How to Increase Milk Production: आजकल पशुपालन किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय बन गया है। गाँव-देहात में पशुपालन न केवल रोजगार का साधन है, बल्कि इससे किसान अच्छी आमदनी भी कमा रहे हैं। लेकिन पशुओं की सही देखभाल और पोषण न मिलने पर दूध उत्पादन प्रभावित होता है। दूध, दही, पनीर और घी जैसे उत्पादों की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है, इसलिए पशुओं का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है।
सरसों का तेल क्यों है फायदेमंद?
पशुपालन विशेषज्ञ डॉ. आनंद सिंह के अनुसार, सरसों का तेल पशुओं के लिए एक बेहतरीन ऊर्जा स्रोत है। यह न केवल पशुओं को तुरंत ऊर्जा देता है, बल्कि दूध उत्पादन भी बढ़ाता है। सरसों के तेल में मौजूद वसा पशुओं के शरीर को गर्मी और ठंड से बचाने में मदद करती है।
सरसों का तेल कैसे दें?
सरसों का तेल देने का सही तरीका यह है कि एक स्वस्थ पशु को रोजाना 100-200 ML सरसों का तेल दिया जा सकता है। गर्मी के मौसम में लू से बचाने या ठंड में गर्माहट देने के लिए तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। बीमार या कमजोर पशुओं को तेल देने से वे जल्दी ठीक होते हैं। हालांकि, रोजाना तेल न दें और 200 ML से अधिक मात्रा से बचें। गैस की समस्या होने पर 400-500 ML तेल दिया जा सकता है।
सरसों का तेल पशुओं के पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, जिससे दूध उत्पादन बढ़ता है। यह तेल पशुओं को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे वे अधिक सक्रिय और स्वस्थ रहते हैं। नियमित और सही मात्रा में तेल देने से पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
पशुपालन में सफलता के टिप्स
पशुपालन में सफलता पाने के लिए पशुओं को संतुलित आहार देना चाहिए। हरा चारा, दाना और पोषक तत्वों से भरपूर आहार उनके स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। पशुओं के रहने की जगह को साफ और स्वच्छ रखना भी बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से पशुओं की स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए और उन्हें साफ और ताजा पानी पर्याप्त मात्रा में देना चाहिए।
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