Paddy Procurement: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए धान खरीद का मौसम जोर पकड़ चुका है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया है, और अब तक 1.37 लाख से अधिक किसान अपनी फसल बेचने के लिए रजिस्टर हो चुके हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खरीद पहले से चल रही है, जबकि पूर्वी क्षेत्रों में 1 नवंबर से शुरुआत होगी। सरकार का लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदना है, जो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उचित दाम दिलाएगा। आइए जानते हैं कि यह प्रक्रिया कैसे काम कर रही है और किसानों को क्या लाभ मिल रहा है।
पंजीकरण प्रक्रिया
खाद्य एवं रसद विभाग ने किसानों की राह आसान बनाने के लिए पंजीकरण को पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। 1 सितंबर से शुरू हुए अभियान में 23 अक्टूबर तक 1,37,166 किसान रजिस्टर हो चुके हैं। किसान www.fcs.up.gov.in वेबसाइट या ‘UP Kisan Mitra’ ऐप के जरिए आसानी से पंजीकरण कर सकते हैं। नई व्यवस्था में ओटीपी आधारित सिंगल रजिस्ट्रेशन सिस्टम है, जो मोबाइल पर ही पूरा हो जाता है। इससे किसानों को बार-बार कागजी काम नहीं करना पड़ता।
पंजीकरण के बाद धान बिक्री पर भुगतान सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में 48 घंटे के अंदर पहुँच जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई देरी न हो, ताकि किसानों को तुरंत राहत मिले। यह पारदर्शी प्रणाली किसानों की आय को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभा रही है।
35,000 टन से अधिक धान बिका
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़ और झांसी संभागों में 1 अक्टूबर से धान खरीद शुरू हो चुकी है। लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिलों में भी सक्रिय खरीद चल रही है। अब तक इन क्षेत्रों में 35,630 मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा जा चुका है। खरीद केंद्र सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहते हैं, और 17% नमी वाले धान को भी स्वीकार किया जा रहा है। यह व्यवस्था किसानों को बाजार की चिंता से मुक्त कर रही है, क्योंकि एमएसपी पर खरीद से उन्हें निश्चित दाम मिल रहे हैं।
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पूर्वी यूपी में 1 नवंबर से शुरुआत
पूर्वी उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर और प्रयागराज संभागों में धान खरीद 1 नवंबर 2025 से शुरू होगी और 28 फरवरी 2026 तक चलेगी। लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव जिलों में भी इसी तिथि से प्रक्रिया चलेगी। यह चरणबद्ध तरीका किसानों को पर्याप्त समय देगा, ताकि वे अपनी फसल कटाई के बाद बिना जल्दबाजी के बेच सकें। पश्चिमी क्षेत्रों में खरीद 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। सरकार का फोकस यह सुनिश्चित करना है कि हर किसान को सुविधा मिले।
एमएसपी में वृद्धि
केंद्र सरकार ने धान के एमएसपी में वृद्धि की है, जो किसानों के लिए राहत की बात है। सामान्य धान का समर्थन मूल्य 2,369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ‘ए’ धान का 2,389 रुपये प्रति क्विंटल है। इससे किसानों को अपनी मेहनत का सही फल मिलेगा और बाजार की अस्थिरता से बचाव होगा। इस सीजन में कुल 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य है, जो लगभग 14,000 करोड़ रुपये का कारोबार पैदा करेगा। यह न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
4,000 केंद्रों का लक्ष्य
सरकार ने 4,000 खरीद केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है, जिनमें से 3,790 पहले ही चालू हो चुके हैं। इन केंद्रों पर किसानों को एक ही जगह खरीद, तौल और भुगतान की सुविधा मिल रही है। प्रशासनिक टीमें केंद्रों की निगरानी कर रही हैं, ताकि कोई असुविधा न हो। छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह व्यवस्था विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि वे आसानी से अपनी फसल बेच पा रहे हैं। अगर आपके क्षेत्र में केंद्र नहीं पहुँचा है, तो नजदीकी सहकारी समिति से संपर्क करें।
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धान खरीद की मुख्य जानकारी
| विवरण | आंकड़े |
|---|---|
| पंजीकृत किसान | 1,37,166 |
| स्थापित खरीद केंद्र | 3,790 (लक्ष्य 4,000) |
| अब तक खरीदी गई मात्रा | 35,630 मीट्रिक टन |
| खरीद लक्ष्य | 60 लाख मीट्रिक टन |
| धान का एमएसपी | ₹2,369 (सामान्य), ₹2,389 (ग्रेड ‘ए’) |
| भुगतान अवधि | 48 घंटे के भीतर |
| पूर्वी यूपी में खरीद प्रारंभ | 1 नवंबर 2025 |
धान खरीद का लाभ उठाने के लिए समय पर पंजीकरण करवाएँ और फसल को सही नमी स्तर पर रखें। अगर आपका क्षेत्र पूर्वी यूपी का है, तो नवंबर तक तैयार रहें। यह प्रक्रिया न केवल आर्थिक लाभ देगी, बल्कि किसानों को आत्मविश्वास भी बढ़ाएगी। अधिक जानकारी के लिए विभाग की वेबसाइट या ऐप चेक करें।
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