अरहर की खेती करने से पहले जान लें ये 6 बेहतरीन किस्में, पैदावार होगी दोगुनी और मुनाफा शानदार!

Pigeon Pea Farming : भारत अभी अपनी दालों की ज़रूरत पूरी करने के लिए आयात पर निर्भर है, लेकिन अब केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि दलहन में आत्मनिर्भरता हमारा लक्ष्य है। इसके लिए अगले चार साल तक तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की 100% MSP पर खरीद होगी। ये फैसला किसानों के लिए वरदान है, क्योंकि अब खुले बाजार के कम दाम की चिंता नहीं रहेगी। सरकार राज्यों के पूरे उत्पादन को MSP पर खरीदेगी, तो खेती सुरक्षित और फायदेमंद हो गई है। आज हम आपको अरहर की उन्नत और हाइब्रिड किस्मों के साथ-साथ खेती के जरूरी तरीके बताएँगे, ताकि आप 2025 में बंपर पैदावार और मुनाफा कमा सकें।

अरहर की उन्नत किस्में

अरहर की खेती में सही किस्म चुनना बहुत जरूरी है। यहाँ कुछ उन्नत किस्में हैं जो अच्छी पैदावार देती हैं।

यू.पी.ए.एस-120 एक अगेती किस्म है, जो 130-140 दिन में पक जाती है और प्रति हेक्टेयर 16-20 क्विंटल तक उत्पादन देती है। ये उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों, राजस्थान और हरियाणा के किसानों के लिए मुफीद है।

पन्त ए-1 भी जल्दी पकने वाली किस्म है, जो 130-135 दिन में तैयार होती है और 10-12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है। इसमें कीट-रोग कम लगते हैं, और ये यूपी के लिए ठीक है।

आई.सी.पी.एल.-151 (जागृति) भी 130-140 दिन में पकती है और 16-20 क्विंटल तक उत्पादन देती है, खासकर यूपी के मैदानों में।

पूसा-855 थोड़ा समय लेती है 50-160 दिन लेकिन 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है। ये उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के लिए बेस्ट है।

अरहर की हाइब्रिड किस्में

हाइब्रिड किस्में पैदावार में कमाल करती हैं।

आई.सी.पी.एच.-3 को इक्रीसेट, हैदराबाद ने बनाया है। ये 115-135 दिन में पकती है और 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है। सूखा सहने की ताकत रखती है, और उत्तर-पश्चिमी इलाकों के लिए शानदार है।

पी.पी.एच.-4 भी 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देती है, लेकिन 140-145 दिन लेती है। पंजाब के लिए तैयार की गई ये किस्म उत्तर-पश्चिमी मैदानों में फिट है, और रसायनों से फसल सुरक्षा आसान है। ICAR की सलाह है कि हाइब्रिड किस्में चुनकर किसान कम समय में ज़्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

अरहर की खेती से जुड़ी जरूरी बातें

अरहर की खेती में सही तैयारी से पैदावार दोगुनी हो सकती है। सामान्य किस्मों के लिए 12-15 किलो बीज प्रति हेक्टेयर और अगेती किस्मों के लिए 45-50 किलो बीज चाहिए। बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए बेस्ट है, लेकिन लवणीय या क्षारीय मिट्टी मत यूज़ करिए। खेत तैयार करने के लिए पहले मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करिए, फिर 2-3 बार देसी हल या हैरो चलाइए। 5 गाड़ी सड़ी गोबर खाद मिलाइए, ताकि मिट्टी की ताकत बढ़े। जल्दी पकने वाली किस्मों की बुवाई जून मध्य तक कर लीजिए। बीजोपचार ज़रूरी है 2 ग्राम थीरम और 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति किलो बीज के हिसाब से मिलाकर बीज तैयार करिए। इससे कीट-रोग से बचाव होगा।

खेती का सही तरीका

अरहर की बुवाई लाइन में करिए लाइन से लाइन की दूरी 60-75 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 20-25 सेंटीमीटर रखिए। बीज 4-5 सेंटीमीटर गहरा बोइए। ICAR की सलाह है कि पहली सिंचाई बुवाई के 3-4 हफ्ते बाद करिए, फिर फूल और फली बनते वक्त पानी दीजिए। ज़्यादा पानी से बचिए, वरना झुलस रोग लग सकता है। मिट्टी की जाँच करवाइए, ताकि नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की सही मात्रा डाल सकें। 50 किलो डीएपी प्रति हेक्टेयर काफी है, अगर ये डाला तो यूरिया की ज़रूरत नहीं। फसल में निराई-गुड़ाई समय पर करिए, खरपतवार को मिट्टी में दबा दीजिए।

MSP और मुनाफे का खेल

2024-25 के लिए अरहर का MSP 7550 रुपये प्रति क्विंटल है, और सरकार 100% खरीद की गारंटी दे रही है। अगर आप पूसा-855 या आई.सी.पी.एच.-3 जैसी किस्में लगाते हैं, तो 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलेगा। यानी 1.88-2.26 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की कमाई। लागत 20,000-25,000 रुपये मानें, तो 1.5 लाख तक शुद्ध मुनाफा हो सकता है। MSP की गारंटी से बाजार के उतार-चढ़ाव की टेंशन खत्म हो गई है।

2025 में आत्मनिर्भरता का मौका

भाइयों, सरकार का ये फैसला अरहर की खेती को सोने का मौका बना रहा है। उन्नत और हाइब्रिड किस्में चुनिए, ICAR की सलाह मानिए, और सही तरीके से खेती करिए। eSamridhi पोर्टल पर रजिस्टर करिए, ताकि MSP का पूरा फायदा मिले। 2025 में अरहर से न सिर्फ आपकी जेब भरेगी, बल्कि देश भी दालों में आत्मनिर्भर बनेगा। मेहनत करिए, मालामाल होइए!

ये भी पढ़ें- बंजर जमीन पर करें सहजन की खेती, एक एकड़ से होगी 6 लाख की कमाई

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment