प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त का वितरण शुरू हो चुका है, और इससे पहले ही किसान भाइयों को दो बड़े उपहार मिलने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को दिल्ली के पूसा कृषि विज्ञान केंद्र में दो नई योजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जो किसानों की आय बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाने पर केंद्रित हैं। ये योजनाएं प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता अभियान हैं, जिनसे करोड़ों किसान लाभान्वित होंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इनसे किसानों की आय में वृद्धि होगी, खाद्य सुरक्षा मजबूत बनेगी और दलहन उत्पादन में देश आत्मनिर्भर हो जाएगा। 21वीं किस्त में प्रत्येक पात्र किसान को 2000 रुपये मिलेंगे, जो पहले ही पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों के खातों में पहुंच चुकी है। बाकी राज्यों के किसान भाई जल्द ही अपनी राशि पा लेंगे।
21वीं किस्त का वितरण तेज, प्रभावित राज्यों को पहले लाभ
पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त का वितरण प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है, जिसमें कुल 2000 रुपये की राशि प्रत्येक लाभार्थी को दी जा रही है। बारिश और बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले राज्यों—पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के किसानों को पहले ही यह राशि उनके डीबीटी खातों में ट्रांसफर हो चुकी है।
ये कदम किसानों की तत्काल आर्थिक मदद के लिए उठाया गया है, ताकि वे अपनी फसलों की नुकमी की भरपाई कर सकें। बाकी राज्यों के लाखों किसान भाई भी अगले कुछ दिनों में अपनी किस्त पा लेंगे। योजना के तहत कुल 10 करोड़ से ज्यादा किसान लाभान्वित हो रहे हैं, और यह राशि सालाना 6000 रुपये की सहायता सुनिश्चित करती है।
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प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
11 अक्टूबर को उद्घाटित होने वाली पहली योजना प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना है, जो कम उत्पादकता वाले जिलों पर फोकस करेगी। नीति आयोग के डैशबोर्ड से चिन्हित इन जिलों में सिंचाई, भंडारण, ऋण सुविधाओं और फसल विविधीकरण के जरिए उत्पादन बढ़ाया जाएगा। इसका मकसद किसानों की आय में सीधी वृद्धि करना है, ताकि वे अपनी फसलों का सही मूल्य पा सकें। योजना से खेतों में नई तकनीकें आएंगी, जैसे ड्रिप इरिगेशन और बेहतर बीज, जो पानी और खाद की बचत करेंगी। छोटे किसान भाई जो सीमित संसाधनों में खेती करते हैं, उनके लिए ये योजना नई उम्मीद जगाएगी। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इससे न सिर्फ उत्पादकता सुधरेगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
दलहन आत्मनिर्भरता अभियान
दूसरी योजना दलहन आत्मनिर्भरता अभियान है, जो दालों के उत्पादन को 350 लाख टन तक ले जाने का लक्ष्य रखती है। वर्तमान में 242 लाख टन उत्पादन हो रहा है, जिसे प्रति हेक्टेयर 1130 किलोग्राम तक बढ़ाया जाएगा। योजना में उच्च उत्पादकता वाले, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल बीज विकसित किए जाएंगे। किसानों को 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जाएंगे, साथ ही 88 लाख नि:शुल्क बीज किट्स वितरित होंगी।
इसके अलावा 1000 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर 25 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी, ताकि दालों का सही मूल्य मिल सके। ये अभियान अरहर, उड़द और मसूर जैसी मुख्य दालों पर फोकस करेगा, और अगले चार सालों में पूरी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होगी। इससे 2 करोड़ किसान सीधे लाभान्वित होंगे, और देश दाल आयात पर निर्भरता से मुक्त हो जाएगा।
इन योजनाओं से किसानों की आय दोगुनी
पीएम मोदी के उद्घाटन से शुरू होने वाली ये दोनों योजनाएं किसानों के लिए वाकई दो बड़े तोहफे हैं। धन-धान्य योजना से कम उपजाऊ जिलों में फसलें बढ़ेंगी, जबकि दलहन अभियान से आत्मनिर्भरता आएगी। कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि इनसे किसानों की आय बढ़ेगी, खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी और ग्रामीण विकास को नई गति मिलेगी। 2014 से खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है, गेहूं, चावल और मक्का में रिकॉर्ड पैदावार हुई है। कृषि निर्यात 4.39 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। ये प्रगति दिखाती है कि सरकार किसानों की भलाई के लिए कितनी संजीदा है।
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