Organic Hybrid Cotton Farming: मध्य प्रदेश में अब ऑर्गेनिक हाइब्रिड कॉटन की खेती होगी, जो किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। ग्वालियर स्थित राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इस दिशा में काम कर रहे हैं और ऑर्गेनिक हाइब्रिड कॉटन के बीज तैयार करने में जुटे हैं। इन बीजों को किसानों तक पहुँचाया जाएगा, जिससे वे इस नई किस्म की खेती शुरू कर सकें। विश्वविद्यालय में बीज का प्रयोग सफल रहा है, और अब इसे खेती के लिए तैयार किया जा रहा है। यह मध्य प्रदेश में ऑर्गेनिक हाइब्रिड कॉटन की पहली वैरायटी है, जो किसानों को नई दिशा देगी।
सरकार का सहयोग
मध्य प्रदेश सरकार इस वैरायटी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि यह पूरी तरह से ऑर्गेनिक है और हाइब्रिड भी, जिससे अधिक उत्पादन मिल सकेगा। सरकार ने इस वैरायटी के विकास और प्रचार के लिए 3 करोड़ रुपये जारी किए हैं। यह राशि वैज्ञानिकों को बीज तैयार करने और किसानों को ट्रेनिंग देने में मदद करेगी। सरकार का मकसद है कि किसान केमिकल-मुक्त खेती की ओर बढ़ें और अपनी आय बढ़ाएँ।
क्यों फायदेमंद है ऑर्गेनिक हाइब्रिड कॉटन
अभी तक जिस कॉटन की खेती होती है, उसमें केमिकल खाद और कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है, जिससे सेहत और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ते हैं। ऑर्गेनिक हाइब्रिड कॉटन की खेती में प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल होगा, और किसी तरह के केमिकल या कीटनाशक का उपयोग नहीं होगा। यह न सिर्फ किसानों की सेहत, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। हाइब्रिड किस्में सामान्य किस्मों की तुलना में अधिक उत्पादन देती हैं, इसलिए किसान इनकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।
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किसानों की परेशानियाँ और समाधान
पारंपरिक कॉटन की खेती में किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। केमिकल के इस्तेमाल से कपास निकालते वक्त उन्हें एलर्जी या खुजली की समस्या होती है, और ऐसे कपास से तैयार कपड़ों से भी शरीर में खुजली होती है। ऑर्गेनिक हाइब्रिड कॉटन इन समस्याओं से निजात दिलाएगा। इसके अलावा, किसानों को महंगे रेट पर प्राइवेट कंपनियों से बीज खरीदने पड़ते हैं, जो 450 ग्राम के पैकेट के लिए 800 से 1200 रुपये तक का पड़ता है। ऑर्गेनिक हाइब्रिड कॉटन के बीज तैयार करने की ट्रेनिंग से किसान खुद बीज बना सकेंगे, जिससे उनकी लागत कम होगी और वे सस्ते में खेती कर सकेंगे।
राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक किसानों को जिलेवार ट्रेनिंग देंगे, ताकि वे ऑर्गेनिक हाइब्रिड कॉटन के बीज खुद तैयार कर सकें। इस ट्रेनिंग में उन्हें बताया जाएगा कि कैसे प्राकृतिक तरीकों से बीज बनाएँ और खेती करें। अभी तक इस क्षेत्र में कोई सरकारी संस्था नहीं थी, जिसकी वजह से किसानों को प्राइवेट कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब वे खुद बीज बना सकेंगे, जिससे उनकी निर्भरता कम होगी और वे अपनी आय बढ़ा सकेंगे।
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अधिक उत्पादन बेहतर आय
ऑर्गेनिक हाइब्रिड कॉटन की खेती से किसानों को अधिक उत्पादन मिलेगा, क्योंकि हाइब्रिड किस्में सामान्य किस्मों की तुलना में ज्यादा उपज देती हैं। इसके अलावा, ऑर्गेनिक कॉटन की मांग बाजार में बढ़ रही है, क्योंकि लोग केमिकल-मुक्त उत्पादों को तरजीह दे रहे हैं। इससे किसानों को अपनी उपज को बेहतर कीमत पर बेचने का मौका मिलेगा, और उनकी आय बढ़ेगी।
पर्यावरण और सेहत का ख्याल
ऑर्गेनिक हाइब्रिड कॉटन की खेती से मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी, क्योंकि इसमें केमिकल का इस्तेमाल नहीं होगा। यह मिट्टी को लंबे समय तक उपजाऊ बनाए रखेगा और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाएगा। साथ ही, किसानों और उपभोक्ताओं की सेहत पर भी इसका सकारात्मक असर होगा। केमिकल-मुक्त कपास से बने कपड़े पहनने से शरीर में खुजली या एलर्जी की समस्या नहीं होगी, और किसानों को खेती के दौरान भी कोई नुकसान नहीं होगा।
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