Rice Procurement: हरियाणा के करनाल जिले की अनाज मंडियों में पूसा बासमती 1509 धान की आवक तेज हो गई है। किसानों के चेहरे पर मुस्कान है, क्योंकि इस बार दाम पिछले सीजन से कहीं ज्यादा मिल रहे हैं। अगेती किस्म पूसा बासमती 1509 की कटाई शुरू हो चुकी है, और मंडियों में इसकी बिक्री से किसानों को राहत मिली है। पड़ोसी उत्तर प्रदेश के किसानों के बाद अब स्थानीय उत्पादक अपनी फसल ला रहे हैं।
मंडियों में आवक का हाल
करनाल की 6 प्रमुख मंडियों करनाल, इंद्री, घरौंडा, तरावड़ी, नीलोखेड़ी, और जुंडला में अब तक 72,850 मीट्रिक टन पूसा 1509 की आवक हो चुकी है। पिछले सीजन की कुल आवक 1,38,269 मीट्रिक टन थी, जो बताता है कि आने वाले दिनों में यह और बढ़ेगी। करनाल मंडी में सबसे ज्यादा 50,105 मीट्रिक टन, इंद्री में 12,210 मीट्रिक टन, घरौंडा में 6,655 मीट्रिक टन, तरावड़ी में 3,834 मीट्रिक टन, नीलोखेड़ी में 10 मीट्रिक टन, और जुंडला में 37 मीट्रिक टन आवक दर्ज हुई है। बारिश की वजह से आवक थोड़ी धीमी है, लेकिन व्यापारियों को उम्मीद है कि कटाई बढ़ने से मंडियां भर जाएंगी।
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किसानों को मिल रहे दाम
इस बार पूसा बासमती 1509 के दाम 2,400 से 3,250 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं, जबकि पिछले सीजन में 2,000 से 2,800 रुपये थे। किसान चरण सिंह ने अपनी 10 एकड़ फसल 3,000 रुपये प्रति क्विंटल बेची, जो पिछले साल के 2,425 रुपये से ज्यादा है। बलदी गांव के बलबीर सिंह ने 2,925 रुपये प्रति क्विंटल पाकर राहत की सांस ली, जबकि पिछले साल 2,650 रुपये मिले थे। बढ़ती लागत के बावजूद बेहतर दाम से किसानों को फायदा हो रहा है। व्यापारी कहते हैं कि कटाई बढ़ने पर दाम स्थिर रहेंगे।
पूसा बासमती 1509: अगेती किस्म का कमाल
पूसा बासमती 1509 धान की अगेती किस्म है, जो रोपाई के 115-120 दिनों में तैयार हो जाती है। पारंपरिक बासमती को 140-150 दिन लगते हैं। प्रति एकड़ 20-25 क्विंटल उपज देती है, जो अन्य बासमती से ज्यादा है। जल्दी कटाई से किसान समय बचाते हैं और अच्छा दाम पाते हैं। यह किस्म ज्यादा उत्पादन और बाजार में मांग के कारण किसानों की पसंद बनी हुई है।
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