Oyster Mushroom Farming: ऑइस्टर मशरूम, जिसे वैज्ञानिक रूप से Pleurotus ostreatus कहते हैं, आज दुनिया भर में अपने स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के लिए मशहूर है। यह मशरूम न सिर्फ खाने में लाजवाब है, बल्कि प्रोटीन, विटामिन D, और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होने के कारण सेहत के लिए भी वरदान है। भारत में इसकी माँग बड़े होटल, रेस्तराँ, और शहरों में बढ़ रही है। सबसे बड़ी बात, ऑइस्टर मशरूम की खेती में लागत कम लगती है और यह 20-30 दिन में तैयार हो जाता है। छोटे किसान और नए उद्यमी इसे आसानी से शुरू कर अच्छी कमाई कर सकते हैं।

खेती के लिए सही माहौल – Oyster Mushroom Farming
ऑइस्टर मशरूम को गर्म और नम माहौल पसंद है। 22 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान और 80-90% नमी इसके लिए बिलकुल सही है। इसे उगाने के लिए हवादार जगह चुनें, जहाँ सूरज की सीधी रोशनी न पड़े। छोटे स्तर पर आप इसे घर के किसी कोने, जैसे बरामदे या शेड में, शुरू कर सकते हैं। पानी का हल्का छिड़काव करके नमी बनाए रखें। बड़े स्तर पर खेती के लिए ग्रीनहाउस बनाया जा सकता है, जो तापमान और नमी को कंट्रोल करता है। बिहार, उत्तर प्रदेश, और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की जलवायु इसके लिए मुफीद है।
खेती के लिए जरूरी सामान
ऑइस्टर मशरूम की खेती शुरू करने के लिए कुछ बुनियादी चीजें चाहिए। सबसे पहले अच्छी क्वालिटी के मशरूम स्पॉर (बीज) लें, जो नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या विश्वसनीय सप्लायर से मिल सकते हैं। सब्सट्रेट के लिए गेहूँ की भूसी, चावल की भूसी, या लकड़ी का बुरादा इस्तेमाल करें। ये सस्ते और आसानी से मिल जाते हैं। मशरूम उगाने के लिए प्लास्टिक बैग या ट्रे चाहिए। इसके अलावा, साफ पानी, उबालने का बर्तन, और नमी बनाए रखने के लिए स्प्रे बोतल रखें। छोटे स्तर पर 5,000-10,000 रुपये में खेती शुरू हो सकती है।
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खेती का देसी तरीका
ऑइस्टर मशरूम की खेती (Oyster Mushroom Farming) शुरू करने के लिए सबसे पहले सब्सट्रेट तैयार करें। गेहूँ की भूसी या चावल की भूसी को पानी में धोकर उबाल लें, ताकि बैक्टीरिया और फफूंद खत्म हो जाएँ। इसे ठंडा होने दें, फिर नमी को हल्का निचोड़कर 60-70% रखें। अब इस सब्सट्रेट में मशरूम स्पॉर मिलाएँ और अच्छे से मिक्स करें। इस मिश्रण को प्लास्टिक बैग में भरें और हल्के से दबाकर बाँध दें। बैग को 15-20 दिन के लिए अंधेरी और नम जगह पर रखें। इस दौरान सफेद धागे जैसे मायसीलियम फैलने लगेंगे, जो मशरूम का आधार बनते हैं।
मशरूम की देखभाल और कटाई
जब मायसीलियम फैल जाए, तो बैग में छोटे-छोटे छेद करें, ताकि मशरूम बाहर निकल सकें। दिन में 2-3 बार पानी का हल्का छिड़काव करें, ताकि नमी बनी रहे। हवा का संचार बनाए रखने के लिए जगह को हवादार रखें। 20-30 दिन में मशरूम बढ़कर कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। मशरूम को जड़ से न उखाड़ें, बल्कि हल्के से तोड़ें, ताकि अगली फसल भी उग सके। एक बैग से 3-4 बार फसल ली जा सकती है। कटाई सुबह करें, जब मशरूम ताजा और कुरकुरे होते हैं।
स्वास्थ्य लाभ और बाजार की माँग
ऑइस्टर मशरूम सेहत के लिए कमाल का है। यह कोलेस्ट्रॉल कम करता है, इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, और वजन घटाने में मदद करता है। इसमें फाइबर और विटामिन D होने से हड्डियाँ और दिल स्वस्थ रहते हैं। बाजार में इसकी माँग बढ़ रही है, खासकर शहरों में, जहाँ लोग इसे सलाद, सूप, और सब्जी के लिए खरीदते हैं। होटल और रेस्तराँ इसे 200-300 रुपये प्रति किलो तक खरीदते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और स्थानीय बाजारों में इसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
समस्याएँ और देसी समाधान
मशरूम की खेती में कभी-कभी फफूंद या कीट की समस्या आ सकती है। इसके लिए सब्सट्रेट को अच्छे से उबालें और फार्म को साफ रखें। नीम का तेल या जैविक फफूंदनाशक छिड़ककर रोगों से बचाव करें। अगर मशरूम धीमे बढ़ रहे हों, तो नमी और तापमान की जाँच करें। ज्यादा पानी से बचें, वरना सब्सट्रेट सड़ सकता है। कम उत्पादन होने पर स्पॉर की क्वालिटी चेक करें। स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेना फायदेमंद रहेगा।
मुनाफे का हिसाब
ऑइस्टर मशरूम की खेती (Oyster Mushroom Farming) में 1 किलो सब्सट्रेट से 0.5-1 किलो मशरूम मिलता है। 100 बैग (1 किलो सब्सट्रेट प्रति बैग) की खेती में 10,000-15,000 रुपये लागत आती है, और 50-100 किलो मशरूम मिल सकता है। बाजार में 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 20,000-40,000 रुपये की कमाई हो सकती है। साल में 4-5 फसल लेने पर लाखों का मुनाफा संभव है। जैविक खाद के रूप में बचे सब्सट्रेट को बेचकर अतिरिक्त कमाई भी की जा सकती है।
ऑइस्टर मशरूम की खेती कम लागत में बड़े मुनाफे का धंधा है। छोटे से कमरे में शुरू करके आप इसे बड़े स्तर पर ले जा सकते हैं। सही स्पॉर, जैविक सब्सट्रेट, और देसी देखभाल से यह खेती आसान और फायदेमंद है। बाजार में बढ़ती माँग और स्वास्थ्य लाभ इसे किसानों और युवाओं के लिए सुनहरा मौका बनाते हैं। नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लें और आज ही ऑइस्टर मशरूम की खेती शुरू करें। मेहनत और सही तरीके से आपकी कमाई लहलहाएगी!
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