Pahadi Matar Mandi Rate : हिमाचल प्रदेश में मटर की फसल अब आपकी मेहनत का मीठा फल दे रही है। बुधवार को शिमला और सिरमौर से मटर 45-50 रुपये किलो बिकी, जबकि कुछ दिन पहले ये 30 रुपये किलो थी। जुन्गा तहसील और सिरमौर सीमा से पहाड़ी मटर अब सोलन, ढली और राज्य की दूसरी मंडियों में पहुँच रही है। किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं, और उनकी खुशी देखते बनती है। हालाँकि, ओलावृष्टि ने कुछ फलियों को सफेद कर दिया, मगर फिर भी दाम में बड़ी गिरावट नहीं आई। चलिए, मटर की खेती का पूरा हिसाब-किताब समझते हैं।
मटर के दाम में उछाल, पिछले साल से बेहतर
आढ़ती विनोद कुमार और ट्रांसपोर्टर प्रदीप बरागटा बताते हैं कि इस बार मटर 40-50 रुपये किलो तक बिकी, जो पिछले साल से ज्यादा है। मार्च के आखिर और अप्रैल की शुरुआत में जुन्गा से मटर की पहली खेप मंडियों में आती है। इस बार सर्दियों में कम बारिश से उपज औसत रही, फिर भी दाम अच्छे हैं। सोलन और ढली मंडियों में बुधवार को औसत रेट 40-45 रुपये किलो रहा। ओलावृष्टि से प्रभावित मटर का दाम थोड़ा कम हुआ, मगर 30 रुपये से नीचे नहीं गया। मटर के बाद टमाटर, शिमला मिर्च और फ्रेंचबीन का सीजन शुरू होगा।
सर्दी की मार, फिर भी जल्दी तैयार फसल
जुन्गा के किसान दयाराम वर्मा और प्रीतम ठाकुर कहते हैं कि इस साल सर्दियों में बारिश कम हुई, जिससे मटर की उपज पर असर पड़ा। मगर हैरानी की बात ये है कि फसल दो हफ्ते पहले ही तैयार हो गई। आमतौर पर मटर अप्रैल में पकती है, मगर इस बार मार्च में ही मंडियों में पहुँच गई। हिमाचल की मटर देर से बाजार में आती है, जब उत्तरी राज्यों का सीजन खत्म हो जाता है। यही वजह है कि इसके दाम बढ़िया मिलते हैं। अप्रैल में सप्लाई और तेज होगी, तो तैयार रहिए।
सब्सिडी से मिली राहत
कृषि विभाग ने मशोबरा ब्लॉक के किसानों को बड़ा सहारा दिया है। एचपीएम-1 किस्म के मटर के बीज, जो 130 रुपये किलो मिलते हैं, अब 80 रुपये किलो की सब्सिडी दर पर दिए जा रहे हैं। ये बीज अच्छी पैदावार देते हैं और मौसम की मार भी झेल लेते हैं। हिमाचल में मटर की खेती बड़े पैमाने पर होती है, और सरकार किसानों को प्रोत्साहन दे रही है। इस मदद से लागत कम हुई और मुनाफा बढ़ा। किसान इस सब्सिडी से खुश हैं और अगले सीजन की तैयारी में जुट गए हैं।
मटर की खेती के देसी टिप्स
मटर की फसल से ज्यादा फायदा लेने के लिए कुछ देसी नुस्खे आजमाइए। बीज बोने से पहले उन्हें गोमूत्र में भिगोइए, इससे कीट कम लगेंगे। ओलावृष्टि से बचने के लिए खेत के चारों तरफ पुआल की बाड़ बनाइए। मिट्टी को भुरभुरा रखने के लिए गोबर खाद डालिए। सही समय पर पानी दीजिए, मगर ज्यादा जलभराव मत होने दीजिए। फलियाँ हरी हों, तभी तोड़िए, वरना दाम कम मिलेगा। ये छोटे कदम आपकी फसल और कमाई बढ़ाएँगे।
2025 में मटर की संभावनाएँ
2025 में मटर की माँग और बढ़ने की उम्मीद है। हिमाचल की पहाड़ी मटर की क्वालिटी बाजार में पसंद की जाती है। अप्रैल में सप्लाई बढ़ेगी, और अगर मौसम साथ दे, तो दाम 50 रुपये किलो से ऊपर भी जा सकते हैं। ओलावृष्टि से बचने के लिए अभी से खेत की तैयारी कर लीजिए। सब्सिडी का फायदा उठाइए और अच्छी किस्म के बीज चुनिए। ये साल आपके लिए मुनाफे का मौका लेकर आ रहा है।
तो भाइयों, हिमाचल में मटर की खेती आपकी जेब भरने का बढ़िया रास्ता है। 45-50 रुपये किलो के दाम और सब्सिडी का सहारा आपके लिए सुनहरा मौका है। खेत तैयार करिए, फसल बोइए, और मुनाफा कमाइए। ये फसल आपकी मेहनत को दोगुना करेगी।
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