Per Drop More Crop Scheme : पानी की किल्लत और खेती की बढ़ती लागत ने किसानों की नींद उड़ा रखी है। लेकिन अब चिंता छोड़ दीजिए, क्योंकि सरकार की “Per Drop More Crop” योजना खेती को नया रास्ता दिखा रही है। ये योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का हिस्सा है, जो पानी की बचत के साथ फसल की पैदावार बढ़ाने का मौका दे रही है। ड्रिप इरिगेशन, मिनी स्प्रिंकलर, रेनगन और पोर्टेबल स्प्रिंकलर जैसे आधुनिक यंत्रों पर भारी सब्सिडी मिल रही है। छोटे से लेकर बड़े किसानों तक, हर कोई इस योजना का लाभ उठा सकता है। आइए, जानते हैं कि ये योजना क्या है, इसका फायदा कौन ले सकता है, और आवेदन कैसे करना है।
योजना से क्या मिलेगा
“Per Drop More Crop” योजना का मकसद है खेतों में पानी का सही इस्तेमाल और फसल की पैदावार बढ़ाना। ड्रिप इरिगेशन से पानी सीधे पौधों की जड़ तक पहुँचता है, जिससे पानी की बर्बादी रुकती है। स्प्रिंकलर सिस्टम से खेत में पानी एकसमान बँटता है, जैसे हल्की बारिश। इससे फसल को सही मात्रा में पानी मिलता है, और पैदावार बढ़ती है। कई किसानों ने इस योजना के तहत यंत्र लगाए और अपनी फसल को पहले से ज्यादा मुनाफे में बदला। ये योजना न सिर्फ़ पानी बचाती है, बल्कि बिजली और डीजल का खर्च भी कम करती है। उद्यान विभाग इस योजना को चला रहा है, और किसानों को इसका लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
कौन ले सकता है लाभ
इस योजना में हर किसान के लिए कुछ न कुछ है। जिनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन है, यानी लघु और सीमांत किसान, उन्हें ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर जैसे यंत्रों पर 90% तक सब्सिडी मिलेगी। यानी, बहुत कम खर्च में ये आधुनिक यंत्र आपके खेत में आ सकते हैं। जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर से ज्यादा जमीन है, उन्हें 80% तक की छूट मिलेगी। ये सब्सिडी पानी की बचत और खेती को फायदेमंद बनाने के लिए दी जा रही है। कई गाँवों में किसानों ने इस योजना का फायदा उठाया और अपने खेतों को कम पानी में भी हरा-भरा रखा। ये योजना खासकर उन इलाकों के लिए वरदान है, जहाँ पानी की कमी रहती है।
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आवेदन करने का तरीका
इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए कुछ ज़रूरी कागजात तैयार रखें। आपको आधार कार्ड, जमीन की रसीद (खाता-खतौनी), बैंक पासबुक की कॉपी और एक एक्टिव मोबाइल नंबर चाहिए। सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ, जहाँ “Per Drop More Crop” या प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का ऑप्शन मिलेगा। वहाँ फॉर्म में अपनी जानकारी भरें, कागजात अपलोड करें और फॉर्म जमा कर दें। अगर ऑनलाइन करने में दिक्कत हो, तो नजदीकी उद्यान विभाग या कृषि केंद्र में संपर्क करें। वहाँ के अधिकारी आपकी मदद करेंगे। आवेदन के बाद आपकी जानकारी और जमीन की जाँच होगी, और फिर सब्सिडी पर यंत्र मिल जाएगा।
यंत्रों का खेत में इस्तेमाल
यंत्र मिलने के बाद उसे सही तरीके से खेत में लगाना ज़रूरी है। ड्रिप इरिगेशन के लिए पाइप इस तरह बिछाएँ कि पानी पौधों की जड़ तक जाए। स्प्रिंकलर को ऐसी जगह लगाएँ, जहाँ से पूरा खेत कवर हो। अगर कुछ समझ न आए, तो नजदीकी कृषि अधिकारी से सलाह ले सकते हैं। कई किसानों ने इन यंत्रों का इस्तेमाल कर अपने छोटे खेतों को भी मुनाफे में बदला। ये यंत्र पानी की बचत करते हैं और फसल को मज़बूत बनाते हैं। इससे न सिर्फ़ पैदावार बढ़ती है, बल्कि खेती की लागत भी कम होती है।
योजना का असर
ये योजना पानी की कमी से जूझ रहे किसानों के लिए बड़ी राहत है। 90% सब्सिडी से छोटे किसानों का खर्चा इतना कम हो जाएगा कि खेती का बोझ हल्का हो जाएगा। बड़े किसानों को भी 80% छूट से मुनाफा बढ़ाने का मौका मिलेगा। सही सिंचाई से फसल की क्वालिटी बेहतर होती है, और मंडी में अच्छा दाम मिलता है। उद्यान विभाग और कृषि विशेषज्ञों की सलाह से इस योजना को लागू किया जा रहा है, ताकि किसानों को सही और भरोसेमंद मदद मिले। ये योजना खेती को नई दिशा दे रही है, तो देर न करें,
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