मेहनती किसानों के लिए सरकार ने एक ऐसा तोहफा दिया है, जो आपके खेत को हरा-भरा और जेब को भरा रखेगा। मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना 2025 के तहत मध्य प्रदेश सरकार सोलर पम्प पर 90% तक की सब्सिडी दे रही है, ताकि आप कम खर्च में ज़्यादा पैदावार ले सकें। ये योजना न सिर्फ़ डीज़ल और बिजली के खर्च से राहत देगी, बल्कि पर्यावरण को भी बचाएगी। आइए, जानिए कि ये योजना कैसे आपके खेतों में नई रोशनी लाएगी, और इसे पाने के लिए आपको क्या करना होगा। मध्य प्रदेश के किसान भाइयों, ये आपके लिए है!
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना का मकसद
मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना को इसलिए शुरू किया, ताकि गाँव के छोटे और बड़े किसानों को खेती में आसानी हो और उनकी आमदनी बढ़े। इस योजना का सबसे बड़ा लक्ष्य है सोलर पम्प के ज़रिए सिंचाई को किफायती और पर्यावरण के लिए सुरक्षित बनाना। केंद्र सरकार की PM कुसुम योजना के साथ मिलकर ये योजना उन किसानों को प्राथमिकता देती है, जिनके पास बिजली का स्थायी कनेक्शन नहीं है या जो डीज़ल पम्प पर निर्भर हैं। सोलर पम्प से न सिर्फ़ बिजली का बिल खत्म होगा, बल्कि हर मौसम में खेतों को पानी मिलेगा। ये योजना मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के ज़रिए चलाई जा रही है, जो किसानों को हर कदम पर मदद दे रही है।
सोलर पम्प की खासियत और सब्सिडी
सोलर पम्प बिजली या डीज़ल पम्प का एक शानदार विकल्प हैं। ये सूरज की रोशनी से चलते हैं, जो मुफ्त और भरपूर है। इस योजना में 3 हॉर्सपावर से लेकर 7.5 हॉर्सपावर तक के सोलर पम्प उपलब्ध हैं। सबसे खास बात ये है कि आपको सोलर पम्प की लागत का सिर्फ़ 5% से 10% हिस्सा देना होगा, बाकी 90% तक की राशि केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार मिलकर देंगी। पहले चरण में उन किसानों को प्राथमिकता मिलेगी, जिनके पास अस्थायी बिजली कनेक्शन हैं या जिनके खेत बिजली लाइन से 300 मीटर से ज़्यादा दूर हैं। नदियों या बाँधों के पास खेती करने वाले किसानों को भी खास तवज्जो दी जाएगी, जहाँ पानी की ज़रूरत ज़्यादा होती है।
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कौन ले सकता है योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश का हर वो किसान ले सकता है, जो खेती करता हो और अपने खेत में सोलर पम्प लगाना चाहता हो। कुछ ज़रूरी शर्तें हैं। आपको मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए, और आपके पास खेती की ज़मीन होनी चाहिए। जिन किसानों के पास बिजली का स्थायी कनेक्शन नहीं है, उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। अगर आपके पास बिजली का पम्प है, तो आपको उसे हटाने का वादा करना होगा, तभी सोलर पम्प की सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, आपके खेत में पानी का कोई पक्का स्रोत, जैसे कुआँ, नदी, या बाँध, होना चाहिए। गाँव के छोटे किसानों से लेकर बड़े ज़मींदारों तक, ये योजना सबके लिए खुली है, बशर्ते आप पात्रता पूरी करें।
ज़रूरी दस्तावेज़ और सत्यापन
योजना का लाभ लेने के लिए आपको कुछ कागज़ात तैयार रखने होंगे। आधार कार्ड, किसान कार्ड, ज़मीन के स्वामित्व का प्रमाण (जैसे खसरा नंबर), बैंक खाता विवरण, और हाल की पासपोर्ट साइज़ फोटो ज़रूरी हैं। अगर आपके पास समग्र आईडी है, तो उसे भी जोड़िए। आपको ये भी सत्यापित करना होगा कि आपके खेत में कोई बिजली का पम्प नहीं है, या आप उसे हटाने को तैयार हैं। आवेदन जमा करने के बाद, मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के अधिकारी आपके दस्तावेज़ों की जाँच करेंगे और खेत का दौरा करेंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो आपका आवेदन स्वीकृत हो जाएगा, और सोलर पम्प लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
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ऑनलाइन आवेदन की आसान प्रक्रिया
सोलर पम्प के लिए आवेदन करना बहुत आसान है। आपको मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम की आधिकारिक वेबसाइट cmsolarpump.mp.gov.in पर जाना होगा। वहाँ होम पेज पर “नवीन आवेदन करें” का ऑप्शन मिलेगा। उस पर क्लिक करिए और अपने मोबाइल नंबर से लॉगिन करिए। मोबाइल पर आए OTP को डालकर रजिस्ट्रेशन फॉर्म खोलिए। इसमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी, ज़मीन का विवरण, और सोलर पम्प की ज़रूरत भरिए। ज़रूरी दस्तावेज़ अपलोड करिए और फॉर्म को “सुरक्षित करें” बटन से सेव करिए। इसके बाद आधार e-KYC के लिए आधार नंबर डालिए और OTP से सत्यापन करिए। आवेदन जमा करने के बाद आपको एक रसीद मिलेगी, जिसे संभालकर रखिए। अगर कोई दिक्कत हो, तो अपने ज़िले के ऊर्जा विकास निगम कार्यालय से संपर्क करिए।
सोलर पम्प की स्थापना और समयसीमा
आवेदन स्वीकृत होने के बाद आपको सोलर पम्प की लागत का 5% से 10% हिस्सा जमा करना होगा, जो आप ऑनलाइन या ऑफलाइन कर सकते हैं। इसके बाद, मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम आपके खेत में सोलर पम्प लगवाएगा। पम्प की स्थापना आमतौर पर पेमेंट के 120 दिनों के अंदर कर दी जाती है। सरकार ने अगले पाँच सालों में 2 लाख सोलर पम्प लगाने का लक्ष्य रखा है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा किसान इस योजना का लाभ ले सकें। अगर आप जल्दी आवेदन करेंगे, तो पहले चरण में आपको प्राथमिकता मिलेगी। सोलर पम्प लगने के बाद आपकी सिंचाई की सारी चिंता खत्म हो जाएगी।
योजना से क्या-क्या फायदे हैं?
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना मध्य प्रदेश के किसानों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। सबसे बड़ा फायदा ये है कि सोलर पम्प से बिजली और डीज़ल का खर्च पूरी तरह खत्म हो जाएगा। 90% सब्सिडी की वजह से पम्प की लागत इतनी कम हो जाएगी कि हर किसान इसे आसानी से खरीद सकता है। सूरज की रोशनी से चलने वाले इन पम्पों से सालभर, हर मौसम में खेतों को पानी मिलेगा, जिससे पैदावार बढ़ेगी। डीज़ल पम्प की जगह सोलर पम्प इस्तेमाल करने से पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा, और गाँव का हवा-पानी साफ रहेगा। ये योजना छोटे किसानों के लिए खास तौर पर वरदान है, क्योंकि ये उनकी खेती को किफायती और मुनाफेदार बनाएगी।
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