धान की ये हैं चमत्कारी वैरायटी 4 महीने में 45 क्विंटल की उपज, किसान हो रहे मालामाल!

बिहार हो या देश का कोई और कोना, धान की खेती किसानों के लिए रोटी-रोज़ी का ज़रिया है। लेकिन कई बार मेहनत और पैसे लगाने के बाद भी उतना मुनाफा नहीं मिलता, जितना चाहिए। अगर आप बासमती धान की खेती करते हैं, तो कुछ खास किस्में ऐसी हैं, जो कम समय में अच्छी पैदावार दे सकती हैं और आपकी जेब भर सकती हैं। आज हम बात करेंगे बासमती की उन किस्मों की, जो बिहार के खेतों में कमाल कर रही हैं। ये तरीके इतने आसान हैं कि हमारे गाँव के किसान भाई इन्हें आसानी से अपना सकते हैं।

सही किस्म चुनें

बासमती धान की खेती में सबसे ज़रूरी है सही बीज चुनना। बिहार के पश्चिम चम्पारण जैसे इलाकों में, जहाँ धान और गन्ना मुख्य फसलें हैं, किसान भाई सुगंधा, कस्तूरी और पूसा बासमती-1121 जैसी किस्मों को आजमा रहे हैं। इनका स्वाद, सुगंध और बाज़ार में दाम इतना अच्छा है कि ये किसानों के लिए सोने का अंडा दे सकती हैं। बिहार के मझौलिया के रविकांत भाई, जो 25 साल से खेती कर रहे हैं, बताते हैं कि सही बीज और थोड़ी सी समझदारी से खेती को मुनाफे का धंधा बनाया जा सकता है।

सुगंधा: खुशबू का खजाना

सुगंधा धान की ऐसी किस्म है, जिसकी खुशबू दूर-दूर तक फैलती है। इसका दाना पकने के बाद इतना सुगंधित होता है कि खिचड़ी हो या कोई तीखा पकवान, हर जगह छा जाता है। बिहार के कई किसान इसे बड़े पैमाने पर उगा रहे हैं। ये किस्म 140 से 150 दिन में पककर तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 30 से 40 क्विंटल तक पैदावार देती है। इसकी खेती के लिए ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं पड़ती, लेकिन अच्छी सिंचाई और मिट्टी की उर्वरता ज़रूरी है। रविकांत भाई का कहना है कि सुगंधा की खेती में खाद का सही इस्तेमाल और समय पर निराई-गुड़ाई मुनाफा दोगुना कर सकती है।

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कस्तूरी: छोटा दाना, बड़ा स्वाद

कस्तूरी धान की बात ही अलग है। इसके दाने छोटे होते हैं, लेकिन स्वाद में मीठापन और खुशबू ऐसी कि खाने वाला उंगलियाँ चाटता रह जाए। ये किस्म ना सिर्फ़ स्वादिष्ट है, बल्कि पौष्टिक तत्वों से भी भरपूर है। बिहार से लेकर देश के कई हिस्सों में इसकी खेती हो रही है। कस्तूरी 115 से 125 दिन में तैयार हो जाती है, जो इसे तेज़ पैदावार वाली किस्म बनाती है। प्रति हेक्टेयर 30 से 40 क्विंटल तक की पैदावार मिलती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी को अच्छे से तैयार करना ज़रूरी है। अगर मिट्टी में जैविक खाद डालें, तो पैदावार और भी बेहतर हो सकती है।

पूसा बासमती-1121: मुनाफे की चाबी

पूसा बासमती-1121 बिहार और उत्तर भारत के किसानों के लिए वरदान है। इस किस्म को खास तौर पर सिंचित इलाकों के लिए बनाया गया है। ये 145 दिन में पककर तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 45 क्विंटल तक की पैदावार दे सकती है। इसके दाने लंबे और पतले होते हैं, जो बाज़ार में ऊँचे दामों पर बिकते हैं। कृषि जानकारों का कहना है कि इसकी खेती में पानी का सही प्रबंधन और कीटों से बचाव बहुत ज़रूरी है। अगर आप अपने खेत में इस किस्म को उगाते हैं, तो समय पर खाद और दवाइयों का छिड़काव करें, ताकि फसल को नुकसान ना हो।

तरोरी: लंबे दानों का जादू

तरोरी बासमती भी एक शानदार किस्म है, जिसकी खेती ज़्यादा तो हरियाणा में होती है, लेकिन बिहार के कुछ इलाकों में भी इसे आजमाया जा रहा है। इसके दाने लंबे, पतले और खुशबूदार होते हैं, जो बाज़ार में अच्छा दाम दिलाते हैं। ये 135 से 140 दिन में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 30 से 40 क्विंटल की पैदावार देती है। तरोरी की खेती में मिट्टी की अच्छी तैयारी और सही समय पर बुवाई बहुत ज़रूरी है। अगर आप इसे बिहार की मिट्टी में उगाना चाहते हैं, तो पहले मिट्टी की जाँच करा लें, ताकि सही खाद का इस्तेमाल हो सके।

खेती के लिए कुछ देसी नुस्खे

बासमती धान की खेती में मुनाफा कमाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। सबसे पहले, खेत को अच्छे से तैयार करें। गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालने से मिट्टी की ताकत बढ़ती है। दूसरा, बीज को बुवाई से पहले उपचारित करें, ताकि बीमारियाँ ना लगें। तीसरा, पानी का सही प्रबंधन करें। बासमती को ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं, लेकिन सही समय पर सिंचाई ज़रूरी है। आखिरी बात, कीटों और खरपतवार से बचाव के लिए समय-समय पर जाँच करते रहें। अगर आप ये छोटी-छोटी बातें ध्यान में रखेंगे, तो आपकी फसल ना सिर्फ़ अच्छी होगी, बल्कि बाज़ार में अच्छा दाम भी देगी।

बासमती धान की खेती बिहार के किसानों के लिए मुनाफे का शानदार ज़रिया हो सकती है। सुगंधा, कस्तूरी, पूसा बासमती-1121 और तरोरी जैसी किस्में ना सिर्फ़ कम समय में तैयार होती हैं, बल्कि बाज़ार में इनकी माँग भी ज़्यादा है। अगर आप इन किस्मों को सही तरीके से उगाते हैं, तो कम खर्च में ज़्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। बस ज़रूरत है थोड़ी सी मेहनत, सही जानकारी और देसी तरीकों की। तो देर ना करें, अपने खेत के लिए सही किस्म चुनें और खेती को मुनाफे का धंधा बनाएं।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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