खीरा और शिमला मिर्च : की ऑर्गेनिक खेती कीजिए कमाई होगी तगड़ी

किसान साथियों, खीरा और शिमला मिर्च की एक साथ ऑर्गेनिक खेती कमाई का शानदार तरीका है, ये दोनों फसलें 60-75 दिन में तैयार हो जाती हैं, और बाजार में इनकी कीमत 40-80 रुपये प्रति किलो तक रहती है, ऑर्गेनिक होने से ग्राहक इन्हें ज्यादा पसंद करते हैं, और दाम 20-30% ज्यादा मिलते हैं, एक ही खेत में इन्हें उगाकर पानी, मेहनत की बचत होती है, और मिट्टी की सेहत भी बनी रहती है, खीरा गर्मी में ताजगी देता है, तो शिमला मिर्च सलाद, सब्जी में रंग बिखेरती है, अप्रैल-मई में शुरू करें, ये सहफसली खेती छोटे किसानों के लिए वरदान है, और लाखों की कमाई का रास्ता खोलती है।

खेत की तैयारी : ऑर्गेनिक नींव

ऑर्गेनिक खेती के लिए खेत को सही तरीके से तैयार करें, दोमट, रेतीली मिट्टी जिसमें जल निकासी अच्छी हो, इसके लिए बेस्ट है, मिट्टी का pH 6-7 रखें, गहरी जुताई करें, 10-12 टन गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट प्रति हेक्टेयर डालें, रासायनिक उर्वरकों से बचें, नीम की खली (500 किलो प्रति हेक्टेयर) मिलाएँ, अप्रैल की शुरुआत में खेत तैयार करें, 25-35 डिग्री तापमान दोनों फसलों के लिए उपयुक्त है, मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए रोटावेटर चलाएँ, हल्की सिंचाई करें, ताकि नमी बनी रहे, सही तैयारी से पौधे स्वस्थ रहते हैं, और पैदावार बढ़कर मुनाफा देती है।

बीज और बुआई

खीरा और शिमला मिर्च की ऑर्गेनिक बुआई के लिए प्रमाणित बीज चुनें, खीरे की किस्में जैसे पूसा उदय, मालिनी, शिमला मिर्च की कैलिफोर्निया वंडर, अर्का मोहिनी लें, प्रति हेक्टेयर खीरे के लिए 2-3 किलो, शिमला मिर्च के लिए 500-600 ग्राम बीज काफी है, बीज को जीवामृत (500 मिलीलीटर प्रति किलो) से उपचारित करें, मार्च-अप्रैल में नर्सरी तैयार करें, खीरे को 60×30 सेमी, शिमला मिर्च को 45×45 सेमी की दूरी पर बोएँ, खेत में एक कतार खीरा, अगली कतार शिमला मिर्च रोपें, 25-30 दिन बाद पौधों की रोपाई करें, मॉनसून शुरू होने से पहले बुआई करें, ये सहफसली तरीका जगह, पोषक तत्वों का सही इस्तेमाल करता है, और पैदावार दोगुनी करता है।

ऑर्गेनिक खाद और देखभाल

ऑर्गेनिक खेती में रासायनिक खाद, कीटनाशक वर्जित हैं, हर 15 दिन में जीवामृत (200 लीटर प्रति हेक्टेयर) छिड़कें, वर्मी कम्पोस्ट (2 टन प्रति हेक्टेयर) डालें, खीरे को बेल बनने पर बाँस का सहारा दें, शिमला मिर्च के पौधों को डंडी से बाँधें, हर 5-7 दिन में हल्की सिंचाई करें, ड्रिप सिस्टम से पानी की 20-30% बचत होगी, कीट जैसे फल मक्खी, माहू से बचाने के लिए नीम का तेल (5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) या गौमूत्र (10% घोल) छिड़कें, 20-25 दिन बाद गुड़ाई करें, खरपतवार हटाएँ, सही देखभाल से खीरे 2-3 किलो प्रति बेल, शिमला मिर्च 1-2 किलो प्रति पौधा देती है।

कटाई का समय, मेहनत का फल

खीरा और शिमला मिर्च की कटाई 60-75 दिन में शुरू करें, खीरा जब 15-20 सेमी लंबा, हरा हो, और शिमला मिर्च हरी, चमकदार हो, तो सुबह के समय काटें, खीरे की कटाई हर 2-3 दिन में करें, शिमला मिर्च हर 5-7 दिन में तोड़ें, एक हेक्टेयर से खीरे की 20-25 टन, शिमला मिर्च की 15-20 टन पैदावार मिल सकती है, कटाई के बाद फल को छाया में रखें, ताकि ताजगी बनी रहे, ऑर्गेनिक होने से बाजार में 20-30% ज्यादा दाम मिलता है, सही समय पर कटाई करें, तो कीमतें 40-80 रुपये प्रति किलो तक मिलती हैं, ये मेहनत का सबसे बड़ा इनाम है।

मुनाफा और बाजार

खीरा और शिमला मिर्च की ऑर्गेनिक खेती से मोटी कमाई संभव है, एक हेक्टेयर में लागत 40-50 हजार रुपये लगती है, खीरे से 20-25 टन, शिमला मिर्च से 15-20 टन मिलता है, 40-80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 14-25 लाख रुपये की कमाई हो सकती है, लागत निकालकर 13-24 लाख मुनाफा बचता है, ऑर्गेनिक मार्केट, सुपरमार्केट, होटल, या ऑनलाइन बेचें, गर्मियों में डिमांड बढ़ने से दाम ऊँचे रहते हैं, सरकार की सब्सिडी, ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन का फायदा उठाएँ, छोटे स्तर से शुरू करें, और खेती को लाखों की कमाई में बदलें।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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