Potato Cultivation: किसानों के लिए सितंबर का महीना आलू की खेती का सुनहरा समय है। पलामू की मिट्टी और जलवायु आलू उत्पादन के लिए बिल्कुल मुफीद है। अगर सही तरीके से बुवाई की जाए, तो महज एक महीने में फसल लहलहाने लगती है। क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी, पलामू के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश शाह ने बताया कि बीज उपचार और खेत की सही तैयारी से पैदावार दोगुनी हो सकती है। आइए जानें सितंबर में आलू की खेती के लिए जरूरी टिप्स।
रोगों से बचाव का पहला कदम
आलू की खेती में बीज उपचार बेहद जरूरी है। डॉ. शाह के मुताबिक, यह बच्चों के टीकाकरण जैसा है। बीज उपचार से फसल कीटों, फफूंद, और रोगों से बची रहती है। सबसे पहले स्वस्थ और सड़े-गले हिस्सों से मुक्त कंद चुनें। इन कंदों को दो हिस्सों में काट लें। फिर 1 लीटर पानी में 2 ग्राम मैनकोजेब 75 डब्ल्यूपी दवा मिलाकर घोल बनाएं। कटे हुए कंदों को इस घोल में 15 मिनट तक डुबोएं और छायादार जगह पर सुखाएं। यह प्रक्रिया फफूंदजनित रोगों से बचाव करती है। सूखे कंदों को ही बुवाई के लिए इस्तेमाल करें, ताकि फसल मजबूत हो।
खेत की तैयारी
अच्छी पैदावार के लिए खेत की तैयारी उतनी ही जरूरी है। खेत को 2-3 बार गहरी जुताई करें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। जुताई के बाद खेत को समतल करें और प्रति हेक्टेयर 20-25 टन गोबर की खाद डालें। नमी बनाए रखने के लिए सिंचाई की व्यवस्था करें। डॉ. शाह सलाह देते हैं कि प्रति हेक्टेयर 120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम फास्फोरस, और 100 किलोग्राम पोटाश डालें। नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय और बाकी आधी 30 दिन बाद गुड़ाई के समय डालें। इससे कंदों का विकास बेहतर होता है।
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बुवाई का सही समय और दूरी
सितंबर का पहला या दूसरा हफ्ता आलू की बुवाई के लिए सबसे अच्छा है। इस समय बुवाई से फसल जल्दी तैयार होती है और बाजार में अच्छा दाम मिलता है। बुवाई के दौरान कतार से कतार की दूरी 60 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर रखें। यह दूरी कंदों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह देती है, जिससे पैदावार बढ़ती है। सही दूरी और समय पर बुवाई से फसल एक महीने में लहलहाने लगती है।
किसानों के लिए सलाह
किसान भाइयों, सितंबर में आलू की खेती आपके लिए मुनाफे का बड़ा मौका है। स्वस्थ बीज चुनें, मैनकोजेब से उपचार करें, और खेत को अच्छे से तैयार करें। गोबर खाद और उर्वरकों का सही इस्तेमाल करें। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लें और समय पर बुवाई करें। सही देखभाल से आपकी फसल न सिर्फ रोगमुक्त रहेगी, बल्कि बाजार में ऊंचा दाम भी दिलाएगी। इस सीजन में मेहनत करें और पैदावार दोगुनी करें!
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