कैसे करें अचार वाले आम की खेती, स्वाद और मुनाफे का आसान तरीका

Pickle mango farming : किसान भाइयों, हमारे यहाँ अचार वाला आम हर घर में चटकारे का हिस्सा है, और इसकी खेती से मोटी कमाई का रास्ता भी खुलता है। अचार के लिए कच्चे, खट्टे और सख्त आम चाहिए, जैसे कि रामकेला, तोतापरी और नीलम। अपने इलाके में ये पेड़ 4-5 साल में फल देना शुरू करते हैं और सालों तक फायदा देते हैं। मार्च में तैयारी शुरू करें, तो जून-जुलाई में मॉनसून के साथ रोपण हो सकता है। आइए, अपनी सहज भाषा में समझें कि अचार वाले आम की खेती कैसे करें और इसका मज़ा कैसे लें।

अचार वाले आम की खासियत

अचार वाले आम अपनी खटास और मजबूत गूदे के लिए जाने जाते हैं। हमारे यहाँ रामकेला और तोतापरी सबसे मशहूर हैं, क्यूँकि इनका छिलका पतला और स्वाद तीखा होता है। अपने खेतों में ये पेड़ कम देखभाल माँगते हैं और सूखे को भी सहन कर लेते हैं। बाजार में कच्चा आम 20-40 रुपये किलो बिकता है, और एक पेड़ से 50-100 किलो फल मिल सकता है। ये अचार, चटनी और मुरब्बे के लिए बढ़िया है, जिसकी माँग सालभर रहती है। हमारे यहाँ ये खेती स्वाद के साथ कमाई का तगड़ा जुगाड़ है।

खेत तैयार करने का देसी तरीका

अपने खेतों में मार्च-अप्रैल में तैयारी शुरू करें। दोमट या रेतीली मिट्टी बढ़िया रहती है। मिट्टी को हल से जोतकर ढीला करें और प्रति बीघा 5-7 टन गोबर की सड़ी खाद डालें। अपने आसपास हर पेड़ के लिए 1x1x1 मीटर का गड्ढा खोदें और 8-10 मीटर की दूरी रखें। हर गड्ढे में 2 किलो वर्मीकम्पोस्ट और थोड़ी नीम की खली मिलाएँ। पानी की निकासी का ध्यान रखें, ताकि जड़ें न सड़ें। हमारे यहाँ ये तैयारी 1,000-1,500 रुपये में हो जाती है और पेड़ों को मजबूत नींव देती है। ये ढंग आम को जल्दी बढ़ने का रास्ता देता है।

रोपण और देखभाल का आसान ढंग

(Pickle mango farming) अचार वाले आम के पौधे नर्सरी से लें-रामकेला या तोतापरी 50-70 रुपये में मिलते हैं। जून-जुलाई में मॉनसून शुरू होते ही गड्ढों में पौधे लगाएँ। अपने इलाके में जड़ों को मिट्टी से ढकें और हल्का दबाएँ। पहले साल हर 10-15 दिन में पानी दें, फिर बारिश पर छोड़ दें। गर्मी में जड़ों के पास सूखी घास डालें, ये नमी बनाए रखता है। नीम का पानी (1 किलो पत्तियाँ 10 लीटर पानी में) हर 15 दिन में छिड़कें, ये कीटों से बचाता है। हमारे यहाँ 2-3 साल बाद हल्की छँटाई करें। 4-5 साल में फल शुरू होंगे। ये देखभाल आसान है और फल ढेर सारा देती है।

पैदावार और मुनाफे का हिसाब

एक बीघे में 50-60 पेड़ लग सकते हैं। हर पेड़ 50-100 किलो फल देता है, यानी 2,500-6,000 किलो पैदावार। अपने आसपास 20-40 रुपये किलो से 50,000-2,40,000 रुपये की कमाई हो सकती है। शुरू में पौधे और खाद का खर्च 5,000-7,000 रुपये पड़ता है। हमारे यहाँ कच्चा आम अचार कारखानों, मंडी या ऑनलाइन बिकता है। एक बार पेड़ बड़े हो जाएँ, तो 20-25 साल तक फायदा देते हैं। गर्मी में माँग बढ़ने से दाम भी अच्छे मिलते हैं। ये खेती मेहनत को सोने में बदल देती है।

अचार वाले आम से खेत को चमकाएँ

अपने इलाके में अचार वाले आम की खेती इसलिए खास है, क्यूँकि ये कम मेहनत में लंबा फायदा देती है। मार्च में तैयारी करें और जून-जुलाई में रोपें, तो सालों तक स्वाद और कमाई तैयार रहेगी। गाँव के लोग कहते हैं कि अचार वाला आम रसोई को लाजवाब बनाता है। तो भाइयों, अचार वाले आम की खेती शुरू करें, खेत को चमकाएँ और मेहनत का फल ढेर सारा पाएँ। ये देसी ढंग आपकी खेती को हरा सोना बना देगा!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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