Potato Tower gardening: किसान भाइयों, आलू की खेती हर गाँव में होती है, लेकिन अगर आपके पास जगह कम हो और फिर भी ढेर सारा आलू उगाना हो, तो पोटैटो टावर एक बढ़िया तरीका हो सकता है। ये टावर ऊँचाई में आलू उगाने का जुगाड़ है, जिसमें मिट्टी और भूसे की परतें बनाकर आलू बोए जाते हैं। लोग कहते हैं कि इससे छोटी जगह में भारी फसल मिलती है, और गाँव में इसे आसानी से आजमाया जा सकता है। हालाँकि, सच ये है कि सही तरीके से किया जाए, तो अच्छी फसल मिलती है, पर 100 किलो जैसी बातें थोड़ी बड़ी लगती हैं। आइए, समझें कि पोटैटो टावर कैसे बनाएँ और फायदा कैसे लें।
टावर बनाने का आसान ढंग
पोटैटो टावर (Potato Tower) बनाने के लिए पहले एक मजबूत ढाँचा चाहिए। गाँव में लोहे की जाली या बाँस से 3-4 फीट ऊँचा गोल घेरा बना लें। इसे खेत में सूरज की अच्छी रोशनी वाली जगह पर रखें। नीचे 6 इंच मोटा भूसा बिछा दें, फिर उस पर गोबर की खाद और मिट्टी की परत डालें। इसके बाद आलू के बीज, जिनमें आँखें हों, 5-6 इंच की दूरी पर रखें। जैसे-जैसे पौधा बढ़े, ऊपर भूसा और मिट्टी की परतें डालते जाएँ। गाँव में पुराने लोग भूसे की जगह सूखी पत्तियाँ भी डालते हैं, ये सस्ता और आसान जुगाड़ है। टावर को 2-3 फीट से ज्यादा ऊँचा न करें, वरना पानी नीचे तक नहीं पहुँचेगा।
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बुआई और देखभाल
आलू के बीज को बोने से पहले एक दिन धूप में रख दें, ताकि वो सख्त हो जाएँ। हर परत में 5-6 बीज डालें और ऊपर से मिट्टी-भूसा मिलाकर ढक दें। पानी का खास ध्यान रखें, क्यूँकि ड्रिप या हल्के छिड़काव से जड़ों तक नमी पहुँचेगी। गाँव में नीम की पत्तियों का पानी छिड़कें, इससे कीड़े कम लगेंगे। पौधे की पत्तियाँ हरी-भरी रखें, ज्यादा मिट्टी न डालें, वरना फसल कम होगी। मार्च-अप्रैल या जून-जुलाई में बुआई करें, ताकि मौसम पौधे को बढ़ने में मदद करे। ऐसा करने से जमाव अच्छा होगा और फसल भी बढ़िया आएगी।
फसल कितनी मिलेगी
पोटैटो टावर से भारी फसल की बात सच है, पर ये तरीके पर निर्भर करता है। एक टावर में अगर आप 1 किलो बीज बोते हैं, तो 5-10 किलो आलू मिल सकते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि 4 फीट के टावर से 20-25 किलो तक हो सकता है, लेकिन इसके लिए मिट्टी, पानी और धूप का पूरा तालमेल चाहिए। गाँव में इसे सही ढंग से करें, तो एक बीघे की जगह 5-6 टावर से 50-70 किलो आलू निकल सकता है। बाजार में 20-30 रुपये किलो भाव मिले, तो 1500-2000 रुपये की कमाई हो सकती है। टावर को खोलकर आलू निकालना भी आसान है, बस ढाँचा हटाएँ और मिट्टी हिलाएँ।
ये तरीका गाँव में इसलिए बढ़िया है, क्यूँकि छोटी जगह में ज्यादा आलू उगा सकते हैं। जिनके पास बड़ा खेत नहीं, वो आँगन या छत पर भी टावर रख सकते हैं। पानी की बचत होती है, और मिट्टी को गोबर से ताकत मिलती है। गाँव में बचे हुए भूसे का इस्तेमाल करें, तो खर्चा और कम होगा। फसल के बाद मिट्टी को खाद में मिला दें, अगली फसल के लिए तैयार हो जाएगी। तो भाइयों, पोटैटो टावर को आजमाएँ, सही देखभाल करें, फसल की चमक और जेब दोनों भर जाएँगी।
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