अनार के छिलके से बनाएं पौधों के लिए ऑर्गेनिक टॉनिक, ग्रोथ होगी दोगुनी, जानें तरीका

सर्दी का मौसम आते ही गार्डन के पौधे थोड़े उदास से दिखने लगते हैं। पत्तियां सूखती हैं, जड़ें कमजोर पड़ती हैं, कभी-कभी छोटे-मोटे कीड़े या फंगस लग जाते हैं। लेकिन क्या हो अगर किचन से निकला एक सामान ये सारी परेशानी दूर कर दे? जी हां, अनार के छिलके! अनार खाकर हम दाने तो चबाते हैं, लेकिन छिलके को कचरा समझकर फेंक देते हैं। जबकि ये छिलके पौधों के लिए सोने जैसा खजाना हैं। इनमें छिपे एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण पौधों को मजबूत बनाते हैं, ग्रोथ तेज करते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों में भी साबित हो चुका है कि अनार के छिलकों में पॉलीफिनॉल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं, जो पौधों को बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं। छोटे गार्डन वाले किसान भाई-बहनें इसे आजमाकर देखें, फर्क दिखेगा।

अनार के छिलके क्यों हैं पौधों के लिए वरदान

अनार का छिलका देखने में सख्त लगता है, लेकिन अंदर से ये पोषक तत्वों का भंडार है। इसमें मौजूद टैनिन और फ्लेवोनोइड्स पौधों की जड़ों को पावर देते हैं। सर्दियों में जब मिट्टी की नमी कम हो जाती है, ये छिलके मल्चिंग का काम करते हैं। यानी मिट्टी को सूखने से बचाते हैं और धीरे-धीरे घुलकर पोषण छोड़ते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, अनार के छिलके से बनी खाद पौधों के उत्पादन को 15-20 फीसदी तक बढ़ा सकती है। खासकर टमाटर, गुलाब और सब्जियों के लिए ये कमाल का फर्टिलाइजर साबित होता है। फेंकने की बजाय इकट्ठा करें, सुखा लें और इस्तेमाल शुरू कर दें।

पाउडर बनाकर दें तुरंत पोषण

सबसे आसान तरीका है अनार के छिलकों से घरेलू फर्टिलाइजर पाउडर तैयार करना। अनार खाने के बाद छिलकों को अच्छी तरह धो लें। फिर धूप में दो-तीन दिन फैला दें जब तक ये पूरी तरह कुरकुरे न हो जाएं। अब मिक्सर में डालकर बारीक पीस लें। ये पाउडर तैयार है। हर 15 दिन में गमले की ऊपरी मिट्टी हटा दें, आधा चम्मच पाउडर छिड़कें और फिर मिट्टी से ढक दें। जड़ें इस पोषण को सोख लेंगी। गुलाब के पौधे खिल जाएंगे, टमाटर की डालियां हरी-भरी हो जाएंगी। ध्यान रखें, ज्यादा न डालें वरना जड़ें जल सकती हैं। ये तरीका ऑर्गेनिक है, कोई केमिकल नहीं।

ये भी पढ़ें- बालकनी में उगाएँ पूजा के लिए ताजा फूल, NSC के मिक्स पूजा फ्लावर सीड कॉम्बो से सजाएँ अपने घर को

स्प्रे बनाकर भगाएं फंगस और कीड़े

अगर पौधों पर सफेद फंगस या छोटे कीट दिखें तो घबराएं नहीं। अनार के छिलके इनसे लड़ने का हथियार हैं। छिलकों को छोटे टुकड़ों में काट लें। एक लीटर पानी में डालकर 48 घंटे भिगो दें। पानी हल्का गुलाबी हो जाएगा। इसे छान लें, स्प्रे बोतल में भरें। हफ्ते में एक बार पत्तियों और डालियों पर छिड़काव करें। छिलकों के एंटी-फंगल गुण फंगस को जड़ से खत्म कर देंगे। छोटे कीड़े भी दूर भागेंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये प्राकृतिक तरीका पौधों को हानि पहुंचाए बिना सुरक्षित रखता है। सर्दी में जब नमी बढ़ जाती है, ये स्प्रे बहुत काम आता है।

मल्चिंग से बचाएं मिट्टी की नमी

सर्द हवाओं में मिट्टी जल्दी सूख जाती है, पौधे प्यासे रह जाते हैं। अनार के छिलके इससे बचाव का सस्ता उपाय हैं। ताजे या हल्के सूखे छिलकों को काटकर छोटे टुकड़ों में बना लें। गमले या खेत की मिट्टी की ऊपरी सतह पर दो-तीन इंच की परत बिछा दें। ये परत मिट्टी को ठंड से बचाएगी, पानी उड़ने नहीं देगी। जैसे-जैसे छिलके सड़ेंगे, पोषक तत्व मिट्टी में मिल जाएंगे। खासकर लौकी, करेला जैसी सब्जियों के लिए ये परफेक्ट है। एक किसान भाई ने बताया, पिछले सीजन में इससे पानी की बचत हुई और फसल 10 दिन पहले तैयार हो गई।

लिक्विड फर्टिलाइजर से दें तेज ग्रोथ

पौधों को तुरंत एनर्जी चाहिए? अनार के छिलकों से लिक्विड फर्टिलाइजर बना लें। छिलकों को पानी में 48 घंटे भिगोएं। फिर इस पानी को छानकर उतना ही साफ पानी मिला लें। हल्का घोल तैयार। इसे सीधे जड़ों के पास डाल दें। पौधे इसकी ताजगी सोख लेंगे, नई पत्तियां निकलने लगेंगी। ये तरीका कमजोर पौधों को हरा-भरा बना देता है। अध्ययनों से पता चला है कि अनार के छिलके में मौजूद मिनरल्स जड़ों को मजबूत करते हैं। हफ्ते में एक बार इस्तेमाल करें, लेकिन ज्यादा न डालें।

सावधानियां बरतें, फायदा दोगुना हो

अनार के छिलके जादू हैं, लेकिन सही इस्तेमाल से ही। हमेशा साफ छिलके लें, कहीं से मैल न लगे। सुखाते समय धूप अच्छी हो। स्प्रे या लिक्विड बनाते समय पानी साफ हो। अगर पौधा बहुत छोटा हो तो कम मात्रा यूज करें। कभी-कभी पौधे की किस्म के हिसाब से रिएक्शन चेक करें। ये तरीके देसी हैं, लेकिन भाकृअनुप जैसे संस्थानों की रिसर्च इन्हें साइंटिफिक बैकिंग देती है। छोटे गार्डन से शुरू करें, फिर बड़े खेत पर आजमाएं।

अनार के छिलके कचरा नहीं, खजाना हैं। इन्हें अपनाकर गार्डन न सिर्फ हरा-भरा रहेगा बल्कि जेब भी भरेगी। सर्दी में सब्जियां जल्दी तैयार होंगी, बाजार में अच्छे दाम मिलेंगे। आज से शुरू करें, फर्क खुद देखें।

ये भी पढ़ें- सर्दियों में बगीचे की रौनक, नुष्टर्सिएम फूलों से बढ़ाएं घर की खूबसूरती

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment