जुलाई से मार्च तक बंपर मौका
ढिंगरी मशरूम की खेती के लिए जुलाई से मार्च का समय सबसे बेहतरीन है। अगर आपके इलाके में तापमान ठंडा रहता है, तो आप इसे सालभर उगा सकते हैं। यह मशरूम धान के पुआल या गेहूं के भूसे पर आसानी से उग जाता है, जो खेतों में सस्ते में मिल जाता है। दूसरी मशरूम किस्मों की तुलना में इसकी पैदावार सबसे ज्यादा होती है। कम लागत और ज्यादा मुनाफे की वजह से यह छोटे किसानों के लिए वरदान है। बस थोड़ी सी मेहनत और सही तरीके से आप इस खेती को शुरू कर सकते हैं।
भूसा तैयार करने का देसी नुस्खा
मशरूम की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले भूसा तैयार करना जरूरी है। 10 किलो धान का पुआल या गेहूं का भूसा लें। एक बड़े बर्तन में 125 मिलीलीटर फॉर्मेलिन और 7.5 ग्राम बाविस्टिन को पानी में मिलाकर घोल बनाएं। इस घोल में भूसे को 14-16 घंटे तक डुबोकर रखें और बर्तन को पॉलीथीन से ढक दें, ताकि हवा न जाए। इसके बाद भूसे को निकालकर पक्के फर्श पर फैलाएं, जिससे अतिरिक्त पानी सूख जाए। भूसे को हाथ से दबाकर चेक करें अगर पानी न निकले, तो यह तैयार है। गीले भूसे का वजन सूखे भूसे से तीन गुना होना चाहिए। यह आसान तरीका आपकी मशरूम खेती की नींव को मजबूत बनाएगा।
मशरूम लगाने का सरल तरीका
तैयार भूसे में अब मशरूम का बीज यानी स्पॉन मिलाएं। 8×12 इंच के प्लास्टिक बैग लें और इनमें स्पॉन मिला भूसा भरें। बैग का एक चौथाई हिस्सा खाली छोड़ दें, ताकि हवा की जगह बनी रहे। बैग का मुंह बंद करें और चारों तरफ सलाई से छोटे-छोटे छेद करें। ये छेद हवा के लिए जरूरी हैं, वरना मशरूम की बढ़त रुक सकती है। अब इन बैग्स को किसी ठंडी और अंधेरी जगह, जैसे घर के कमरे या गोदाम में रख दें। बस इतना करें, और आपकी मशरूम खेती शुरू हो जाएगी। यह तरीका इतना आसान है कि कोई भी इसे आजमा सकता है।
45 दिन में लाखों की कमाई
मशरूम की खेती में धैर्य का फल मीठा होता है। बुवाई के 22-25 दिन बाद पहली फसल तैयार हो जाती है। इसके बाद हर 5-7 दिन में दूसरी और तीसरी फसल मिलती है। एक फसल का चक्र 45-50 दिन का होता है, और जुलाई से मार्च तक 4-5 फसलें ली जा सकती हैं। 10 किलो भूसे से 20 थैलियां बनती हैं, जिनमें 100-150 रुपये का स्पॉन लगता है। इन थैलियों से 2-3 महीने में 100 किलो गीला मशरूम मिलता है। बाजार में यह 400-500 रुपये प्रति किलो बिकता है। यानी सिर्फ 150 रुपये की लागत से 40,000 से 50,000 रुपये की कमाई हो सकती है। अगर आप छोटे पैमाने पर भी शुरू करते हैं, तो आपकी जेब डबल मुनाफे से भर जाएगी।
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