कद्दू की फसल पर कीटों का हमला! तुरंत करें ये उपाय, नहीं तो हो जाएगा भारी नुकसान

Pumpkin Farming Tips: किसान भाइयों, आजकल कद्दू की फसल में कीटों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिससे खेतों में मेहनत पर पानी फिर रहा है। रेड पंपकिन बीटल नाम का कीट फसल को चौपट कर रहा है। ये कीट पत्तियों, जड़ों और कद्दू को खाता है, जिससे 40 से 50 फीसदी तक नुकसान हो जाता है। कृषि विभाग के सहायक संचालक डॉ. बीरेंद्र अनंत बताते हैं कि कद्दू एक बड़ी फसल है, जिससे सब्जी और मिठाई दोनों बनती हैं। लेकिन अगर इस कीट को वक्त रहते काबू न किया तो फसल का बड़ा हिस्सा बर्बाद हो सकता है। तो चलिए, जानते हैं कि इस कीट से कैसे निपटा जाए और अपनी फसल को कैसे बचाया जाए।

कद्दू की खेती में ये कीट बड़ी मुसीबत बन गया है। ये न सिर्फ पत्तियों को छलनी करता है, बल्कि जड़ों को भी खोखला कर देता है। इससे पौधा कमजोर हो जाता है और फल छोटे रह जाते हैं। अगर सही वक्त पर इसका इलाज न हो तो मेहनत और पैसा दोनों डूब सकते हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि कुछ आसान उपायों से इसे काबू में लाया जा सकता है।

रेड पंपकिन बीटल को पहचानें

ये लाल रंग का छोटा भृंग होता है, जो कद्दू के पौधों पर हमला करता है। इसके बच्चे (लार्वा) जड़ों को खाते हैं, और बड़े भृंग पत्तियों व फलों को नुकसान पहुँचाते हैं। पत्तियों में छेद, पौधे का मुरझाना और फलों का छोटा रह जाना इसके लक्षण हैं। मार्च के आसपास इसका प्रकोप बढ़ता है, जब गर्मी शुरू होती है। अगर आपके खेत में ये दिखे तो फौरन कदम उठाइए।

कीटों से बचाव के देसी और कारगर तरीके

इस कीट से निपटने के लिए कई तरीके हैं। सबसे पहले खेत को साफ रखें। पुराने पौधों और कचरे को हटाइए, क्यूँकि ये कीट वहाँ छिपते हैं। नीम का तेल या गोबर का घोल बनाकर छिड़काव करें। ये देसी नुस्खे कीटों को भगाने में मदद करते हैं। तालाब या गड्ढे में पानी भरकर कीटों को डुबोने का पुराना तरीका भी आजमाया जा सकता है। अगर खेत बड़ा है तो कीटनाशकों का सहारा ले सकते हैं।

कीटनाशकों का सही इस्तेमाल

कृषि विभाग की सलाह है कि सिस्टमैटिक कीटनाशक इस्तेमाल करें। इमिक्लोप्रिड एक ऐसा कीटनाशक है, जो पौधे सोख लेता है और कीटों के दिमाग को खराब कर देता है। ये बड़े और छोटे दोनों कीटों को मारता है। इसे पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़कें। दूसरा है कार्बारिल, जिसे सेविन भी कहते हैं। ये कीटों को छूते ही खत्म कर देता है। पत्तियों के नीचे और फूलों पर अच्छे से छिड़काव करें। लेकिन ध्यान रखें, इनका इस्तेमाल सावधानी से करें, ताकि अच्छे कीटों को नुकसान न हो।

खेत की देखभाल का आसान फंडा

कीटों से बचने के लिए खेत में पानी का जमाव न होने दें। हर 7-10 दिन में हल्की सिंचाई करें। खरपतवार को साफ करते रहें, क्यूँकि ये कीटों का ठिकाना बनते हैं। पौधों के बीच थोड़ी दूरी रखें, ताकि हवा चलती रहे। अगर शुरू में ही कीट दिखें तो उन्हें हाथ से पकड़कर नष्ट कर दें। ये छोटे कदम आपकी फसल को बचा सकते हैं।

फसल बचाने का सही वक्त

किसान भाइयों, कद्दू की खेती आपकी मेहनत का फल है। रेड पंपकिन बीटल से लड़ने के लिए अभी से तैयारी करें। देसी नुस्खे और कीटनाशक दोनों आजमाएँ। समय रहते कदम उठाएँ तो 40-50 फीसदी नुकसान से बच सकते हैं। खेत को साफ रखें, सही दवा छिड़कें और अपनी फसल को हरा-भरा बनाएँ। मेहनत का पूरा दाम मिलेगा!

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  • Shashikant

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