सिर्फ 60 दिनों में तैयार! NSC की PB-89 मटर वैरायटी का कमाल, घर बैठे ऑर्डर करें

PB-89 Pea Seed: मटर की हरी-हरी फलियां न सिर्फ सब्जी के रूप में स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि पोषण का खजाना भी हैं। विटामिन A, C, K से भरपूर, ये आंखों की रोशनी बढ़ाती हैं, इम्यून सिस्टम मजबूत करती हैं और पाचन सुधारती हैं। सर्दियों की ये फसल उत्तर भारत के किसानों की पसंदीदा है, जो कम पानी में अच्छी उपज देती है। लेकिन सफल खेती का राज है सही वैरायटी का चयन। NSC की पीबी-89 मटर वैरायटी एक ऐसी ही चॉइस है, जो स्वस्थ पौधे और स्वादिष्ट फलियां देती है। ये हाइब्रिड वैरायटी 60-70 दिनों में तैयार हो जाती है, औसत उपज 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर। छोटे किसानों से लेकर घरेलू बागवानी तक, ये हर स्तर पर फिट बैठती है।

पीबी-89 मटर वैरायटी की विशेषताएं, क्यों चुनें ये बीज

पीबी-89 मटर की वैरायटी टॉल (लंबे) पौधे वाली है, जो 1.5-2 मीटर ऊंचाई तक बढ़ती है। इसके दाने बड़े, हरे और मीठे होते हैं, जो बाजार में अच्छी कीमत पाते हैं। ये रोग प्रतिरोधी है – पाउडरी मिल्ड्यू और रूट रॉट जैसी समस्याओं से लड़ती है। उपज क्षमता शानदार – सिंचाई वाले क्षेत्रों में 25 क्विंटल/हेक्टेयर तक। ये ठंडी जलवायु (10-25 डिग्री सेल्सियस) में फलती-फूलती है, जो उत्तर भारत के रबी सीजन के लिए आदर्श। बीज दर 50-60 किलो/हेक्टेयर। एक बार लगाकर 2-3 कटाई संभव। स्वाद के मामले में ये पारंपरिक मटर से बेहतर है, क्योंकि इसमें प्रोटीन 20-22% और फाइबर भरपूर।

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बुवाई का सही समय और विधि, नवंबर-दिसंबर में शुरू करें

उत्तर भारत में पीबी-89 मटर की बुवाई अक्टूबर के अंत से नवंबर के मध्य तक करें। दिसंबर में भी संभव, लेकिन उपज थोड़ी कम हो सकती है। मिट्टी हो दोमट या रेतीली, pH 6-7.5। खेत तैयार करें – गहरी जुताई, 10 टन गोबर खाद मिलाएं। बीज को थिरम (2 ग्राम/किलो) से उपचारित करें। ड्रिल विधि से बोएं – पंक्तियों की दूरी 20-25 सेमी, गहराई 3-5 सेमी। बुवाई के बाद हल्की सिंचाई। ये वैरायटी दलहनी फसल है, जो मिट्टी को नाइट्रोजन फिक्स करती है।

देखभाल और प्रबंधन के टिप्स

पीबी-89 मटर को 4-5 सिंचाई चाहिए – बुवाई पर, 20-25 दिन बाद (टिलरिंग), फूल आने पर। ज्यादा पानी से जड़ सड़न हो सकती है। खाद: बुवाई पर 20 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो फॉस्फोरस, 20 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर। जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट मिलाएं। खरपतवार: बुवाई के 20 दिन बाद निराई। कीट: एफिड्स पर नीम स्प्रे। रोग: पाउडरी मिल्ड्यू पर कार्बेन्डाजिम (0.1%)। कटाई: 60-70 दिन बाद, जब फलियां हरी हों।

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पोषण और बाजार मूल्य: स्वास्थ्य और कमाई का दोहरा लाभ

पीबी-89 मटर की फलियां पोषक हैं – 100 ग्राम में 80 कैलोरी, 5 ग्राम प्रोटीन। ये एनीमिया रोकती हैं, हड्डियां मजबूत करती हैं। बाजार में ₹40-60/किलो बिकती हैं। 1 एकड़ से ₹50,000-80,000 कमाई संभव।

नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन (NSC) भारत सरकार की प्रमुख संस्था है, जो 1969 से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध करा रही है। ये प्रमाणित बीज उत्पादन करती है, जो 90%+ अंकुरण दर वाले होते हैं। NSC ने 100+ वैरायटी विकसित की हैं, जो ICAR मानकों पर खरी उतरती हैं। ये बीज सस्ते, शुद्ध और रोग प्रतिरोधी।

बीज कैसे प्राप्त करें: NSC से आसान ऑर्डर

NSC के पीबी-89 मटर बीज का 1 किलो पैक मात्र ₹220 में उपलब्ध है। ऑनलाइन स्टोर https://mystore.in/en/product/nsc-pea-v-pb-89-tl-seed-1-kg-pouch पर जाएं। रजिस्टर करें, प्रोडक्ट ऐड करें, पेमेंट करें। डिलीवरी 3-5 दिन। ऑफलाइन: लोकल कृषि केंद्र। यह मटर उगाना आसान और फायदेमंद है। NSC बीज से स्वस्थ फसल पाएं। बालकनी या खेत – कहीं भी ट्राई करें।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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