प्यारे किसान भाइयों, अनानास की खेती एक ऐसा अवसर है, जो कम मेहनत में मोटी कमाई दे सकता है, ये उष्णकटिबंधीय फल जूस, सलाद, डिब्बाबंदी, मिठाई में खूब चलता है, और बाजार में 50-100 रुपये प्रति किलो बिकता है, भारत में केरल, असम, पश्चिम बंगाल, गोवा, महाराष्ट्र में ये खूब उगाया जाता है, एक बार रोपने पर 2-3 फसलें देता है, और 12-18 महीने में पहला फल तैयार होता है, एक हेक्टेयर से 50-70 टन पैदावार मिल सकती है, ये छोटे, बड़े किसानों के लिए फायदेमंद है, कम पानी, रखरखाव में आसान, इसे शुरू करें, और अपनी आय को मीठा बनाएँ।
मिट्टी और जलवायु की परख
अनानास की खेती के लिए सही मिट्टी, जलवायु जरूरी है, बलुई दोमट, लाल लैटेराइट मिट्टी जिसमें जल निकासी अच्छी हो, इसके लिए उपयुक्त है, मिट्टी का pH 4.5-6 होना चाहिए, क्योंकि अनानास अम्लीय मिट्टी पसंद करता है, ये 20-35 डिग्री तापमान में अच्छा उगता है, और 1000-1500 मिमी बारिश इसके लिए काफी है, ज्यादा ठंड (15 डिग्री से कम) या पाला इसे नुकसान पहुँचाता है, खेत की गहरी जुताई करें, 8-10 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर डालें, अप्रैल-मई या जून-जुलाई में खेत तैयार करें, सही मिट्टी, मौसम से फल बड़े, रसीले होते हैं, और मुनाफा बढ़ता है।
पौध और रोपण कैसे करें
अनानास की खेती स्लिप्स, सकर्स, या क्राउन से शुरू होती है, क्यू गार्डन, मॉरिशस, जायंट क्यू जैसी किस्में चुनें, जो भारत में लोकप्रिय हैं, प्रति हेक्टेयर 40,000-50,000 पौधे चाहिए, स्वस्थ पौधे कृषि केंद्र, नर्सरी, या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Agrostar से लें, रोपण से पहले पौधों को बवेरिया बैसिलस (10 ग्राम प्रति किलो) से उपचारित करें, जून-जुलाई में 45×30 सेमी की दूरी पर दोहरी कतारों में रोपें, गड्ढों में 2 किलो गोबर की खाद, 100 ग्राम नीम की खली डालें, मिट्टी की सतह से 10-15 सेमी ऊँची मेड बनाएँ, सही रोपण से पौधे जल्दी जड़ पकड़ते हैं, और 12-18 महीने में फल देना शुरू करते हैं।
देखभाल और सिंचाई का तरीका
अनानास की देखभाल में ज्यादा मेहनत नहीं लगती, रोपाई के बाद तुरंत हल्की सिंचाई करें, फिर हर 10-15 दिन में पानी दें, ड्रिप सिंचाई से 30-40% पानी बचता है, हर 2 महीने में 5 किलो गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट प्रति 100 पौधे डालें, जीवामृत (200 लीटर प्रति हेक्टेयर) हर 20 दिन में छिड़कें, कीट जैसे माइलबग, स्केल कीट से बचाने के लिए नीम का तेल (5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) इस्तेमाल करें, खरपतवार हटाने के लिए 25-30 दिन बाद गुड़ाई करें, फूल आने (6-8 महीने बाद) पर इथरेल (25 मिलीलीटर प्रति 50 लीटर पानी) छिड़कें, ताकि फल एकसाथ पकें, सही देखभाल से फल 1-2 किलो वजन के होते हैं।
कटाई और पैदावार, मेहनत का फल
अनानास की कटाई 12-18 महीने में शुरू होती है, जब फल का निचला हिस्सा हल्का पीला हो जाए, और मीठी सुगंध आए, सुबह के समय तेज चाकू से फल काटें, क्राउन सहित तोड़ें, ताकि ताजगी बनी रहे, एक पौधे से 1-2 किलो फल मिलता है, और एक हेक्टेयर से 50-70 टन पैदावार संभव है, कटाई के बाद फलों को छाया में रखें, और 3-5 दिन में बाजार भेजें, पहली फसल के बाद दूसरी (रैटून) फसल 10-12 महीने में मिलती है, सही कटाई से फल की क्वालिटी बनी रहती है, और बाजार में 50-100 रुपये प्रति किलो दाम मिलता है, ये मेहनत को कई गुना फायदा देता है।
मुनाफा और बाजार, लाखों की कमाई
अनानास की खेती से मोटी कमाई का रास्ता खुलता है, एक हेक्टेयर में पहली फसल की लागत 1-1.5 लाख रुपये लगती है, और 50-70 टन फल मिलते हैं, 50-100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 25-70 लाख रुपये की कमाई हो सकती है, लागत निकालकर 23-68 लाख मुनाफा बचता है, दूसरी फसल में लागत और कम होती है, लोकल मार्केट, सुपरमार्केट, जूस फैक्ट्रियों, या ऑनलाइन बेचें, डिब्बाबंदी, निर्यात से दाम बढ़ते हैं, ऑर्गेनिक अनानास की डिमांड 20-30% ज्यादा है, सरकार की बागवानी सब्सिडी, प्रशिक्षण का फायदा उठाएँ, छोटे स्तर पर 500-1000 पौधों से शुरू करें, ये खेती लंबे समय तक मुनाफा देती है।
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