ये है धान की बेस्ट पछेती वैरायटी, कम समय में ज्यादा उपज, बीज खरीदने का लिंक यहीं है

Pacheti Dhan ki Kism Swarn Sub-1: किसान भाइयों, खरीफ सीजन शुरू हो चुका है, और देश के ज्यादातर राज्यों में धान की रोपाई जोरों पर है। धान की खेती के लिए पानी की ज्यादा जरूरत होती है, लेकिन अगर आप कम पानी में अच्छी उपज देने वाली किस्म ढूंढ रहे हैं, तो राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) की स्वर्ण सब-1 किस्म आपके लिए वरदान है। ये किस्म न सिर्फ कम पानी में खेती के लिए उपयुक्त है, बल्कि बाढ़ जैसी मुश्किल स्थिति में भी टिकाऊ है।

राष्ट्रीय बीज निगम इस किस्म के बीज ऑनलाइन बेच रहा है, जिन्हें किसान घर बैठे मंगवा सकते हैं। ये बीज जुलाई के अंत तक रोपाई के लिए भी सही हैं, जिससे देर से बुवाई करने वाले किसानों को बड़ी राहत मिल रही है।

स्वर्ण सब-1 की खासियत

स्वर्ण सब-1 धान की एक उन्नत किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) ने मिलकर विकसित किया है। ये अर्ध-बौनी किस्म है, जो सीधी बुवाई में 145 दिन और रोपाई में 150 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये दो से तीन हफ्ते तक बाढ़ में डूबने के बावजूद फसल को नुकसान नहीं होने देती।

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इसका दाना मध्यम-पतला और स्वादिष्ट होता है, जो बाजार में अच्छी मांग रखता है। सामान्य हालात में ये 4.5-5.5 टन प्रति हेक्टेयर उपज देती है, जबकि बाढ़ या तनाव की स्थिति में भी 3-4 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में ये किस्म खूब पसंद की जा रही है।

घर बैठे मंगवाएँ बीज

राष्ट्रीय बीज निगम किसानों की सुविधा के लिए स्वर्ण सब-1 के बीज ऑनलाइन उपलब्ध करा रहा है। किसान NSC की वेबसाइट www.indiaseeds.com या ONDC माय स्टोर ऐप के जरिए 6 किलो का पैकेट 23% छूट के साथ 340 रुपये में ऑर्डर कर सकते हैं। इस पैकेट के साथ मुफ्त जैकेट भी दी जा रही है, जो किसानों के लिए आकर्षक ऑफर है।

ऑनलाइन ऑर्डर करने पर बीज सीधे घर पहुंचते हैं, जिससे समय और मेहनत दोनों बचते हैं। NSC के 12,500 पंजीकृत उत्पादकों और 2800 बीज विक्रेताओं के नेटवर्क के जरिए गुणवत्ता की गारंटी मिलती है। बिहार के सीतामढ़ी के एक किसान रमेश यादव ने बताया कि उन्होंने पिछले साल स्वर्ण सब-1 बीज ऑनलाइन मंगवाए और बाढ़ के बावजूद अच्छी फसल ली।

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खेती का आसान तरीका

स्वर्ण सब-1 की खेती के लिए खेत को अच्छी तरह जोतकर समतल करें। सीधी बुवाई के लिए खेत में हल्की नमी रखें और 8-10 किलो बीज प्रति एकड़ बिखेरें। रोपाई के लिए नर्सरी में 5-6 किलो बीज प्रति एकड़ उगाएँ और 25-30 दिन पुराने पौधों को खेत में लगाएँ। दोमट मिट्टी में गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएँ।

हर 10-15 दिन में सिंचाई करें, लेकिन बाढ़ वाले क्षेत्रों में इसकी खासियत इसे बिना ज्यादा देखभाल के उपज देती है। जैविक उर्वरक जैसे एजोस्पिरिलियम या पीएसबी का उपयोग फसल को मजबूत करता है। जुलाई के अंत तक बुवाई आदर्श है, ताकि नवंबर तक फसल तैयार हो जाए।

किसानों के लिए बंपर मुनाफा

स्वर्ण सब-1 किस्म कम पानी और बाढ़ प्रतिरोधी होने के कारण जोखिम कम करती है। बाजार में इसके चावल की मांग अच्छी है, और 2025 में मंडी भाव 2500-3000 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा। ये किस्म पश्चिम बंगाल के सुंदरबन और बिहार के कोसी क्षेत्र जैसे बाढ़-प्रभावित इलाकों में खासतौर पर फायदेमंद है। NSC की ऑनलाइन सुविधा और छूट से किसानों का खर्च भी कम हो रहा है। किसान भाई इस मौके का फायदा उठाएँ, बीज मंगवाएँ, और कम पानी में बंपर उपज लें।

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  • Shashikant

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