पूसा इंस्टीट्यूट की मानसून एडवाइजरी, धान और सब्जियों की फसल को बचाने के टिप्स

बरसात का मौसम किसानों के लिए चुनौतियां और अवसर दोनों लेकर आता है। खेतों में कहीं पानी भरा है, तो कहीं सूखे की स्थिति है। ऐसे में पूसा नई दिल्ली के कृषि वैज्ञानिकों ने धान और सब्जियों की फसलों के लिए खास एडवाइजरी जारी की है। यह सलाह किसानों को फसलों को कीटों और रोगों से बचाने के साथ-साथ पैदावार बढ़ाने में मदद करेगी। आइए जानें धान, मटर, गाजर, और अन्य सब्जियों की खेती के लिए जरूरी टिप्स।

धान की फसल पर विशेष निगरानी

धान की फसल इस समय बाली बनने की अवस्था में है, इसलिए कीटों से सावधान रहें। पूसा की एडवाइजरी के मुताबिक, तना छेदक कीट की निगरानी के लिए प्रति एकड़ 3-4 फेरोमोन प्रपंच लगाएं। अगर कीट का प्रकोप बढ़े, तो करटाप 4% दाने 10 किलोग्राम प्रति एकड़ बुरकाव करें। इसके अलावा, ब्राउन प्लांट हॉपर का खतरा भी हो सकता है। इसके लिए पौधों के निचले हिस्से की जांच करें और जरूरत पड़ने पर इमिडाक्लोप्रिड (1.0 मिली/3 लीटर पानी) का छिड़काव करें। बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए छिड़काव से बचें और जल निकासी का ध्यान रखें।

अगेती मटर और गाजर की बुवाई का समय

सितंबर में अगेती मटर की बुवाई के लिए बीज तैयार करें। पूसा प्रगति, पंत मटर-3, और आर्किल जैसी उन्नत किस्में चुनें। साथ ही, गाजर की बुवाई मेड़ों पर करें। पूसा रूधिरा किस्म की 4 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज दर उपयुक्त है। बुवाई से पहले बीज को केप्टान (2 ग्राम/किलोग्राम बीज) से उपचारित करें। खेत में गोबर खाद, पोटाश, और फास्फोरस डालें। अच्छे अंकुरण के लिए मिट्टी में नमी बनाए रखें। यह तरीका गाजर की पैदावार बढ़ाने में कारगर है।

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सब्जियों की देखभाल और कीट प्रबंधन

टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूलगोभी, और पत्तागोभी में फल छेदक, शीर्ष छेदक, और डायमंड बैक मोथ कीटों की निगरानी करें। प्रति एकड़ 3-4 फेरोमोन प्रपंच लगाएं और जरूरत पड़ने पर स्पिनोसैड (1.0 मिली/4 लीटर पानी) का छिड़काव करें। भिंडी, मिर्च, और बैंगन में माइट, जैसिड, और हॉपर कीटों पर नजर रखें। रात में प्रकाश प्रपंच का इस्तेमाल करें, जिसमें पानी और कीटनाशक मिलाकर बल्ब जलाएं। यह कीटों को आकर्षित कर नष्ट करता है। कद्दूवर्गीय सब्जियों को बारिश से बचाने के लिए लताओं को ऊपर चढ़ाने की व्यवस्था करें।

अन्य फसलों के लिए सलाह

सितंबर में सरसों साग (पूसा साग-1), मूली (समर लौंग, पूसा चेतकी), पालक (ऑल ग्रीन, पूसा ज्योति), और धनिया (पंत हरितमा) की बुवाई मेड़ों पर करें। अच्छे अंकुरण के लिए मिट्टी में नमी जरूरी है। खेतों में जल निकासी का प्रबंध करें, ताकि बारिश का पानी फसलों को नुकसान न पहुंचाए। यह सलाह फसलों को स्वस्थ और उत्पादक बनाएगी।

किसान भाइयों, पूसा की इस एडवाइजरी को फॉलो करें। धान में कीटों की निगरानी करें और सही समय पर दवाओं का इस्तेमाल करें। अगेती मटर और गाजर की बुवाई शुरू करें। सब्जियों को कीटों और बारिश से बचाने के लिए फेरोमोन प्रपंच और प्रकाश प्रपंच का उपयोग करें। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें और वैज्ञानिक सलाह लें। सही प्रबंधन से आपकी फसल रोगमुक्त रहेगी और मुनाफा बढ़ेगा।

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  • Shashikant

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