49 तालाबों की होगी खुदाई, मिलेगा 50% अनुदान, इस जिले के किसानो के लिए सरकार की है यह योजना!

PMKSY Yojna:  उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत नए वित्तीय वर्ष में जिले में 49 तालाबों की खुदाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रत्येक तालाब पर लगभग 1.5 लाख रुपये की लागत आएगी, जिसमें राज्य सरकार 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान करेगी। यह पहल आजमगढ़ के किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्धता बढ़ाने और उनकी आय में वृद्धि करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। PMKSY आजमगढ़ की खेती को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकता है।

 हर खेत को पानी की गारंटी

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को 1 जुलाई 2015 को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश के हर खेत तक सिंचाई सुविधा पहुँचाना और पानी का कुशल उपयोग सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत जल संचय, जल सिंचन, और सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप और स्प्रिंकलर) को बढ़ावा दिया जाता है। आजमगढ़ जैसे जिले, जहाँ बारिश पर निर्भरता अधिक है, वहाँ तालाबों की खुदाई से वर्षा जल का संरक्षण होगा और सूखे की स्थिति में भी खेतों को पानी मिलेगा। योजना के चार मुख्य घटक त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP), हर खेत को पानी, प्रति बूंद अधिक फसल, और वाटरशेड विकास किसानों को समग्र समाधान प्रदान करते हैं।

49 तालाबों का लक्ष्य और इसका महत्व

आजमगढ़ में 49 तालाबों की खुदाई का लक्ष्य जिले की सिंचाई क्षमता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रत्येक तालाब की लागत 1.5 लाख रुपये अनुमानित है, जिसमें 50% अनुदान (लगभग 75,000 रुपये प्रति तालाब) सरकार द्वारा दिया जाएगा। यह अनुदान किसानों के लिए आर्थिक बोझ को कम करेगा और उन्हें जल संरक्षण की दिशा में प्रोत्साहित करेगा। तालाबों से न केवल खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, बल्कि भूजल स्तर भी सुधरेगा। इसके अलावा, तालाबों का उपयोग मछली पालन और बत्तख पालन जैसे अतिरिक्त आय स्रोतों के लिए भी किया जा सकता है, जो किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करेगा।

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तालाबों के लाभ और पर्यावरणीय प्रभाव

तालाबों की खुदाई से आजमगढ़ के किसानों को कई लाभ मिलेंगे। सबसे बड़ा लाभ यह है कि वर्षा जल का संचय होने से सूखे के दौरान भी खेतों को पानी उपलब्ध होगा। यह खरीफ और रबी दोनों फसलों की पैदावार बढ़ाने में मदद करेगा। तालाब भूजल रिचार्ज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे कुओं और नलकूपों में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से, तालाब जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं और स्थानीय पारिस्थितिकी को मजबूत करते हैं। मछली पालन से किसानों को अतिरिक्त आय होगी, और तालाबों के किनारे वृक्षारोपण से मिट्टी का कटाव रुकेगा। यह योजना आजमगढ़ को जल संकट से निपटने में सशक्त बनाएगी।

आवेदन प्रक्रिया और पात्रता

PMKSY के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए किसानों को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। आवेदक के पास खेती योग्य जमीन होनी चाहिए, और वह व्यक्तिगत किसान, स्वयं सहायता समूह (SHG), या किसान उत्पादक संगठन (FPO) का सदस्य हो सकता है। आवेदन प्रक्रिया में आधार कार्ड, खसरा-खतौनी, बैंक खाता विवरण, और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे दस्तावेज जमा करने होंगे। आजमगढ़ के किसान अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), जिला उद्यान कार्यालय, या उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की वेबसाइट (www.upagriculture.com) पर आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन आसान है, और अनुदान राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए सीधे खाते में पहुँचती है।

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आजमगढ़ के लिए सुनहरा अवसर

आजमगढ़, जो अपनी उपजाऊ मिट्टी और धान, गेहूँ, और सब्जियों की खेती के लिए जाना जाता है, अब PMKSY के तहत नए आयाम छूने को तैयार है। तालाबों की खुदाई से छोटे और सीमांत किसान, जो बारिश पर निर्भर हैं, भी अपनी फसलों को समय पर पानी दे सकेंगे। यह योजना न केवल कृषि उत्पादकता बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। जिले के प्रगतिशील किसानों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे आय दोगुनी करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत आजमगढ़ में 49 तालाबों की खुदाई और 50% अनुदान किसानों के लिए वरदान है। यह योजना जल संरक्षण, फसल उत्पादकता, और ग्रामीण समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगी। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या जिला उद्यान कार्यालय से संपर्क करें और इस अवसर का लाभ उठाएँ। आजमगढ़ के किसान इस पहल से अपनी खेती को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं। अपनी सफलता की कहानी साझा करें और जल संरक्षण की इस क्रांति का हिस्सा बनें!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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