धान की खेती करने वाले किसानों के लिए केंद्र सरकार ने इस खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट समिति की बैठक में धान की नई MSP को मंजूरी दी गई। सरकार ने सामान्य धान का MSP ₹2,369 प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान का MSP ₹2,389 प्रति क्विंटल तय किया है। यह पिछले साल की तुलना में 69 रुपये ज्यादा है। इस फैसले से उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे बड़े धान उत्पादक राज्यों के लाखों किसानों को फायदा मिलेगा।
धान की MSP बढ़ाने का आधार किसानों की उत्पादन लागत है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, सामान्य धान की लागत ₹1,580 और ग्रेड-ए धान की लागत ₹1,593 प्रति क्विंटल आती है। सरकार ने MSP को इस लागत से 1.5 गुना से अधिक रखा है। यानी किसानों को फसल का दाम उत्पादन लागत से काफी ऊपर मिलेगा। यही नीति सरकार ने 2018-19 के बजट में घोषित की थी, जिसमें किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP सुनिश्चित करने की बात कही गई थी।
कब और कैसे होगी धान की खरीद
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान की खरीद राज्य एजेंसियों और फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के माध्यम से होगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होकर 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में खरीद 1 नवंबर से शुरू होकर 28 फरवरी 2026 तक होगी। किसानों को धान बेचने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके लिए खाद्य और रसद विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in या मोबाइल ऐप “यूपी किसान मित्र” का इस्तेमाल किया जा सकता है। पंजीकरण प्रक्रिया ओटीपी आधारित होगी और भुगतान सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा।
धान बेचने वाले किसानों को इस बार बायोमीट्रिक सत्यापन से गुजरना होगा। सरकार का कहना है कि इससे खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी। किसानों को उनका पूरा भुगतान सीधे बैंक खाते में मिलेगा। खाद्य और रसद विभाग ने किसानों की सुविधा के लिए टोल फ्री नंबर 18001800150 भी जारी किया है।
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MSP बढ़ने से कितना फायदा
धान की नई MSP का सीधा असर किसानों की जेब पर पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई किसान 10 क्विंटल धान बेचता है तो उसे अब 690 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। अधिक पैदावार करने वाले किसानों को लाभ और ज्यादा होगा। उत्तर प्रदेश में करीब 50 लाख किसान इस फैसले से सीधे लाभान्वित होंगे। पंजाब और हरियाणा के किसान भी सरकारी खरीद से ज्यादा आय अर्जित कर सकेंगे।
धान भारत की खाद्य सुरक्षा की रीढ़ है। सरकार धान की खरीद करके उसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत गरीब और जरूरतमंदों तक पहुँचाती है। कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि 2014-15 से 2024-25 तक धान की कुल सरकारी खरीद 7,608 लाख मीट्रिक टन रही है, जो 2004-05 से 2013-14 के बीच की तुलना में 65 प्रतिशत ज्यादा है। MSP बढ़ने से किसानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा और खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी।
किसानों के लिए जरूरी कदम
धान की फसल बेचने के इच्छुक किसान समय पर पंजीकरण कराएँ और अपनी फसल सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचें। पंजीकरण के बिना किसान अपनी उपज MSP पर नहीं बेच पाएंगे। सही समय पर बुवाई और उचित नमी के साथ धान तैयार करने वाले किसानों को इस साल का भाव पिछले साल से ज्यादा मिलेगा।
धान की MSP में 69 रुपये की बढ़ोतरी किसानों के लिए राहत की खबर है। अब सामान्य धान का MSP ₹2,369 और ग्रेड-ए धान का ₹2,389 प्रति क्विंटल है। सरकार का यह कदम न केवल किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों के किसानों को इस फैसले का सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।
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