किसान भाइयों, हमारे यहाँ खेती अब पहले जैसे पुराने ढर्रे से आगे बढ़ चुकी है। छोटा ट्रैक्टर और पावर वीडर जैसी मशीनें 20 हजार से 50 हजार रुपये की कीमत में आती हैं, जो किसानों का समय बचाती हैं और आमदनी बढ़ाने का रास्ता खोलती हैं। अपने इलाके में इनका इस्तेमाल कर छोटे खेतों में भी बड़े काम आसानी से हो सकते हैं। अप्रैल का महीना चल रहा है, और गर्मी में फसल तैयार करने का समय है। ऐसे में ये सस्ते यंत्र मेहनत को हल्का करते हैं। आइए, अपनी सहज भाषा में जानें कि ये कैसे काम करते हैं और फायदा पहुँचाते हैं।
छोटे यंत्रों का बड़ा कमाल
हमारे यहाँ छोटे किसानों के पास बड़े ट्रैक्टर खरीदने का बजट अक्सर नहीं होता। लेकिन छोटा ट्रैक्टर और पावर वीडर 20 हजार से 1.5 लाख रुपये में मिल जाते हैं। ये हल्के हैं, आसानी से चलते हैं और छोटे खेतों में जुताई, निराई और बुआई जैसे काम चुटकियों में कर देते हैं। अपने खेतों में एक घंटे में आधा से एक बीघा जमीन तैयार हो सकती है। बाजार में इनकी कीमत कम होने से हर किसान इन्हें ले सकता है। ये मशीनें समय बचाती हैं और मेहनत कम कर आमदनी का रास्ता बढ़ाती हैं।
सस्ती कीमत, मजबूत काम
अपने इलाके में पावर वीडर को देखें, यह 5-9 हॉर्स पावर की ताकत से चलता है और 2-3 लीटर पेट्रोल या डीजल में दिनभर काम कर सकता है। हमारे यहाँ यह खेतों की जुताई, खरपतवार हटाने और मिट्टी ढीली करने में माहिर है। इसका वजन 50-70 किलो होता है, जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। गर्मी के दिनों में जब पानी कम हो, तब भी यह कम ईंधन में बढ़िया काम करता है। यह सस्ता होने के साथ-साथ रखरखाव में भी आसान है, जो किसानों के लिए बड़ी राहत है।
खेतों में समय की बचत
अपने खेतों में पुराने तरीके से बैल या हल चलाने में घंटों लग जाते हैं। लेकिन छोटा ट्रैक्टर और पावर वीडर एक घंटे में वही काम कर देते हैं, जो पहले दिनभर में होता था। हमारे यहाँ किसान सुबह जल्दी काम निपटा सकते हैं और बाकी समय बाजार में फसल बेचने या परिवार के साथ बिता सकते हैं। अप्रैल-मई में जब फसल बोने की जल्दी होती है, ये मशीनें तेजी से खेत तैयार करती हैं। समय की यह बचत मेहनत को कम करती है और किसानों को दूसरी फसल उगाने का मौका देती है।
आमदनी का नया रास्ता
हमारे यहाँ छोटा ट्रैक्टर और पावर वीडर से खेती की लागत कम होती है। एक बीघे की जुताई में जहाँ बड़े ट्रैक्टर का किराया 500-700 रुपये लगता है, वहीं ये मशीनें 50-70 रुपये के ईंधन में वही काम कर देती हैं। अपने इलाके में एक बीघे से 2-3 क्विंटल फसल ज्यादा पैदा करें, तो 5-10 हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई हो सकती है। बाजार में सब्जियाँ, दालें या अनाज बेचकर सालाना 20-30 हजार रुपये तक बढ़ोतरी संभव है। ये यंत्र किराए पर भी चलाए जा सकते हैं, जिससे और कमाई का रास्ता खुलता है।
यह छोटा ट्रैक्टर कहाँ से खरीदें
अपने आसपास छोटा ट्रैक्टर और पावर वीडर खरीदने के लिए कई विकल्प हैं। हमारे यहाँ स्थानीय कृषि यंत्र दुकानों पर ये 20 हजार से 1 लाख रुपये में मिलते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे ट्रैक्टर जंक्शन, ओएलएक्स या इंडिया मार्ट पर भी इन्हें देख सकते हैं। अपने इलाके में सरकारी सब्सिडी का फायदा उठाने के लिए नज़दीकी कृषि विभाग से संपर्क करें, जहाँ 50-80% तक छूट मिल सकती है। डीलर से बात कर मॉडल और कीमत की पूरी जानकारी लें। यह तरीका बजट में रहकर सही यंत्र चुनने में मदद करता है।
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