Pyaj Ka Kand Kaise Badhayen : मार्च का महीना आधा बीत चुका है और इसके साथ ही मौसम में गर्मी बढ़ने लगी है। तापमान धीरे-धीरे चढ़ रहा है, जिसका असर खेतों में होने वाली फसलों पर पड़ता है। इस समय प्याज की खेती के लिए खास ध्यान देना ज़रूरी है, क्योंकि ये महीना प्याज की फसल के लिए बहुत अहम होता है। अगर सही तरीके से देखभाल की जाए, तो किसान भाई अच्छी पैदावार और मुनाफा कमा सकते हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र के पौधा संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. मुकुल कुमार बताते हैं कि मार्च में प्याज की सही देखभाल न करने से पैदावार कम हो सकती है। लेकिन सही पोषण और सिंचाई के तरीकों से फसल को बेहतर बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि मार्च में प्याज की खेती कैसे करें।
मार्च में प्याज की खेती का महत्व
मार्च का महीना प्याज की फसल के लिए खास होता है, क्योंकि इस समय तापमान बढ़ने से फसल की बढ़त और कंद बनने की प्रक्रिया तेज़ होती है। लेकिन गर्मी के साथ नमी का संतुलन बिगड़ सकता है, जिसका असर पैदावार पर पड़ता है। डॉ. मुकुल कुमार कहते हैं कि इस मौसम में अगर सही देखभाल की जाए, तो प्याज के कंद बड़े, मजबूत और अच्छी क्वालिटी के हो सकते हैं। सही समय पर खाद और पानी का इंतज़ाम करके किसान अपनी फसल को नुकसान से बचा सकते हैं और बाज़ार में अच्छी कीमत पा सकते हैं।
पोषक तत्वों का सही इस्तेमाल
प्याज की फसल को इस समय भरपूर पोषण देना बहुत ज़रूरी है। डॉ. मुकुल बताते हैं कि प्याज की गांठ बनने के दौरान नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की सही मात्रा देनी चाहिए। खेत में 20 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति एकड़ की दर से डालें। इसके साथ ही 10 किलोग्राम पोटाश और 5 किलोग्राम सल्फर का छिड़काव करें। इससे प्याज के कंद मजबूत और बड़े बनते हैं। इसके अलावा, बोरॉन और जिंक सल्फेट का छिड़काव भी करें। ये सूक्ष्म पोषक तत्व प्याज की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं, फसल जल्दी पकती है और कंद का आकार भी बेहतर होता है। सही पोषण से फसल की सेहत और पैदावार दोनों में फायदा होता है।
सही सिंचाई का ध्यान
मार्च में बढ़ती गर्मी की वजह से खेत की नमी तेज़ी से खत्म होती है। ऐसे में प्याज की सिंचाई पर खास ध्यान देना पड़ता है। डॉ. मुकुल कुमार सलाह देते हैं कि प्याज की फसल को हर 7-10 दिन में हल्की सिंचाई करें। इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और पेड़ की जड़ें स्वस्थ रहती हैं। लेकिन पानी ज्यादा न डालें, वरना जड़ें गल सकती हैं। सही मात्रा में पानी देना ज़रूरी है, क्योंकि नमी का संतुलन प्याज की बढ़त के लिए बहुत अहम है। गर्मी में ये छोटा सा कदम फसल को बचा सकता है।
खरपतवार से बचाव
खेत में खरपतवार का होना प्याज की फसल के लिए मुसीबत बन सकता है। खरपतवार पोषक तत्वों को सोख लेते हैं और फसल की बढ़त में रुकावट डालते हैं। डॉ. मुकुल कहते हैं कि खेत को साफ रखें और समय-समय पर खरपतवार हटाएँ। इससे प्याज के पौधों को पूरा पोषण मिलेगा और कंद अच्छे से विकसित होंगे। साफ-सफाई और सही देखभाल से फसल की क्वालिटी और मात्रा दोनों बढ़ती है।
सही देखभाल से अच्छी पैदावार
मार्च में प्याज की खेती को सफल बनाने के लिए सही पोषण, सिंचाई और खरपतवार से बचाव बहुत ज़रूरी है। नाइट्रोजन, पोटाश, सल्फर और सूक्ष्म पोषक तत्वों का सही इस्तेमाल करें। हर 7-10 दिन में हल्की सिंचाई करें और खेत को खरपतवार से मुक्त रखें। इन आसान उपायों से प्याज के कंद बड़े, मजबूत और बाज़ार के लिए तैयार हो सकते हैं। डॉ. मुकुल कुमार का कहना है कि थोड़ी सी सावधानी से किसान अपनी मेहनत का पूरा फल पा सकते हैं। गर्मी का मौसम प्याज की खेती के लिए चुनौती भरा हो सकता है, लेकिन सही जानकारी के साथ ये मुनाफे का सुनहरा मौका भी है।
ये भी पढ़ें- बंपर लौकी की पैदावार के लिए अपनाएं ये 5 आसान तरीके, मुनाफा होगा दोगुना, कृषि वैज्ञानिक की खास सलाह