खेत की मेढ़ों या खाली जगहों पर चुपके से लगा दीजिए यह पेड़, फल, ताड़ी दोनों बेंचिए

Palm Tree Farming : किसान भाइयों, आपके के लिए खेत की खाली जगहों का सही इस्तेमाल करना बड़ा जरूरी है। ताड़ का पेड़ ऐसी ही शानदार फसल है, जिसे खेत के किनारों या खाली कोनों में आसानी से उगाया जा सकता है। ये लंबा और मजबूत पेड़ न सिर्फ खेत को छाया देता है, बल्कि इससे फल, तेल, ताड़ी और कई देसी चीजें मिलती हैं। गर्म और सूखी जगहों में ये खूब बढ़ता है, और एक बार लगाने के बाद सालों तक फायदा देता है। आइए जानते हैं कि ताड़ की खेती खेत की खाली जगहों पर कैसे करें और इसके फायदे क्या हैं।

ताड़ के पेड़ को समझें

ताड़ का पेड़ 50-60 फीट तक बढ़ता है और इसकी पत्तियाँ पंखे जैसी होती हैं। ये गर्म इलाकों जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार और राजस्थान में खूब होता है। इसके फल (ताड़ फल या मुंजल) गर्मियों में ताजगी देते हैं, ताड़ी पीने के लिए मशहूर है, और बीज से तेल निकलता है। पत्तियों से चटाई, टोकरी और छत बनती है। ये पेड़ 5-7 साल में फल देना शुरू करता है और 50-60 साल तक चलता है। खेत की खाली जगहों पर इसे लगाने से जमीन का पूरा फायदा मिलता है।

खेत की जगह तैयार करें

ताड़ की खेती के लिए खेत के किनारे, मेड़ या खाली कोने चुनें, जहाँ धूप अच्छी पड़े। ये पेड़ किसी भी मिट्टी में उग जाता है—रेतीली, दोमट या काली, मगर पानी जमा न हो। गड्ढे 3 फीट गहरे और 3 फीट चौड़े खोदें, और पेड़ों के बीच 15-20 फीट की दूरी रखें, क्यूंकि ये बड़ा होता है। गड्ढे में 10-15 किलो गोबर की खाद डालें और मिट्टी से मिलाएँ। बारिश से पहले (मई-जून) गड्ढे तैयार करें, ताकि पौधा नमी से जल्दी बढ़े।

पौधा कैसे लगाएं

ताड़ को बीज या नर्सरी से तैयार पौधे से उगाते हैं। ताजे ताड़ फल से बीज निकालें, उन्हें धोकर 24 घंटे पानी में भिगो दें। फिर गड्ढे में 2-3 इंच गहरा बोएं और मिट्टी से ढक दें। नर्सरी से 1-2 साल का पौधा लेना आसान है। गड्ढे में पौधा लगाएँ, जड़ों को मिट्टी से दबाएँ और हल्का पानी दें। बारिश का मौसम (जून-जुलाई) रोपाई के लिए बढ़िया है। पहले साल पौधे को सहारा दें, ताकि हवा से न टूटे।

पानी और देखभाल का तरीका

पहले 2-3 साल ताड़ के पौधे को हफ्ते में 2-3 बार पानी दें। बड़ा होने पर ये बारिश पर निर्भर हो जाता है, सूखे में भी चल जाता है। हर 6 महीने में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालें। खरपतवार को हाथ से निकालें। कीट कम लगते हैं, मगर तना छेदक से बचाने के लिए नीम का तेल छिड़कें। पेड़ को बढ़ने दें, कटाई की जरूरत नहीं। गर्मी में पत्तियाँ छाया देती हैं, जो खेत की दूसरी फसलों के लिए भी फायदेमंद है।

फल, तेल और ताड़ी की कटाई

ताड़ का पेड़ 5-7 साल में फल देना शुरू करता है। गर्मियों में फल (मुंजल) पकते हैं, इन्हें तोड़कर ताजा खाएं या बेचें। ताड़ी निकालने के लिए पेड़ के ऊपरी हिस्से से रस टपकाया जाता है—एक पेड़ से 2-3 लीटर ताड़ी रोज मिल सकती है। बीज से तेल निकालने के लिए फलों को सुखाकर प्रेस करें। एक पेड़ से 20-30 किलो फल और 50-60 लीटर ताड़ी सालाना मिल सकती है। कटाई सुबह करें, ताकि रस ताजा रहे। बाज़ार में फल 10-20 रुपये प्रति पीस और ताड़ी 30-50 रुपये लीटर बिकती है।

फायदे और सावधानियाँ

ताड़ की खेती से खेत की खाली जगह का पूरा इस्तेमाल होता है। ये फल, तेल, ताड़ी, पत्तियाँ और लकड़ी देता है, जो कमाई का बड़ा जरिया बनता है। एक हेक्टेयर में 50-60 पेड़ लगाकर सालाना 50,000-70,000 रुपये तक कमा सकते हैं। मगर छोटे पौधों को जानवरों से बचाएँ और ज्यादा पानी से दूर रखें। सही देखभाल से ये पेड़ पीढ़ियों तक चलता है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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