उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के किसानों ने खेती को नए रंग में रंग दिया है। आधुनिक तकनीक और नए बीजों को अपनाकर उन्होंने अपनी फसलों की पैदावार को कई गुना बढ़ा लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा कि पश्चिमी यूपी के किसानों ने आधुनिक तकनीक और नए बीजों के साथ खेती में शानदार प्रगति की है। ये बात सही मायनों में गाँव के खेतों में दिख रही है। कम लागत में ज़्यादा मुनाफा कमाने का ये देसी जुगाड़ किसानों के लिए प्रेरणा बन रहा है। आइए, गाँव के जानते हैं कि कैसे पश्चिमी यूपी के किसान खेती को नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।
खेतों में तकनीक का जादू
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने ड्रिप इरिगेशन, मृदा हेल्थ कार्ड, और स्मार्ट खेती के तरीकों को अपनाकर खेती को आसान और फायदेमंद बना लिया है। ड्रिप इरिगेशन से पानी की हर बूँद सही जगह पहुँचती है, जिससे पानी की बचत होती है और फसल को सही पोषण मिलता है। मृदा हेल्थ कार्ड से किसान अपनी ज़मीन की ताकत को समझ रहे हैं और उसी के हिसाब से खाद और बीज चुन रहे हैं। गेहूँ, गन्ना, और सब्ज़ियों की नई किस्मों के बीज अपनाकर किसान कम समय में ज़्यादा पैदावार ले रहे हैं। ये तकनीकें न सिर्फ़ फसल बढ़ाती हैं, बल्कि लागत भी कम करती हैं।
ये भी पढ़ें – छोटे शहर का युवा बिलगेट्स को किया प्रभावित, बनाया एक सोलर से चलने वाला स्प्रेयर, किसानो के लिए है वरदान
नए बीज, नई उम्मीद
नए और बेहतर बीजों ने पश्चिमी यूपी के खेतों में क्रांति ला दी है। जलवायु के हिसाब से तैयार किए गए बीज, जैसे अगेती और पछेती बुआई के लिए खास किस्में, किसानों को मौसम की मार से बचाते हैं। इन बीजों से फसल जल्दी तैयार होती है और कीटों का खतरा भी कम रहता है। सरकार की मदद से उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम किसानों को सस्ते दामों पर ये बीज दे रहा है। साथ ही, कृषि विज्ञान केंद्रों के ज़रिए किसानों को नई तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। ये बीज गेहूँ, धान, और दालों की पैदावार को दोगुना कर रहे हैं, जिससे किसानों की जेब भर रही है।
कम लागत, बड़ा मुनाफा
आधुनिक तकनीक और नए बीज अपनाने से खेती की लागत कम हो रही है और मुनाफा बढ़ रहा है। एक एकड़ में गेहूँ की खेती में पहले जहाँ 15,000-20,000 रुपये लगते थे, अब ड्रिप इरिगेशन और सही बीजों से ये खर्च 10,000-12,000 तक आ गया है। गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) अब 2,425 रुपये प्रति क्विंटल है, और बाज़ार में 2,800 रुपये तक मिल रहा है। इससे किसान एक एकड़ से 50,000-60,000 रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। सरकार की योजनाएँ, जैसे पीएम किसान सम्मान निधि और कृषक समृद्धि योजना, भी किसानों को आर्थिक मदद दे रही हैं। इन योजनाओं से सस्ते लोन और सब्सिडी मिल रही है, जिससे खेती और आसान हो रही है।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा और किसानों का हौसला बढाया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खेती अब सिर्फ़ जीविका नहीं, बल्कि समृद्धि का आधार बनेगी। सरकार ने पश्चिमी यूपी में 89 कृषि विज्ञान केंद्र खोले हैं, जो किसानों को नई तकनीक और बीज की जानकारी दे रहे हैं। लखनऊ में चौधरी चरण सिंह बीज पार्क भी जल्द शुरू होगा, जो बीज क्षेत्र में क्रांति लाएगा। सरकार की सब्सिडी और सस्ते लोन ने किसानों का हौसला बढ़ाया है। इन सबके दम पर पश्चिमी यूपी के किसान खेती को नए मुकाम पर ले जा रहे हैं। अगर आप भी इन नुस्खों को आजमाएँ, तो आपके खेत भी लहलहाएँगे और जेब भी भरेगी।
ये भी पढ़ें – अब किसान घर बैठे मिनटों में लें कृषि लोन! KCC डिजिटल पोर्टल तैयार, जानिए पूरी डिटेल