Organic Ginger Farming in Hindi : अदरक की जैविक खेती आजकल किसानों के बीच खूब चलन में है। अदरक एक ऐसी मसाला फसल है, जो रसोई में स्वाद बढ़ाती है और औषधीय गुणों से भी भरपूर है। अदरक की जैविक खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों की जगह गोबर, नीम, और जैविक खाद का इस्तेमाल होता है, जिससे मिट्टी की सेहत बरकरार रहती है और फसल की गुणवत्ता बढ़ती है।
भारत में ये खेती केरल, कर्नाटक, उत्तर पूर्वी राज्यों, और उत्तर प्रदेश जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर होती है। ICAR और Krishi Vigyan Kendra की 2024 रिसर्च के मुताबिक, अदरक की जैविक खेती से प्रति हेक्टेयर 20-25 टन पैदावार मिल सकती है, और बाजार में इसका भाव 80-150 रुपये प्रति किलो तक जाता है। आइए, इसे देसी तरीकों से विस्तार में समझें।
अदरक की जैविक खेती क्यों करें?
अदरक की जैविक खेती का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये पर्यावरण और सेहत के लिए सुरक्षित है। रासायनिक खेती से मिट्टी की उर्वरता घटती है, लेकिन जैविक तरीके से मिट्टी सालों तक उपजाऊ रहती है। अदरक में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और औषधीय गुण होने से इसकी माँग देश-विदेश में बढ़ रही है। जैविक अदरक का निर्यात बढ़ने से किसानों को अच्छा दाम मिलता है। KVK की 2024 रिपोर्ट के अनुसार, अदरक की जैविक खेती में लागत 50-60 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर आती है, और मुनाफा 2-3 लाख तक हो सकता है। ये खेती छोटे और बड़े दोनों किसानों के लिए फायदेमंद है।

खेत की तैयारी और मिट्टी- Organic Ginger Farming in Hindi
अदरक की जैविक खेती के लिए खेत को अच्छे से तैयार करें। खेत को हल से 2-3 बार जोतकर मिट्टी को भुरभुरा बनाएँ। दोमट, बलुई दोमट, या लाल मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी है, जिसमें पानी का निकास ठीक हो। मिट्टी का pH 5.5-6.5 होना चाहिए। प्रति हेक्टेयर 20-25 टन गोबर की सड़ी खाद डालें। ICAR की सलाह है कि 5 टन वर्मीकम्पोस्ट और 2 टन नीम की खली मिलाने से मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ती है। 60x30x30 सेमी के गड्ढे या 30 सेमी ऊँची क्यारियाँ बनाएँ। गर्मी में मल्चिंग (सूखी पत्तियाँ या घास) करें, ताकि नमी बनी रहे।
सही किस्मों का चयन
अदरक की जैविक खेती में सही किस्म चुनना जरूरी है। ICAR और KVK की 2024 रिसर्च के मुताबिक, ये किस्में जैविक खेती के लिए बढ़िया हैं:
- IISR Varada: बड़े कंद, 20-22 टन/हेक्टेयर, रोग प्रतिरोधी।
- Suprabha: रसीला और स्वादिष्ट, 18-20 टन/हेक्टेयर।
- Rio-de-Janeiro: औषधीय गुणों से भरपूर, 22-25 टन/हेक्टेयर।
- Mahima: जल्दी तैयार, 20 टन/हेक्टेयर।
अपने इलाके के मौसम के हिसाब से जैविक प्रमाणित बीज चुनें। बीज के लिए 2-3 आँखों वाले 25-30 ग्राम के कंद लें।
बुवाई और रोपाई का तरीका
अदरक की बुवाई मई-जून में शुरू करें, ताकि मानसून का फायदा मिले। बीज को 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा और 10 लीटर गोमूत्र के घोल में 2 घंटे भिगोएँ। 45 सेमी की दूरी पर पंक्तियाँ बनाएँ और कंद को 5-7 सेमी गहराई पर रोपें। प्रति हेक्टेयर 1500-2000 किलो बीज काफी है। बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें। KVK की सलाह है कि गन्ने की पत्तियों से मल्चिंग करें, ताकि नमी बनी रहे और खरपतवार कम हों। अदरक की जैविक खेती में सही रोपाई से अंकुरण तेज़ होता है।
पानी और जैविक खाद का प्रबंधन
अदरक को नम मिट्टी पसंद है। अदरक की जैविक खेती में शुरू में 5-7 दिन में एक बार हल्की सिंचाई करें। मानसून के बाद 10-15 दिन में पानी दें। ड्रिप सिस्टम से पानी की बचत होती है। खाद के लिए 20 टन गोबर खाद, 5 टन वर्मीकम्पोस्ट, और 2 टन नीम की खली बुवाई से पहले डालें। फसल बढ़ते समय 10 लीटर गोमूत्र और 1 किलो गुड़ का घोल प्रति हेक्टेयर हर 15 दिन में छिड़कें। ICAR की 2024 रिसर्च कहती है कि जैविक खाद से कंद का वजन 20-25% बढ़ता है। सही प्रबंधन से अदरक रसीला और स्वादिष्ट बनता है।
कीट और रोग नियंत्रण
अदरक की जैविक खेती में कीट और रोगों से बचाव प्राकृतिक तरीकों से करें। शूट बोरर और राइज़ोम स्केल कीट को नीम का तेल (5 मिली/लीटर) या गोमूत्र (10%) से काबू करें। राइज़ोम सड़न (फफूंद) से बचने के लिए ट्राइकोडर्मा (5 किलो/हेक्टेयर) मिट्टी में मिलाएँ। पत्तियों पर धब्बे दिखें, तो नीम की पत्तियों का काढ़ा छिड़कें। KVK की सलाह है कि फेरोमोन ट्रैप (10/हेक्टेयर) लगाएँ। जैविक तरीकों से फसल सुरक्षित और गुणवत्ता बरकरार रहती है।

कटाई और पैदावार
अदरक की कटाई 8-10 महीने बाद करें, जब पत्तियाँ पीली पड़ जाएँ। जनवरी-फरवरी में कंद निकालें। अदरक की जैविक खेती से प्रति हेक्टेयर 20-25 टन ताज़ा अदरक मिलता है, जो सूखने पर 5-6 टन हो जाता है। कटाई सुबह करें और कंद को छाया में सुखाएँ। सही समय पर कटाई से स्वाद और दाम दोनों अच्छे मिलते हैं। ICAR की 2024 स्टडी कहती है कि जैविक अदरक की पैदावार रासायनिक खेती से 10-15% कम हो सकती है, लेकिन दाम 30-40% ज्यादा मिलता है।
मुनाफा और बाजार
अदरक की जैविक खेती में लागत 50-60 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर आती है। बाजार में जैविक अदरक 80-150 रुपये/किलो बिकता है। 20 टन पैदावार से 2-3 लाख रुपये की कमाई होती है, जिसमें 1.5-2.5 लाख मुनाफा बचता है। जैविक प्रमाणन (NPOP या PGS) लेने से निर्यात का रास्ता खुलता है। यूरोप और अमेरिका में इसकी माँग बढ़ रही है। प्रोसेसिंग (सूखा अदरक, पाउडर, अचार) से मुनाफा और बढ़ सकता है।
सावधानियाँ और टिप्स
- पानी का जमाव न होने दें।
- गर्मी में मल्चिंग करें।
- हर साल खेत बदलें, ताकि मिट्टी स्वस्थ रहे।
- जैविक बीज का इस्तेमाल करें।
ये भी पढ़ें- इन मसलों की आर्गेनिक खेती से कमा सकतें हो लाखों रूपये, विदेशों से रहती है बम्पर डिमांड