महाराष्ट्र के किसान भाइयों के लिए अच्छी खबर है। रबी सीजन 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का रजिस्ट्रेशन अब आधिकारिक पोर्टल पर शुरू हो चुका है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं से फसल को होने वाले नुकसान से बचाने वाली इस योजना में जल्द से जल्द नाम दर्ज कराने की सलाह दी जा रही है।
पुणे के डिप्टी डायरेक्टर दत्तात्रेय गावसाने ने कहा कि ज्वार की बुवाई वाले किसानों के लिए 30 नवंबर, जबकि गेहूं, चना और प्याज के लिए 15 दिसंबर तक का समय है। गर्मी की मूंगफली के लिए यह सीमा 31 मार्च 2026 तक बढ़ाई गई है। यह योजना मुख्य रूप से पुणे, सोलापुर और अहमदनगर जिलों में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया के माध्यम से चलाई जा रही है।
कृषि मंत्रालय के तहत 2016 में शुरू हुई यह योजना किसानों को सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, कीटों और बीमारियों जैसे जोखिमों से आर्थिक सुरक्षा देती है। महाराष्ट्र में रबी फसलों की बुवाई नवंबर से शुरू हो रही है, इसलिए समय पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल रबी सीजन में राज्य के करीब 15 लाख किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया था। गावसाने ने बताया कि पोर्टल https://www.pmfby.gov.in पर जाकर आसानी से आवेदन किया जा सकता है। अगर कोई दिक्कत हो, तो स्थानीय कृषि कार्यालय या सीएससी सेंटर पर मदद मिलेगी।
आवेदन के लिए एग्रीस्टैक और अन्य जरूरी कागजात अनिवार्य
रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले एग्रीस्टैक पर नाम दर्ज कराना पड़ता है। इसके बाद किसान आईडी, आधार कार्ड, बैंक खाते की जानकारी और जमीन के मालिकाना हक का प्रमाण-पत्र जमा करना होगा। अगर कोई किसान किरायेदार है, तो रजिस्टर्ड किरायेदारी समझौता भी दिखाना जरूरी है। इसके अलावा ई-क्रॉप इंस्पेक्शन भी योजना का हिस्सा है, जिसमें फसल की स्थिति की ऑनलाइन जाँच होती है। सीएससी सेंटर्स पर प्रति किसान 40 रुपये की सेवा शुल्क लगेगा, लेकिन यह रकम इंश्योरेंस कंपनी ही देगी। किसानों को सिर्फ अपना प्रीमियम भरना होगा, कोई अतिरिक्त खर्च नहीं। विभाग ने चेतावनी दी है कि धोखाधड़ी वाले दावों पर पाँच साल के लिए सभी सरकारी योजनाओं से नाम काट दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें- किसानों और युवाओं को माली प्रशिक्षण का निशुल्क मौका, 10 नवंबर तक आवेदन करें
महाराष्ट्र सरकार ने रबी सीजन के लिए नोटिफाइड फसलों की सूची जारी की है, जिसमें गेहूं, चना, ज्वार और प्याज प्रमुख हैं। आवेदन प्रक्रिया सरल रखी गई है ताकि गाँव के किसान भी बिना परेशानी के इसमें शामिल हो सकें। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के 11 अगस्त 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, योजना में नाम दर्ज कराने वाले किसानों की संख्या 2022-23 के 317 लाख से बढ़कर 2024-25 में 419 लाख हो गई है।
कुल 7840 लाख से ज्यादा आवेदनों का बीमा हो चुका है, और 2266 लाख किसानों को 1.83 लाख करोड़ रुपये का दावा भुगतान मिला। गैर-ऋणी किसानों की भागीदारी भी 2014-15 के 20 लाख से 2024-25 में 522 लाख तक पहुँच गई। यह आँकड़े योजना की लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाते हैं।
फसल बीमा राशि और प्रीमियम दरें जिले अनुसार तय
बीमा कवरेज और प्रीमियम फसल और जिले के आधार पर अलग-अलग हैं। उदाहरण के तौर पर पुणे जिले में सिंचित गेहूं के लिए 45,000 रुपये की बीमा राशि पर सिर्फ 225 रुपये का प्रीमियम लगेगा। चना फसल पर 36,000 रुपये कवरेज के लिए 90 रुपये ही चुकाने होंगे। रबी फसलों के लिए सामान्य प्रीमियम दर 1.5 प्रतिशत है, जबकि वाणिज्यिक फसलों पर 5 प्रतिशत। बाकी राशि केंद्र और राज्य सरकारें वहन करती हैं। गावसाने ने कहा कि किसान इन दरों की जानकारी पोर्टल पर ही देख सकते हैं। अगर फसल नुकसान होता है, तो दावा प्रक्रिया भी तेज है—सैटेलाइट इमेजरी और ड्रोन सर्वे से नुकसान का आकलन होता है।
योजना की सफलता के पीछे तकनीकी अपनाना भी बड़ा कारण है। अब किसान मोबाइल ऐप से स्टेटस चेक कर सकते हैं। मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 14447 पर कॉल किया जा सकता है, या https://krishi.maharashtra.gov.in पर जाकर अपडेट देखें। महाराष्ट्र में रबी बुवाई का मौसम चल रहा है, इसलिए किसान भाई समय न गँवाएँ। यह बीमा न सिर्फ नुकसान से बचाता है, बल्कि अगली फसल के लिए आत्मविश्वास भी देता है।
ये भी पढ़ें- अदरक-हल्दी किसानों के लिए खुशखबरी, मजदूरों की जगह आई अदरक हार्वेस्टर मशीन, 95% खुदाई एक पास में