किसान भाइयों के लिए आलू की खेती सोने का मौका है, लेकिन इसके लिए खेत की सही तैयारी जरूरी है। सितंबर 2025 की शुरुआत में मौसम ठंडा होने लगा है, जो आलू की बुआई के लिए एकदम मुफीद है। सबसे पहले खेत को साफ करें और पुरानी फसलों के अवशेष हटाएं। दोमट या बलुई दोमट मिट्टी, जिसमें पानी की अच्छी निकासी हो, आलू के लिए सबसे बेस्ट है। मिट्टी का पीएच 5.5 से 6.5 के बीच रखें। अगर मिट्टी खराब है, तो उसमें गोबर की खाद और बालू मिलाकर उसे उपजाऊ बनाएं। यह शुरुआती कदम आपकी फसल की सेहत को मजबूत करेगा, जैसे गाँव में घर की नींव मजबूत करने से मकान टिका रहता है।
कितनी करें जुताई मिट्टी को तैयार करने के लिए
खेत की जुताई आलू की खेती का दिल है। दो से तीन बार गहरी जुताई करें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और जड़ों को सांस लेने की जगह मिले। इसके लिए हल या ट्रैक्टर का इस्तेमाल करें, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी ज्यादा गीली न हो, वरना कच्ची रह जाएगी। जुताई के बाद पाटा चलाएं, ताकि मिट्टी समतल हो और पानी जमा न हो। अगर आपका खेत ऊंचा-नीचा है, तो छोटी-छोटी क्यारियां बनाएं, जो बरसात में पानी निकालने में मदद करेंगी। सितंबर के आखिरी हफ्ते से अक्टूबर की शुरुआत तक जुताई पूरी कर लें, क्योंकि यह समय आलू के लिए सबसे उपयुक्त है।
कम्पोस्ट खाद, प्राकृतिक ताकत
आलू की फसल को मजबूत बनाने के लिए कम्पोस्ट खाद सबसे बड़ा सहारा है। अपने गाँव में गोबर, पुआल, और हरी पत्तियों को मिलाकर 2-3 महीने तक सड़ाएं, ताकि अच्छी खाद तैयार हो जाए। प्रति हेक्टेयर 15-20 टन कम्पोस्ट खाद डालें और इसे जुताई के दौरान मिट्टी में अच्छे से मिलाएं। अगर समय कम है, तो बाजार से वर्मीकम्पोस्ट या देसी खाद लें, लेकिन इसकी गुणवत्ता चेक कर लें। कम्पोस्ट में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटाश प्राकृतिक रूप से मिलते हैं, जो आलू की कंदों को बड़ा और स्वादिष्ट बनाते हैं। यह तरीका न सिर्फ सस्ता है, बल्कि मिट्टी को भी हरा-भरा रखता है।
देसी नुस्खे से मिट्टी को बनाएं दोस्त
आलू की खेती में देसी तरीके भी कमाल कर सकते हैं। जुताई से पहले मिट्टी में नीम की खली मिलाएं, ताकि कीटों से बचाव हो और मिट्टी में जान आए। अगर खेत में चूना ज्यादा है, तो उसमें फसलें उगाने के लिए सरसों के तेल की कचरा (केक) डालें, जो मिट्टी को संतुलित करेगा। बुआई से पहले खेत में हल्की सिंचाई करें, ताकि मिट्टी नम रहे और बीज जल्दी अंकुरित हों। गाँव में कई किसान भैंस के गोबर को सुखाकर उसमें थोड़ी हल्दी मिलाते हैं, जो मिट्टी को कीटाणुरहित करता है। ये देसी उपाय आपकी मेहनत को दोगुना फल देंगे।
आलू की खेती (Potato Farming) के लिए सही समय का चयन बहुत जरूरी है। 02 सितंबर 2025 को मौसम ठंडक की ओर बढ़ रहा है, जो रबी फसल के लिए आदर्श है। अक्टूबर-नवंबर में बुआई शुरू करें, ताकि फसल फरवरी-मार्च में तैयार हो जाए। ज्यादा गर्मी या बारिश से बचें, क्योंकि यह कंदों को खराब कर सकती है। अगर आपकी मिट्टी नम है, तो जल निकासी का इंतजाम कर लें। मौसम की जानकारी के लिए नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें, ताकि आप सही समय पर खेत तैयार कर सकें।
पैदावार और मुनाफा, मेहनत का फल
अच्छी तैयारी से प्रति हेक्टेयर 20-25 टन आलू की पैदावार मिल सकती है। बाजार में आलू का भाव 15-25 रुपये प्रति किलो रहता है, जो 3-5 लाख रुपये का मुनाफा दे सकता है। छोटे खेत में भी 500-1000 किलो आलू उगाकर 10,000-20,000 रुपये की कमाई हो सकती है। कम्पोस्ट खाद और सही जुताई से लागत भी कम होती है। अगर आप इसे साफ-सुथरे पैकेट में बेचें, तो शहरी बाजार में कीमत और बढ़ सकती है। यह फसल आपके परिवार की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ अतिरिक्त आय का जरिया भी बनेगी।
केंद्र और राज्य सरकारें आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत खाद, बीज, और उपकरणों पर सब्सिडी मिलती है। अपने नजदीकी कृषि केंद्र या ग्राम पंचायत से संपर्क करें और इन योजनाओं का लाभ उठाएं। भारतीय आलू अनुसंधान संस्थान (ICAR-CPRI) भी मुफ्त प्रशिक्षण और बीज वितरण करता है। सितंबर में ही इन सुविधाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करा लें, ताकि आपकी खेती बिना रुकावट चले।
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