पिंक ताइवान अमरूद की जड़ में डालें 2 ML ये दवा, मिनटों में खत्म होगा खतरनाक कीट

Pink Taiwan Guava Farming Tips : पिंक ताइवान अमरूद की खेती आजकल गाँव के किसानों के बीच खूब चलन में है। इसकी खासियत ये है कि कम वक्त में अच्छी पैदावार देता है और मुनाफा भी बढ़िया होता है। लेकिन एक बड़ी मुसीबत जो इसमें सामने आती है, वो है दीमक। ये छोटा सा कीड़ा पेड़ की जड़ों को चट कर जाता है, जिससे पेड़ की बढ़त रुक जाती है।

अगर वक्त पर इसका इलाज न किया जाए, तो पूरा पेड़ सूखकर बर्बाद हो सकता है। गाँव के किसान भाइयों के लिए ये समझना जरूरी है कि दीमक से कैसे निपटा जाए, ताकि मेहनत और पैसा दोनों बेकार न जाएं। चलो, इस बारे में आसान भाषा में बात करते हैं और कुछ देसी तरीके देखते हैं।

दीमक क्यों बनती है मुसीबत?

पिंक ताइवान अमरूद की जड़ें मीठी होती हैं, और यही वजह है कि दीमक इन पर जल्दी हमला बोल देती है। जब दीमक जड़ों को खाना शुरू करती है, तो पेड़ को पानी और खुराक ठीक से नहीं मिल पाती। धीरे-धीरे पेड़ कमजोर हो जाता है, फल कम लगते हैं, और कई बार तो पूरा पेड़ ही सूख जाता है। खासकर नए पौधों में ये दिक्कत ज्यादा देखने को मिलती है। अगर बाग में दीमक का प्रकोप बढ़ जाए, तो पूरा बाग खतरे में पड़ सकता है। इसलिए वक्त रहते इसकी रोकथाम करना बहुत जरूरी है।

रासायनिक तरीके से दीमक को भगाएं

अगर दीमक तेजी से पेड़ को नुकसान पहुंचा रही है, तो रासायनिक उपाय सबसे जल्दी राहत दे सकता है। इसके लिए क्लोरोपायरिफॉस 50% (Chlorpyrifos 50%) का इस्तेमाल कारगर है। तरीका बड़ा आसान है। 2-4 मिलीलीटर क्लोरोपायरिफॉस को एक लीटर पानी में मिलाकर घोल बना लें। फिर पेड़ की जड़ के पास की मिट्टी को खुरपी से थोड़ा खोदें। इस घोल को जड़ों के आसपास डाल दें। ऐसा करने से दीमक फटाफट मर जाएगी। पेड़ को फिर से ताकत मिलेगी और वो तेजी से बढ़ने लगेगा। ये तरीका गाँव में आसानी से आजमाया जा सकता है, बस दवा लेते वक्त सही मात्रा का ध्यान रखें।

जैविक तरीके से करें दीमक का सफाया

अगर आप रसायन कम इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो जैविक उपाय भी बढ़िया काम करते हैं। इसमें बावेरिया बसियाना (Beauveria Bassiana) का इस्तेमाल करें। ये एक कुदरती कीटनाशक है, जो दीमक को मार देता है और मिट्टी को भी नुकसान नहीं पहुंचाता। इसके लिए गोबर की सड़ी हुई खाद या वर्मीकंपोस्ट लें। इसमें बावेरिया बसियाना की थोड़ी मात्रा मिला दें। अब इस मिश्रण को पेड़ की जड़ों के पास की मिट्टी में खोदकर डालें। ऊपर से हल्का पानी डाल दें। कुछ ही दिनों में दीमक गायब हो जाएगी। ये तरीका धीमा लेकिन पक्का है, और खेत की सेहत के लिए भी अच्छा है।

कुछ और देसी नुस्खे

दीमक से बचने के लिए और भी कुछ आसान उपाय हैं, जो गाँव में आजमाए जा सकते हैं। नीम का तेल या नीम की खली को जड़ों के पास डालने से दीमक भागती है। नीम का कड़वा स्वाद दीमक को पसंद नहीं आता। इसके अलावा, पेड़ के आसपास की मिट्टी को साफ रखें और गीली न होने दें, क्योंकि दीमक को नमी बहुत भाती है। अगर बाग में पुरानी लकड़ी या सूखे पत्ते पड़े हों, तो उन्हें हटा दें, वरना दीमक वहीं से फैल सकती है।

पहले से रखें ध्यान

दीमक से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि पहले से सावधानी बरतें। पिंक ताइवान अमरूद के पौधे लगाते वक्त जड़ों के पास गोबर की खाद के साथ थोड़ा बावेरिया बसियाना मिलाकर डाल दें। इससे शुरू से ही दीमक का खतरा कम हो जाएगा। साथ ही, समय-समय पर बाग की जाँच करते रहें। अगर पेड़ की पत्तियाँ पीली पड़ रही हों या बढ़त रुक गई हो, तो फटाफट जड़ों को चेक करें। जल्दी पता चलने से नुकसान कम होगा।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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