिंग पॉट्स इस्तेमाल करें, ताकि जगह बचे। 2-3 महीने में आपके बालकनी से पूजा के लिए ताजा फूल मिलने लगेंगे।
NSC की जानकारी: बीज कैसे प्राप्त करें
राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) भारत सरकार की एक विश्वसनीय कंपनी है, जो 1963 से किसानों और घरेलू बागवानों को सत्यापित बीज उपलब्ध करा रही है। ये मिनी रत्न कैटेगरी की कंपनी है, जो 80 फसलों और 621 किस्मों के बीज बनाती है। NSC के पास 48 क्षेत्रीय कार्यालय, 11 क्षेत्रीय दफ्तर और 5 फार्म हैं, जो पूरे देश में फैले हैं। मिक्स पूजा फ्लावर सीड कॉम्बो NSC के ऑनलाइन स्टोर से सिर्फ 160 रुपये में मिलता है। इसे प्राप्त करने के लिए NSC स्टोर पर जाएँ, कॉम्बो चुनें, कार्ट में डालें और पेमेंट करें। डिलीवरी पूरे भारत में होती है, और बीज सत्यापित होने से अच्छा अंकुरण मिलता है। अगर ऑनलाइन न खरीदना हो, तो नजदीकी NSC डीलर या कृषि केंद्र से संपर्क करें। गाँवों और शहरों के बागवानों के लिए ये बीज पूजा फूलों की खेती को आसान बनाते हैं।
बालकनी में पूजा फूल उगाना न सिर्फ आसान है, बल्कि पूजा को और पवित्र बनाता है। NSC के मिक्स पूजा फ्लावर सीड कॉम्बो से आपका बालकनी फूलों का बगीचा बनेगा, और ताजा फूलों से घर की सजावट हो जाएगी। सही समय पर बोने, जैविक खाद और देखभाल से फूल हमेशा खिले रहेंगे। त्योहारों के लिए तैयार हो जाएँ – अपना बालकनी गार्डन शुरू करें और पूजा को नई रंगत दें।
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