रबी 2025-26 के लिए सस्ते उर्वरक तय, केंद्र ने 37,952 करोड़ की सब्सिडी को दी मंजूरी

रबी सीजन की शुरुआत होते ही किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 अक्टूबर 2025 को रबी 2025-26 (1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026) के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक (P&K) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) दरों को मंजूरी दे दी है। इसकी अनुमानित बजटीय आवश्यकता 37,952.29 करोड़ रुपये है, जो खरीफ 2025 के 736 करोड़ रुपये अधिक है। यह निर्णय अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक कीमतों के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि किसानों को डीएपी, एनपीके, एमओपी और सल्फर जैसे उर्वरकों पर सस्ती दरें मिल सकें।

P&K उर्वरकों पर किफायती दरें

केंद्र सरकार किसानों को सस्ते उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए NBS योजना के तहत काम कर रही है। यह सब्सिडी डीएपी और एनपीकेएस ग्रेड सहित सभी P&K उर्वरकों पर लागू होगी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यूरिया, डीएपी और अन्य आदानों की कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन मंत्रिमंडल के इस फैसले से किसानों को बाजार मूल्य से 30-40% कम दर पर उर्वरक मिलेंगे। इससे रबी फसलों जैसे गेहूँ, सरसों, चना और दालों की बुवाई में लागत कम होगी। कृषि मंत्रालय के अनुसार, यह कदम किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगा। पिछले रबी सीजन में भी ऐसी सब्सिडी से 2.5 करोड़ टन उर्वरक वितरित हुए थे।

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गेहूँ-दालों की बुवाई में 20% खर्च बचत

रबी 2025-26 में गेहूँ की बुवाई नवंबर से शुरू होगी, और P&K उर्वरक इन फसलों की जड़ों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी हैं। सब्सिडी से डीएपी की कीमत 1,350 रुपये/50 किग्रा बैग रहेगी, जबकि बाजार में 2,000 रुपये से ऊपर है। इससे प्रति एकड़ 500-800 रुपये की बचत होगी। चना और सरसों जैसे तिलहन-दलहन फसलों में भी फॉस्फोरस की मांग ज्यादा है, और यह सब्सिडी उत्पादकता 10-15% बढ़ा सकती है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसान सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे, जहाँ रबी फसलें प्रमुख हैं। सरकार का अनुमान है कि 37,952 करोड़ से 1.5 करोड़ टन उर्वरक किसानों तक पहुँचेगा।

सब्सिडी कैसे मिलेगी

सब्सिडी उर्वरक कंपनियों को सीधे दी जाएगी, जो इसे किसानों तक सस्ते दामों पर पहुँचाएँगी। किसान नजदीकी सहकारी समितियों या अधिकृत डीलरों से उर्वरक खरीद सकेंगे। पात्रता के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड या आधार-लिंक्ड खरीद जरूरी है। आवंटन राज्यवार होगा, ताकि कमी न हो। अगर आपके क्षेत्र में उर्वरक की कमी हो, तो कृषि विभाग की हेल्पलाइन 155261 पर शिकायत करें। पिछले सीजन में DBT से सब्सिडी ट्रांसफर हुई थी, लेकिन इस बार भी कंपनियों को समयबद्ध वितरण के निर्देश दिए गए हैं।

किसानों के लिए सलाह

यह सब्सिडी रबी बुवाई के लिए वरदान है, लेकिन सही उपयोग से ही फायदा होगा। बुवाई से पहले मिट्टी परीक्षण करवाएँ, ताकि NPK की सही मात्रा पता चले। गेहूँ के लिए 120:60:40 किग्रा/हेक्टेयर का अनुपात रखें। डीएपी बेसल डोज के रूप में डालें, और यूरिया टॉप ड्रेसिंग में। जैविक खाद के साथ मिलाकर उपयोग करें, ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे। जल संरक्षण के लिए ड्रिप इरिगेशन अपनाएँ। अगर आप छोटे किसान हैं, तो सहकारी समितियों से उर्वरक बुक करें। यह सब्सिडी न केवल लागत बचाएगी, बल्कि MSP (गेहूँ 2,585 रुपये/क्विंटल) के साथ मुनाफा बढ़ाएगी।

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  • Shashikant

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