Pulse Procurement : हमारे देश में खेती तो हमेशा से जान है, और दालें तो हर थाली की शान हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से दालों की कमी और बाहर से मँगवाने की मजबूरी किसान भाइयों के लिए परेशानी बन गई थी। अब सरकार ने कमर कस ली है और 45 लाख टन दालों की रिकॉर्ड खरीद को हरी झंडी दे दी है। ये कदम ऐसा है कि आपकी मेहनत को सही दाम मिलेगा और देश भी दालों में अपने पैरों पर खड़ा होगा। जिन गाँवों में दालों की खेती बड़े जोर-शोर से होती है, वहाँ के किसानों की तो चाँदी ही चाँदी होने वाली है। सरकार ने वादा किया है कि हर किसान की पूरी फसल खरीद ली जाएगी।
कौन सी दालें और कैसे होगी खरीद?
आप जो दालें उगाते हैं जैसे, तुअर, चना, उड़द, मसूर, और मूंग ये सब सरकार की नज़र में हैं। खरीफ और रबी, दोनों मौसमों में इन दालों को मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत खरीदा जाएगा। मतलब, आपको अपनी फसल का सही दाम मिलेगा, वो भी बिना किसी टेंशन के। सरकार का मकसद यही है कि आपकी मेहनत बेकार न जाए और जेब में पक्का मुनाफा आए। गाँव में खेती करने वाले भाइयों के लिए ये एक सुनहरा मौका है, क्यूँकि अब फसल बेचने की भागदौड़ खत्म!
किन-किन को मिलेगा फायदा?
ये योजना खासकर उन राज्यों के लिए वरदान है, जहाँ दालों के खेत लहलहाते हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, और तमिलनाडु के किसान भाइयों, तैयार हो जाइए! आपकी तुअर, चना, और उड़द को सरकार हाथों-हाथ लेगी। न सही दाम की चिंता, न बिचौलियों का झंझट—सीधे खाते में पैसा आएगा। गाँव में कई भाई पहले सोचते थे कि दालें उगाएँ या नहीं, लेकिन अब ये डर खत्म। खेती करें, और मुनाफा पक्का समझें।
बाहर से मँगवाना छोड़ो, अपने खेतों से भरें थाली
पिछले कुछ सालों से दालें बाहर से मँगवानी पड़ रही थीं, जिससे पैसा विदेश चला जाता था और आपके खेत सूने रहते थे। लेकिन अब सरकार ने ठान लिया है कि दालों में देश को आत्मनिर्भर बनाना है। इस 45 लाख टन की खरीद से खेती को बढ़ावा मिलेगा, और बाहर से मँगवाने की जरूरत कम होगी। आपकी मेहनत से तैयार दालें ही देश की थालियों में पहुँचेंगी। इससे न सिर्फ़ आपकी जेब भरेगी, बल्कि देश का व्यापार भी मज़बूत होगा।
खाद्य सुरक्षा का पक्का इंतज़ाम
देश की आबादी बढ़ रही है, और हर घर में दाल की माँग भी। ऐसे में सरकार का ये कदम खाद्य सुरक्षा को पक्का करने वाला है। जब दालें अपने खेतों से भरपूर आएँगी, तो न कमी की चिंता होगी, न महँगे दामों की मार। आपकी खेती से तैयार चना-मसूर हर गाँव-शहर तक पहुँचेगा, और देश का पेट भी भरेगा। गाँव के किसान भाइयों की मेहनत अब देश की ताकत बनेगी।
कैसे शुरू करें?
अगर आप दालों की खेती करना चाहते हैं, तो अभी से तैयारी शुरू कर दें। खरीफ में तुअर और उड़द बोएँ, और रबी में चना और मसूर की बुआई करें। थोड़ा गोबर की खाद डालें, और पानी का ध्यान रखें। सरकार हर कदम पर आपके साथ है फसल तैयार होते ही वो खरीद लेगी। गाँव में कई भाई पहले से ऐसा कर रहे हैं, और उनकी कमाई देखकर लगता है कि ये रास्ता सही है।
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