अब पशुपालकों और पट्टेदार किसानों को भी मिलेगा फसल बीमा योजना का फायदा, सरकार का बड़ा ऐलान!

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna: किसान भाइयों, खेती में मेहनत तो आप दिन-रात करते हैं, लेकिन बाढ़, सूखा, या जंगली जानवरों का हमला आपकी फसल को बर्बाद कर दे, तो दिल टूट जाता है। ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) आपका ढाल बनकर खड़ी है। अब सरकार इस योजना को और बड़ा करने जा रही है, ताकि किराये पर खेती करने वाले, पशुपालन करने वाले, और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारक भी इसका फायदा उठा सकें। ये खबर आपके लिए उम्मीद की किरण है, जो आपकी खेती को और सुरक्षित बनाएगी।

योजना का दायरा बढ़ेगा, हर किसान को फायदा

केंद्र सरकार जल्द ही PMFBY के दायरे को बढ़ाने का बड़ा फैसला ले सकती है। खबर है कि अब वो किसान भी इस योजना में शामिल होंगे, जो किराये की जमीन पर खेती करते हैं। साथ ही, पशुपालन और मछली पालन करने वाले और जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड है, वो भी बीमा का लाभ ले सकेंगे। देश में करीब 40 फीसदी किसान ऐसे हैं, जिनके पास अपनी जमीन नहीं है और वो पट्टे पर खेती करते हैं। ये फैसला उनके लिए वरदान होगा। कृषि मंत्रालय का कहना है कि इस विस्तार से लाखों किसानों को फायदा होगा, और बीमा के तहत आने वाला खेती का क्षेत्र भी बढ़ेगा। यानी, अब आपकी मेहनत को और मज़बूत सुरक्षा मिलेगी।

मुआवजा जल्दी मिलेगा

PMFBY के तहत मुआवजे का भुगतान अब और तेज़ होने वाला है। सरकार की योजना है कि मुआवजे की तारीखें PM-किसान योजना की तरह तय की जाएँ, जिसमें किसानों को साल में तीन बार 6000 रुपये मिलते हैं। कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि अगले सीजन से राज्य सरकारों के साथ एस्क्रो खाते खोले जाएँगे, ताकि मुआवजा समय पर आपके खाते में आए। अभी कुछ राज्यों के देर से पैसा देने की वजह से मुआवजे में देरी होती है। पिछले नौ सालों में राज्यों ने 4440 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान नहीं किया। नया सिस्टम इस परेशानी को दूर करेगा, ताकि आपकी मेहनत का फल समय पर मिले।

किराये पर खेती करने वालों का कैसे होगा बीमा?

किराये पर खेती करने वाले किसानों को PMFBY में शामिल करने के लिए सरकार खास योजना बना रही है। ऐसे किसानों को जमीन के मालिक की सहमति के साथ बीमा दिया जाएगा। इसके लिए आपकी यूनिक डिजिटल आईडी का इस्तेमाल होगा, जिससे आपका डेटा सुरक्षित रहेगा। ये कदम उन किसानों के लिए बड़ी राहत है, जो बिना अपनी जमीन के खेती करके परिवार चलाते हैं। सरकार का मकसद है कि हर किसान, चाहे उसका खेत हो या किराये का, फसल नुकसान से बचे।

जंगली जानवरों का नुकसान भी कवर होगा

अब अच्छी खबर ये है कि जंगली जानवरों के हमले से होने वाले फसल नुकसान को भी PMFBY में शामिल करने की तैयारी है। इसके लिए सरकार ने एक कमेटी बनाई है, जो जल्द ही इसकी योजना को अंतिम रूप देगी। चाहे सूअर हों, नीलगाय हों, या बंदर, अगर आपकी फसल बर्बाद हो जाती है, तो अब आपको मुआवजा मिलेगा। ये कदम खासकर उन गाँवों के लिए फायदेमंद है, जहाँ जंगली जानवर खेतों में घुसकर फसल चट कर जाते हैं।

कितना प्रीमियम?

PMFBY में प्रीमियम देना आपके लिए आसान है। खरीफ फसलों के लिए आप सिर्फ 2% और रबी फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम देते हैं। नकदी फसलों के लिए ये 5% है। बाकी रकम केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देती हैं। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में केंद्र 90% प्रीमियम देता है, ताकि वहाँ के किसानों पर बोझ न पड़े। योजना शुरू होने से अब तक किसानों को 1.78 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा मिल चुका है, जो उनके द्वारा दिए गए 35,466 करोड़ रुपये के प्रीमियम से पाँच गुना ज्यादा है। यानी, ये योजना आपकी मेहनत को सही मायने में संवार रही है।

कौन से राज्य, कितना कवरेज?

PMFBY में राजस्थान, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा खेती का क्षेत्र कवर है। वहीं, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, और कर्नाटक थोड़ा पीछे हैं। कुछ राज्य जैसे गुजरात, बिहार, और पश्चिम बंगाल ने पहले योजना से बाहर होने का फैसला किया था, लेकिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और झारखंड फिर से शामिल हो गए हैं। दिल्ली सरकार भी अब इस योजना में हिस्सा ले रही है।

देश में 14 करोड़ किसानों में से 4.1 करोड़ इस योजना का लाभ ले रहे हैं, और 40% खेती का क्षेत्र कवर हो चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि KCC धारकों, खासकर पशुपालन करने वालों को भी इसमें शामिल किया जाए। अभी 7.71 करोड़ KCC धारक हैं, जिनमें 44 लाख पशुपालन से जुड़े हैं।

योजना का मकसद

PMFBY का मकसद है कि बुवाई से लेकर कटाई तक आपकी फसल हर मुसीबत से बची रहे। ये योजना बाढ़, भूस्खलन, चक्रवात, सूखा, और कटाई के बाद के नुकसान को कवर करती है। 100 से ज्यादा फसलों का बीमा होता है, और 14 बड़ी बीमा कंपनियाँ इसे लागू कर रही हैं। सरकार ने 2025 के लिए 15,864 करोड़ रुपये का बजट रखा है, ताकि आपकी फसल को कोई नुकसान न हो। तो, इस योजना में शामिल होकर अपनी खेती को मज़बूत करें। ये आपकी मेहनत का सच्चा साथी है।

ये भी पढ़ें- जैविक खाद बनाइए, सरकार से पाइए ₹10 हजार तक की मदद, तुरंत करें आवेदन

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment